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महाराष्ट्र: फड़णवीस- जब लालू-नीतीश एकसाथ आ सकते हैं, तो बीजेपी-शिवसेना क्यों नहीं?

बीजेपी आगामी चुनाव शिवसेना के साथ मिलकर लड़ना चाहती है. ‘पॉलिटिकल रियलिटी’ का भी यही तकाजा है

Updated On: Oct 29, 2018 09:06 PM IST

FP Staff

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महाराष्ट्र: फड़णवीस- जब लालू-नीतीश एकसाथ आ सकते हैं, तो बीजेपी-शिवसेना क्यों नहीं?

महाराष्ट्र में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में प्रदेश की राजनीतिक पार्टियां अभी से ही जोड़ तोड़ में जुट गई हैं. एनडीए सरकार में सहयोगी और महाराष्ट्र में प्रमुख दल शिवसेना और बीजेपी के बीच के रिश्ते की कड़वाहट जगजाहिर है. लेकिन फिर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच दोबारा गठबंधन की संभावना जताई है.

फड़णवीस का कहना है कि अगर बिहार में लालू प्रसाद यादव-नीतीश कुमार जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदी हाथ मिला सकते हैं, तो 25 साल पुराने सहयोगी बीजेपी और शिवसेना फिर से एक साथ क्यों नहीं आ सकती? महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि बेशक दोनों पार्टियों में मतभेद है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इन्हें दूर नहीं किया जा सकता है. अगर आने वाले चुनाव में बीजेपी-शिवसेना साथ आए, तो इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए.

महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने सोमवार को मुंबई में बीजेपी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कही. उन्होंने कहा कि बीजेपी आगामी चुनाव शिवसेना के साथ मिलकर लड़ना चाहती है. उनके मुताबिक ‘पॉलिटिकल रियलिटी’ का भी यही तकाजा है.

सीट शेयरिंग पर बैठकर बात करेंगे:

फड़णवीस ने कहा, 'लोकसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना के साथ सीट शेयरिंग बरकरार रखना चाहेगी. हम एक साथ बैठकर इस पर चर्चा के बाद अंतिम फैसला लेंगे. बातचीत से आपसी मतभेद सुलझाए जा सकते हैं. अगर शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी करना चाहती है, तो कर सकती है. हम साथ मिलकर फैसला लेंगे.'

Uddhav-Devendra

ये तो जगजाहिर है कि शिवसेना पिछले कुछ महीनों से लगातार अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही है. पिछले दिनों शिवसेना की राष्ट्रीय परिषद ने ‘स्वबल’ पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पारित किया था. दूसरी तरफ बीजेपी के नेता बार-बार शिवसेना के साथ चुनावी गठबंधन की बात कर रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है.

इसके पहले बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह ने महाराष्‍ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को 2019 का लोकसभा चुनाव शिवसेना के बिना लड़ने की तैयारी करने को कहा था. उन्‍होंने महाराष्ट्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं को सभी 48 लोकसभा और 288 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने के लिए संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए थे. शाह ने कहा था कि सभी सीटों पर ऐसी स्थिति होनी चाहिए कि तीनों पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस व एनसीपी के एक साथ लड़ने पर भी चुनाव बीजेपी जीते.

 

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