आंदोलन कर रहे किसान नेताओं और महाराष्ट्र सरकार की बैठक खत्म हो गई है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किसानों और आदिवासियों की कई मांगों को मान लिया है. लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई. हालांकि सरकार का कहना है कि कुछ मांगों पर 3 महीने के अंदर काम होगा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आदिवासी किसान मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की. आने वाले 3 महीनों में जो मामले लंबित पड़े हैं सरकार उन पर फैसला लेगी. हालांकि किसानों के प्रतिनिधियों का कहना था कि सरकार लिखित रूप से आश्वासन दे.
किसानों और सरकार के बीच किन मुद्दों पर हुई बातचीत
- आदिवासी और गैर आदिवासी समाज के तीन पीढ़ियों के रहने के दस्तावेज जमा करने की शर्त रद्द की जाए, इस मुद्दे पर राज्य सरकार केंद्र सरकार से सिफारिश करेगी.
- उन 80 फीसदी दावों को सरकार ने नकार दिया था जिनमें जंगल की जमीन आदिवासियों को देने की बात कही गई थी. अब सरकार इस मुद्दे दोबारा सोचेगी.
- वन की जमीन के सभी दावेदारों को अलग अलग दस्तावेज दिए जाएंगे. एक ही दस्तावेज पर सभी के नाम नहीं होंगे.
- वन्य अधिकार नियम को लागू करने के लिए आदिवासी गांव के 50 फीसदी लोगों की उपस्थिति जरूरी थी. अब इसे गांव की जगह पर बड़े क्षेत्र (गांव के अतिरिक्त गांव का हिस्सा भी) को भी ध्यान में रखा जाएगा.
- जिस तरह से सिंधी शरणार्थियों को पुनर्वासन किया गया, उसी प्रकार से बंगाली शरणार्थियों का भी पुनर्वासन किया जाएगा.
- सुखाग्रस्त लोगों को मिलने वाली सभी सहूलियत उपलब्ध कराने पर सरकार निर्णय लेगी.
- सरकार द्वारा आदिवासियों की खेती के लिए अनुदान पर निर्णय लिया गया.
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