सुकमा में नक्सली हमले में 25 जवानों की शहादत के बाद केंद्र सरकार की नक्सल विरोधी रणनीति पर एक बार फिर सवाल उठने लगा है.
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से निपटने सीआरपीएफ की अहम भूमिका है, मगर सीआरपीएफ के महानिदेशक का पद करीब दो महीने से खाली है.
सरकार ने अब तक नियमित महानिदेशक की नियुक्ति नहीं की है. इस बीच, देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल इस अवधि के दौरान दो बड़े हमलों में अपने 38 जवानों को खो चुका है.
किसके पास है जिम्मेदारी?
बीती 28 फरवरी को के. दुर्गा प्रसाद के सीआरपीएफ महानिदेशक के पद से रिटायर होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त महानिदेशक सुदीप लखटकिया को बल के प्रमुख पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा था.
11 मार्च को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए थे, जबकि इसी बल ने आज सुकमा में ही नक्सली हमले में अपने 25 जवान खो दिए.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पूर्णकालिक महानिदेशक की नियुक्ति जल्द ही हो सकती है, लेकिन सीआरपीएफ के अधिकारी बताते हैं कि उन्हें इस बाबत कुछ नहीं बताया गया है .
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पात्र आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल तैयार किया जा चुका है.
लेकिन अगले महानिदेशक का नाम अब तक तय नहीं किया गया है. अधिकारी ने कहा, ‘सरकार सीआरपीएफ के लिए जल्द ही एक पूर्णकालिक महानिदेशक नियुक्त करेगी .’
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