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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के RSS का निमंत्रण स्वीकार करने पर घमासान

संघ के कार्यक्रम में स्पीच देने का निमंत्रण स्वीकार करने पर कांग्रेस के कुछ नेता प्रणब मुखर्जी से नाराज हो गए हैं

Updated On: May 29, 2018 02:11 PM IST

FP Staff

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के RSS का निमंत्रण स्वीकार करने पर घमासान

पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के हेडक्वार्टर नागपुर में उसके एक कार्यक्रम को संबोधित करने के न्यौते को स्वीकार कर लेने के फैसले पर देश भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस तरह के निमंत्रण को अपने कार्यक्रमों की पुरानी परंपरा बताया है. उसने पूर्व राष्ट्रपति के इसमें आने की स्वीकृति देने के लिए उनका आभार जताया है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यदि इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शामिल होते हैं तो यह अच्छी बात होगी. उन्होंने उनके इसमें शामिल होने पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, आरएसएस इसी देश की एक संस्था है. इसलिए उसपर सवाल उठाना गलत है.

वहीं कांग्रेस के कुछ नेता प्रणब मुखर्जी के इस फैसले से नाराज हो गए हैं. संदीप दीक्षित ने कहा कि 'सांप्रदायिकता और हिंसा को लेकर प्रणब मुखर्जी आरएसएस की भूमिका पर पहले सवाल उठा चुके हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को यह बातें पता होंगी. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि आरएसएस जैसी राष्ट्रविरोधी कोई संस्था नहीं है. इसे इस देश में नहीं होना चाहिए.'

जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने प्रणब मुखर्जी का बचाव करते हुए कहा, वो (प्रणब मुखर्जी) एक बुद्धमिान व्यक्ति हैं. वह भारत के राष्ट्रपति रहे हैं. उनकी पंथनिरपेक्ष सोच है. इसलिए ऐसा नहीं लगता कि उनके वहां जाने से उनके व्यवहार में कोई बदलाव आएगा. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'इस बारे में पूर्व राष्ट्रपति खुद ही जवाब दे सकते हैं. उनको निमंत्रण मिला, वो जा रहे हैं तो इसका जवाब वही दे सकते हैं.'

सोशल मीडिया पर भी आम लोग इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा उनके (प्रणब मुखर्जी) आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने से आरएसएस के बारे में फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश होगा.

विशेष गर्ग नाम के एक यूजर ने लिखा, प्रणब मुखर्जी ही नहीं बल्कि गांधी जी और अंबेडकर जी भी आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल हुए हैं.

एक अन्य यूजर ने ट्वीट कर आश्चर्य जताया कि देश के पूर्व राष्ट्रपति और लंबे समय से कांग्रेस में रहे प्रणब मुखर्जी आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. यह हास्यास्पद है. कांग्रेस अब कैसे कह सकेगी कि वो धर्मनिरपेक्ष है.

एक अन्य यूजर ने इसपर चुटकी लेते हुए लिखा, प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार कर लेना एक महत्वपूर्ण बात है. राहुल गांधी 100 फीसदी सही कहते हैं कि आरएसएस ने भारत के सभी संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है, इसमें कांग्रेस पार्टी और उसकी लीडरशिप भी शामिल है.

सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को आरएसएस ने नागपुर में 7 जून को भावी 'प्रचारकों' को राष्ट्रवाद पर व्याख्यान देने का निमंत्रण दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है.

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