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10% Reservation Debate: लोकसभा में पास हुआ संविधान संशोधन बिल

दिन भर की चर्चा के बाद लोकसभा में 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण बिल के लिए संविधान संशोधन बिल हुआ पास

| January 08, 2019, 10:17 PM IST

FP Staff

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हाइलाइट

Jan 8, 2019

  • 22:03(IST)

    लोकसभा के इस सत्र में कुल 16 बिल पास हुए

  • 21:56(IST)

    लोकसभा में वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौदू हैं

  • 21:55(IST)

    लोकसभा में कुल 323 लोगों ने बिल के समर्थन में वोट दिया, जबकि तीन सदस्यों ने इसके विरोध में वोटिंग की

  • 21:54(IST)

    लोकसभा में संविधानस संसोधन बिल पास हुआ

  • 21:49(IST)

    सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद हैं.

  • 21:43(IST)

    सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद हैं.

  • 21:41(IST)

    गहलोत ने बताया कि भारत सरकार ने गरीब लोगों के लिए सवा सौ से ज्यादा योजनाएं बनाई हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में बिना गारंटी दिए 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को लोन दिया. 4 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार लोन लिया है. 

  • 21:37(IST)

    गरीबी के मापदंड संबंधित सवाल का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि इसका मापदंड गरीबी रेखा मापदंड के आधार पर होगा.

  • 21:35(IST)

    थावरचंद्र गहलोत ने कहा कि जो लोग ऊंची जाति में होने के बाद भी अनुसूचित जाति जन जाति से भी बुरी स्थिति में हैं उन्हें इस आरक्षण के जरिए रोजगार और शैक्षिक स्तर पर समानता का माहौल मिलेगा.

  • 21:34(IST)

    केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने कहा कि पहले आरक्षण के प्रयास बिना संविधान में प्रावधान के तहत किए गए थे. इसलिए उन्हें कोर्ट में चुनौती दी जाती थी. लेकिन हम संविधान में प्रावधान के बाद इसे करेंगे इस लिए इसको कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी. उन्होंने कहा कि यह जल्दबाजी में नहीं हुआ है, इस पर चर्चा हुई है तभी यह पेश किया गया है. 

  • 21:04(IST)

    ओवैसी ने सरकार से सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार मराठा को भी इसी के तहत आरक्षण देने वाले हैं. ओवैसी ने कहा कि सरकार आज जितना भी चाहे जश्न मना ले लेकिन कोर्ट में इसे खारिज कर दिया जाएगा.

  • 21:02(IST)

    ओवैसी ने सवाल किया कि क्या सवर्ण और जागीरदारों ने छुआछूत जैसी सामाजिक असमानता को झेला है

  • 21:01(IST)

    असदुद्दीन ओवैसी ने सदन में इस बिल का विरोध किया. उन्होंने इस बिल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की तौहीन करार दिया. 

  • 21:00(IST)

    सबका साथ सबका विकास में कांग्रेस का भी विकास है: रामदास अठावले

  • 20:58(IST)

    लोकसभा में रामदास अठावले ने कविता पढ़ कर कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला और बीजेपी का समर्थन करते हुए बिल को भी सहमति दी.

  • 19:47(IST)

    महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि सामान्य वर्ग में भी एक तबका ऐसा हो गया है जिसे सहारे की जरूरत है. 

  • 19:44(IST)

    महेंद्र नाथ पांडेय ने सदन में कहा कि मोदी सरकार के दौरान चौगुनी रफ्तार से विकास हुआ है.

  • 19:42(IST)

    लोकसभा सदस्य महेंद्र नाथ पांडेय ने धर्मेंद्र यादव पर तंज कसते हुए कहा कि क्या आप एसपी-बीएसपी की संयुक्त सभा को संबोधित कर रहे हैं

  • 19:41(IST)

    धर्मेंद्र यादव ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि इस सरकार के दौरान दलित, शोषित और पिछड़े वर्गों का सबसे ज्यादा शोषण हुआ है.

  • 19:40(IST)

    समाजवादी पार्टी के सांसद ने भी सदन में नए रोजगार निर्मित किए जाने और खाली पड़े पदों को भरने का अनुरोध किया.

  • 19:39(IST)

    लोकसभा में हंसी ठिठोली का माहौल भी बना हुआ है. लोकसभा अध्यक्ष ने समाजवादी पार्टी के सांसद को याद दिलाया कि नेताजी तो मुलायम सिंह यादव हैं. दरअसल सांसद धर्मेंद्र यादव गलती से अखिलेश यादव को नेताजी बोल बैठे थे. बाद में उन्होंने बात संभलाते हुए कहा कि दोनों एक ही हैं.

  • 19:05(IST)

    रामविलास पवासन ने सामान्य श्रेणी के आरक्षण को लेकर तीन मांगें की हैं. उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत को 9 वीं अनुसूची में डाल दिया जाएगा. जिससे इसे अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी. उन्होंने निजी क्षेत्र और भारतीय न्यायिक सेवा में भी 60 प्रतिशत आरक्षण की मांग की.

  • 19:00(IST)

    लोकसभा में रामविलास पासवान ने सरकार से अनुरोध किया कि इस बिल को जल्द से जल्द नौवीं सूची में डाल दिया जाए ताकि इसे बार-बार कोर्ट में ना घसीटा जा सके.

