दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों के नतीजे गुरुवार को घोषित हो गए हैं. इन चुनावों में ABVP ने तीन पदों पर जीत हासिल की है. प्रेसिडेंट पद जीतने वाले ABVP उम्मीदवार अंकिव बसोया को 20,457 वोट मिले हैं. वाइस प्रेसिडेंट के लिए ABVP उम्मीदवार शक्ति सिंह को 23,046 मिले. जॉइंट सेक्रेटरी पद जीतने वाली ABVP उम्मीदवार ज्योति चौधरी को 19,353 वोट हासिल हुए हैं. सेक्रेटरी पद जीतने वाले NSUI उम्मीदवार आकाश चौधरी को 20,198 वोट मिले हैं.
छात्र संगठनों की शिकायत के बाद गुरुवार को निर्वाचन आयोग ने मतगणना पर कुछ देर के लिए रोक लगा दी थी. दोपहर में कई ईवीएम में खराबी की शिकायत के बाद सभी छात्र संगठनों ने दोबारा से चुनाव कराने पर सहमति जता दी थी, लेकिन देर शाम तक अचानक ही वोटों की गिनती दोबारा शुरू कर दी गई. गुरुवार को सुबह मतगणना शुरू होने के कुछ घंटे बाद से ही ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें आनीं शुरू हो गई थीं.
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने डूसू चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. आप नेता दिलीप पांडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की वकालत करने वाली सरकार देश में छात्रसंघ का चुनाव सही से नहीं करवा पा रही है.
ईवीएम में नौवां बटन नोटा का था
दिल्ली सरकार के मंत्री और आप के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष गोपाल राय कहते हैं, 'एक तरफ सरकार और चुनाव आयोग द्वारा भरोसा दिया जा रहा है कि ईवीएम हर तरह से सुरक्षित है और इससे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराया जा सकता है. मगर बीजेपी की केंद्र सरकार डूसू चुनाव सुचारु और पारदर्शी रूप से नहीं करा सकती है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का नारा वास्तव में लागू करने के लिए है या देश को धोखा देने के लिए है.'
गोपाल राय ने कहा कि डूसू चुनाव में सचिव के पद पर आठ उम्मीदवारों के अलावा ईवीएम में नौवां बटन नोटा का था. बुधवार को मतदान के दौरान ईवीएम में दसवें बटन पर भी 40 वोट पड़ गए. इतना ही नहीं मतदान के एक दिन बाद गुरुवार को हुई मतगणना के दौरान चार मशीनें खराब हो गईं. उन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी के पहले भी उठते रहे सवालों का जिक्र करते हुए कहा कि यह बीजेपी का अगले आम चुनाव में गड़बड़ी कर किसी तरह सत्ता हासिल करने का अभियान है.
राय ने बीजेपी की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि डूसू चुनाव की मतगणना में मशीनें उस समय खराब होने लगीं जिस रांउड से बीजेपी समर्थित एबीवीपी के उम्मीदवार पिछड़ने लगे. उन्होंने आप की छात्र इकाई CYSS और AISA के संयुक्त उम्मीदवारों की तरफ से मशीनों की गड़बड़ियों को दूर कर तत्काल मतगणना शुरू करने की प्रशासन और सरकार से मांग की.
नॉर्थ कैंपस में भारी संख्या में पुलिस बल यानी करीब 700 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया
अगर बात करें डूसू चुनाव की तो डीयू के सभी कॉलोजों को मिलाकर कुल 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे. डूसू चुनाव में लगभग 1.35 लाख छात्रों ने 23 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने के लिए वोट डाला था. जानकारों का मानना है कि डूसू चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रत्याशी के बीच चल रहा है. आम आदमी पार्टी (आप) की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति(सीवाईएसएस) ने वामपंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के साथ गठबंधन किया है.
एनएसयूआई ने इन चुनावों में दिल्ली विश्वविद्यालय को ‘उत्कृष्ट संस्थान’ का दर्जा दिलाने और दस रुपए की थाली का वादा किया है जबकि एबीवीपी ने छात्र संघ का 50 फीसदी बजट महिलाओं और सामाजिक न्याय संबंधित गतिविधियों पर खर्च करने, खेलों को बढ़ावा देने और कॉलेज परिसरों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाने का वादा किया है.
नॉर्थ कैंपस में भारी संख्या में पुलिस बल यानी करीब 700 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक वरिष्ठ संकाय सदस्यों को केंद्रों पर पर्यवेक्षकों के तौर पर तैनात किया गया और करीब 700 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें लगाई गईं.
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