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कभी केजरीवाल के खास रहे वीके जैन अब क्यों उनके लिए मुसीबत बन गए हैं?

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव पर कथित हमले के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाया है

Updated On: Feb 23, 2018 07:31 PM IST

Ravishankar Singh Ravishankar Singh

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कभी केजरीवाल के खास रहे वीके जैन अब क्यों उनके लिए मुसीबत बन गए हैं?

दिल्ली की सियासत को हिला कर रख देने वाली थप्पड़ कांड की गूंज अब पीएमओ तक पहुंच गई है. एक तरफ दिल्ली आईएएस एसोसिएशन और डीएएसएस ने शुक्रवार को पीएमओ पहुंच कर अपना विरोध दर्ज कराया, वहीं दूसरी तरफ इस घटना की आंच मुख्यमंत्री केजरीवाल तक पहुंचना भी अब करीब-करीब तय माना जा रहा है.

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की घटना के बाद शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल मीडिया के सामने आए. मीडिया के सामने आकर अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से जांच एजेंसियों के रवैये पर सवाल खड़े किए, उससे यही अंदेशा झलकता है.

एक दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन ने अदालत में अपना बयान बदल दिया. वीके जैन का बयान बदलना केजरीवाल के लिए गले की फांस बन सकता है.

यूं आया नया मोड़

आप विधायकों के द्वारा मुख्य सचिव के साथ मारपीट मामले में तब नया मोड़ आ गया, जब सीएम के एडवाइजर वीके जैन अचानक ही सरकारी गवाह बन गए. वीके जैन इस घटना के प्रमुख गवाह बताए जाते हैं. वीके जैन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार हैं. वीके जैन यूटी कैडर के ही एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. दिल्ली पुलिस ने पिछले बुधवार को भी मुख्य सचिव के साथ मारपीट मामले में इनसे पूछताछ की थी.

दिलचस्प बात यह है कि वीके जैन मुख्य तौर पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सभी फाइलें देखने के साथ उनकी मीटिंग और अधिकारियों के साथ समन्वय का काम करते हैं. इसके अलावा वीके जैन दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ कॉर्डिनेशन का काम भी करते हैं.

1984 बैच के यूटी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे वीके जैन पिछले साल ही सेवामुक्त हुए हैं. रिटायर होने के कुछ दिन बाद ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इनको अपना सलाहकार बना लिया था.

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तीन घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस ने छोड़ा था जैन को

दिल्ली की राजनीति को करीब से जानने वाले कुछ पत्रकारों का कहना है कि वीके जैन दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के भी काफी करीबी माने जाते हैं. रिटायरमेंट के कुछ दिनों के अंदर ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का एडवाइजर बनना यही दर्शाता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीके जैन को 8 सितंबर 2017 को एडवाइजर कम कंसलटेंट बनाया था. दिल्ली सरकार में वीके जैन की नियुक्ति एक साल के लिए की गई थी. वीके जैन रिटायरमेंट से पहले दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के सचिव पद पर थे.

इस घटना के सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश भी अपनी शिकायत में वीके जैन के बारे में जिक्र कर चुके हैं. घटना वाली रात को वीके जैन के बुलावे पर ही देर रात अंशु सीएम आवास पहुंचे थे. जिसके बाद ही उनके साथ मारपीट की बात सामने आई थी.

पिछले दिनों आप के दो विधायकों की गिरफ्तारी के बाद वीके जैन को ही दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले पूछताछ के लिए बुलाया था. दिल्ली पुलिस ने तकरीबन तीन घंटे की पूछताछ के बाद जैन को छोड़ा था.

एक दिन बाद ही बयान से पलटे जैन

तीन दिन पहले हुई पूछताछ में वीके जैन ने दिल्ली पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि मुख्य सचिव के साथ किसी भी तरह की कोई मारपीट की घटना नहीं हुई है, लेकिन एक दिन बाद ही अचानक वीके जैन अपने बयान से पलट गए.

गुरुवार को तीस हजारी कोर्ट में दोनों आरोपी विधायकों की जमानत की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील ने जैन की ओर से दिए गए बयान कोर्ट में पेश किए. दिल्ली पुलिस के वकील ने जैन का बयान कोर्ट में पेश करते हुए कहा, ‘हमारे पास वीके जैन की स्टेटमेंट मौजूद है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को प्रकाश जरवाल और अमानतुल्ला खान ने घेर रखा था. दोनों विधायकों ने मुख्य सचिव के साथ मारपीट की, जिसमें उनका चश्मा नीचे गिर गया.’

दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के आरोप में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के दोनों विधायकों को शुक्रवार को जमानत नहीं मिल पाई. गुरुवार को भी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों की जमानत याचिका को ठुकरा दिया था.

Amanatullah Khan aam aadmi party

बुधवार को तीस हजारी कोर्ट ने ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान और देवली से विधायक प्रकाश जरवाल को मुख्य सचिव के साथ कथित तौर पर मारपीट के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.

कोर्ट में दोनों विधायकों के वकील का कहना था कि इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे दोनों विधायकों की जमानत याचिका खारिज की जा सके. वहीं दिल्ली पुलिस के वकील का कहना था कि इस मामले में अभी भी जांच जारी है, लिहाजा इस स्थिति में दोनों विधायकों को जमानत नहीं दी जाए. जिसके बाद कोर्ट ने विधायकों की याचिका रद्द कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव पर कथित हमले के मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाया है. दरअसल मुख्य सचिव से कथित बदसलूकी मामले में बुधवार को सीएम केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन को भी हिरासत में लिया गया था. हालांकि बाद में पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. वीके जैन बाद में सरकारी गवाह बन गए.

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