पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टी एस कृष्णामूर्ति ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना उचित होगा.
उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘कर्नाटक में हालात की वजह से अगर सरकार गठित नहीं हो सकती तो सही चीज राष्ट्रपति शासन लगाना होगा.’
बीजेपी, कांग्रेस और जेडी(एस) तीनों ही दलों के पास बहुमत नहीं होने की स्थिति में पूर्व सीईसी ने कहा कि उनकी राय है कि राज्यपाल वजुभाई बाला को 3 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए और इस समयावधि में भी यदि कोई सरकार गठित नहीं होती है तो विधानसभा को भंग कर नया चुनाव कराना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं कह रहा कि राष्ट्रपति शासन समाधान है लेकिन इससे समय, पैसे, विधायकों की खरीद-फरोख्त, पद के लिए सौदेबाजी और ऐसी ही दूसरी चीजों से बचा जा सकता था.’
हाल में संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. कांग्रेस को 78 सीटें जबकि जनता दल सेकुलर को 39 सीटें मिली हैं. वहीं राज्य की 2 सीटों पर 28 मई को चुनाव होना है. यहां अलग-अलग वजहों से मतदान टाल दिया गया था.
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