कर्नाटक में किसानों को कर्ज चुकाने या जेल जाने के वारंट भेजे जाने वाले प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर कांग्रेस ने गुरुवार को पलटवार किया. कांग्रेस ने कहा,'प्रधानमंत्री को झूठ बोलने की बुरी आदत है जबकि कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) की साझी सरकार ने किसानों का सरकारी बैंकों का कर्ज भी माफ कर दिया है.'
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के सिलसिले में कांग्रेस की लगभग हर जनसभा में सरकार बनने का दावा करते हुए सरकार बनने के दस दिन के अंदर कर्नाटक और पंजाब की तर्ज पर किसानों का कर्जा माफ करने का वादा कर रहे हैं. इसके विपरीत दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी जनसभा में दावा किया था कि कर्नाटक में किसानों को कर्ज चुकाने के लिए नोटिस या जेल जाने का वारंट जारी किया जा रहा है.
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकार वार्ता में इस बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी को झूठ बोलने की बुरी आदत है. लगता है बचपन से ही ये आदत उनसे छूट नहीं पा रही है और जब प्रधानमंत्री के इतने बड़े पद पर इतनी बड़ी उम्र के जिम्मेदार व्यक्ति झूठ बोलते हैं तो स्वाभाविक तौर पर मन आहत होता है.'
किसान विरोधी है प्रधानमंत्री मोदी
उन्होंने कहा कि कल मीडिया ने एक फोटो जारी किया था कि किस प्रकार से 50,000 से अधिक किसान पैदल , पांव में छाले, हाल बदहाल, कपड़े फटे हुए, प्यासे व भूखे गुहार मांगने आए थे, दूसरी या तीसरी बार, बीजेपी की देवेंद्र फड़नवीस (महाराष्ट्र) सरकार से कि आपका जो कर्ज माफी का वादा था, उसका हुआ क्या. सुरजेवाला ने कहा कि जो कर्नाटक और पंजाब में हमने किया वह अपने आप में एक उदाहरण है.
कर्नाटक में तो कांग्रेस और जेडीएस की साझी सरकार ने किसानों का सरकारी बैंकों का कर्ज भी माफ कर दिया और पंजाब में बाकायदा हमारे मुख्यमंत्री जिलावार जा रहे हैं, वित्तमंत्री के साथ और किसान को उसकी कर्ज माफी का प्रमाणपत्र हाथ में देकर आ रहे हैं. अच्छा होता यदि आदरणीय प्रधानमंत्री भी किसी दिन हमारे साथ चलें और थोड़ा समय गुजार कर देखें, तो सच्चाई पता चल जाएगी.'
अगर एक दर्जन उद्योगपतियों का कर्ज माफ हो सकता हैं तो देश के 62 करोड़ किसानों का क्यों नहीं?
उन्होंने कहा, ‘एक बात और जोड़ना है. ये ऐसे किसान विरोधी हैं, आदरणीय नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने संसद के पटल पर राहुल गांधी के प्रश्न के जवाब में कहा कि मोदी सरकार के पास देश के किसान की कर्ज माफी के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं है. शर्म की बात है. इन्हीं प्रधानमंत्री ने, इनके वित्त मंत्री ने संसद के पटल पर लिख कर जवाब दिया कि एक दर्जन उद्योगपतियों का 2,63,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया. अगर एक दर्जन उद्योगपतियों का कर्ज माफ हो सकता हैं तो देश के 62 करोड़ किसान का दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज क्यों नहीं.'
सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्यों भारत सरकार किसान की कर्ज मुक्ति से पीछा छुड़ा रही है जबकि 72,000 करोड़ रुपए का किसानों का कर्ज माफ कर के मनमोहन सिंह सरकार ने इसका उदाहरण पेश किया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने वर्ष 2007 से 2016 तक मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार द्वारा कराए गए निवेश सम्मेलनों में झूठे करार पत्रों के साथ औद्योगिक निवेश के नाम पर विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इस दौरान कुल 12 निवेशक सम्मेलन में शिवराज सरकार ने 6,821 निवेश प्रस्तावों का झांसा मध्य प्रदेश के सम्मुख रखा और कुल 17,49,739 करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश के झूठे सब्जबाग दिखाकर अपनी प्रसिद्धी का ढोल पीटकर पूरे प्रदेश को धोखा दिया.
जबकि विशेषज्ञों के अनुसार वास्वत में निवेश के इतने भारी भरकर राशि के प्रस्तावों में से केवल 50,000 करोड़ का निवेश भी जमीन पर नहीं आ पाया. सुरजेवाला ने कहा कि पॉवर प्लांट में निवेश के नाम पर भी मध्य प्रदेश के साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ. शिवराज सरकार ने 36,160 मेगावॉट बिजली पैदा करने वाले 1,34,075 करोड़ रुपए के 27 करार करने की बात कही जबकि 27 बिजलीघरों में से एक भी चालू नहीं हो पाया.
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