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शांति भंग करने की कोशिश में असम में ममता बनर्जी पर FIR

असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट जारी हो चुका है. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.90 करोड़ आवेदक वैध पाए गए हैं. 40 लाख आवेदकों का नाम ड्राफ्ट से गायब है

Updated On: Jul 31, 2018 09:27 PM IST

FP Staff

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शांति भंग करने की कोशिश में असम में ममता बनर्जी पर FIR

असम NRC मुद्दे पर डिब्रुगढ़ जिले के नाहरकटिया पुलिस थाने में ममता बनर्जी के खिलाफ एफआईआर हुआ है. ममता पर प्रदेश की सांप्रदायिक सद्भावना को नुकसान पहुंचाने की कोशिश का आरोप लगाया गया है.

यह एफआईआर जगदीश सिंह, मृदुल कलिता और अमुल्य चेंगलारी नाम के तीन लोगों ने दर्ज करवाई है. ये तीनों बीजेपी युवा मोर्चा के सदस्य बताए जा रहे हैं. एफआईआर के मुताबिक ममता बनर्जी असम में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और NRC की शांतिपूर्ण प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं. ममता बनर्जी ने एनआरसी से 40 लाख लोगों को बाहर रखने पर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था.

क्या कहा था ममता ने?

दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाली ही नहीं अल्पसंख्यकों, हिंदुओं और बिहारियों को भी एनआरसी से बाहर रखा गया है. 40 लाख से ज्यादा लोगो जिन्होंने कल सत्ताधारी पार्टी के लिए वोट किया था आज उन्हें अपने ही देश में रिफ्यूजी बना दिया गया है. ममता ने कहा, 'वे लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. यह जारी रहा तो देश में खून की नदियां बहेंगी, देश में सिविल वॉर शुरू हो जाएगा.'

ममता बनर्जी ने NRC पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जिन 40 लाख लोगों के नाम एनआरसी से बाहर किए गए हैं वे नेहरू-लियाकत पैक्ट, इंदिरा पैक्ट के मुताबिक वे भारतीय नागरिक हैं. बिहार, तमिलनाडु और राजस्थान के कई लोगों के नाम वहां नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर बंगाली कहें कि वे बंगाल में नहीं रह सकते, अगर दक्षिण भारतीय कहें कि वे उत्तर भारतीयों को नहीं रहने दे सकते इस देश के हालात कैसे होंगे? अगर हम साथ रह रहे हैं तो यह देश हमारे लिए परिवार की तरह है.

कौन सी गलती करना चाहती हैं ममता?

ममता ने यह भी कहा कि किसी भी अच्छी वजह के लिए लड़ना गलत है तो हम ये गलती करेंगे. उन्होंने नाम न लेते हुए कहा कि सिर्फ एक ही पार्टी के सदस्यों का अधिकार है कि वे देश से प्यार करें.

असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का दूसरा और आखिरी ड्राफ्ट जारी हो चुका है. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.90 करोड़ आवेदक वैध पाए गए हैं. 40 लाख आवेदकों का नाम ड्राफ्ट से गायब है. असम में एनआरसी का पहला ड्राफ्ट पिछले साल दिसंबर के आखिर में जारी हुआ था. पहले ड्राफ्ट में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे.

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