केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी ताकत साबित करने और कांग्रेस में पुरुष नेताओं से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए महिलाओं को आरक्षण देने की जरूरत नहीं थी. एनडीटीवी की खबर के अनुसार रविवार को नागपुर में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा एक प्रदर्शनी के उद्घाटन पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा- वह महिला आरक्षण के विरोध में नहीं थे बल्कि जाति और धर्म के आधार पर राजनीति के खिलाफ थे.
उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी ने अन्य समर्पित पुरुष नेताओं के बीच अपनी पार्टी में अपनी भूमिका साबित की. क्या यह आरक्षण के कारण था? उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन जैसी महिला बीजेपी नेताओं ने बिना किसी आरक्षण के राजनीति में अच्छा काम किया है. उन्होंने आगे कहा- मैं महिला आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं. महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए. मैं इसके विरोध में नहीं हूं.
मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- हालांकि एक व्यक्ति ज्ञान के आधार पर उत्कृष्टता प्राप्त करता है न कि भाषा, जाति, धर्म या क्षेत्र के कारण. व्यक्ति ज्ञान के आधार पर प्रगति करता है. क्या हम साईंबाबा, गजानन महाराज या संत तुकडोजी महाराज के धर्म के बारे में पूछते हैं? क्या हमने कभी छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर या ज्योतिबा फुले की जाति के बारे में पूछा है? मैं जाति और धर्म पर आधारित राजनीति के खिलाफ हूं.
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