  • 18:22(IST)

    तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने लोकसभा में सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, 'सरकार इस कोटा बिल की तरह ही महिला आरक्षण बिल को प्राथमिकता के साथ क्यों नहीं लेती है? यह बिल केवल नौकरियों के बारे में ही नहीं है, बल्कि झूठी आशाओं और नकली सपनों के साथ युवाओं को गुमराह करने के बारे में भी है.

  • 18:20(IST)

    शिवसेना ने आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण से संबंधित इस बिल का लोकसभा में समर्थन किया है.

  • 18:13(IST)

    AIADMK ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने की मांग की है. थंबीदुरई ने कहा, 'संविधान संशोधन लाएं. 9वीं अनुसूची की बचाव एक स्थाई उपाय नहीं है.

  • 18:08(IST)

    AIADMK नेता एम थंबीदुरई ने लोक सभा में सवाल किया कि क्या सभी सरकारी योजनाएं विफल हो गई हैं? बहुत सारी योजनाएं हैं. साथ ही उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि आपके इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.

  • 18:03(IST)

    कांग्रेस नेता केवी थोमस ने कहा, हम इस कोटा बिल का समर्थन करते हैं, हम इसके खिलाफ नहीं हैं. लेकिन जिस तरीके से यह बिल लाया जा रहा है वह सवाल खड़े करता है. मेरा निवेदन है कि इस बिल को पहल जेपीसी के समक्ष भेजा जाए.

  • 17:59(IST)

    सदन में संबोधन के दौरान जेटली ने कहा कि यह आरक्षण बिल सबका साथ, सबका विकास को सुनिश्चित करता है. उन्होंने इसे समानता के लिए उठाया गया कदम बताया है. जेटली ने कहा कि यह बिल समाज का उत्थान करेगा.

  • 17:56(IST)

    जेटली ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आरक्षण कांग्रेस के जुमला घोषणापत्र में भी था

10% Reservation Debate: लोकसभा में पास हुआ संविधान संशोधन बिल

संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन केंद्र की मोदी सरकार की लोकसभा में आज यानी मंगलवार को बड़ी परीक्षा होनी है. केंद्रीय कैबिनेट से सोमवार को मंजूरी मिलने के बाद सरकार को आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने के विधेयक (संविधान संशोधन विधेयक) को लोकसभा में पेश करना है. सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता यह होगी कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे पास संसद से पास कराया जाए. लोकसभा से पास होने के बाद इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

इसी विधेयक को ध्यान में रखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. संसद का शीतकालीन सत्र 8 जनवरी को खत्म हो रहा था लेकिन राज्यसभा के सभापति ने सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया. वहीं कांग्रेस और बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर मंगलवार को संसद में मौजूद रहने को कहा है.

कांग्रेस समते कई विपक्षी दलों ने भी किया है समर्थन

कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस कदम पर अपना समर्थन व्यक्त किया है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस संसद में इस विधेयक को पारित करने में मदद करेगी, इस पर पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘आर्थिक तौर पर गरीब व्यक्ति के बेटे या बेटी को शिक्षा एवं रोजगार में अपना हिस्सा मिलना चाहिए. हम इसके लिए हर कदम का समर्थन करेंगे.’

अपनी पार्टी का समर्थन व्यक्त करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार से कहा कि वह संसद सत्र का विस्तार करे और इसे तत्काल कानून बनाने के लिए संविधान में संशोधन करे, वरना यह महज ‘चुनावी स्टंट’ साबित होगा.

सरकार को इस विेधेयक को लोकसभा से पास कराने में कोई समस्या नहीं आने वाली है. एनडीए के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और अन्य विपक्षी दलों ने भी इसपर अपनी समर्थन की बात कही है. लेकिन राज्यसभा में इसे लेकर पार्टियों का क्या रुख रहता है, यह देखने वाला होगा क्योंकि सत्ताधारी दल के पास संसद के ऊपरी सदन में बहुमत नहीं है.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi, BJP President Amit Shah, Home Minister Rajnath Singh, Finance Minister Arun Jaitley and External Affairs Minister Sushma Swaraj during BJP Parliamentary Board meeting after Assembly election results, in New Delhi, Thursday, Jan. 03, 2019. (PTI Photo/ Kamal Kishore)(PTI1_3_2019_000183B)

एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत मंगलवार को संसद में विधेयक पेश करेंगे. इस विधेयक के जरिए पहली बार गैर-जातिगत एवं गैर-धार्मिक आधार पर आरक्षण देने की कोशिश की गई है.

क्यों पड़ रही है संविधान संशोधन विधेयक लाने की जरूरत

प्रस्तावित आरक्षण अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को मिल रहे आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के अतिरिक्त होगा, यानी ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ तबकों के लिए आरक्षण लागू हो जाने पर यह आंकड़ा बढकर 60 फीसदी हो जाएगा.

इस प्रस्ताव पर अमल के लिए संविधान संशोधन विधेयक संसद से पारित कराने की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में जरूरी संशोधन करने होंगे.

संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में होगा संशोधन

संविधान संशोधन विधेयक के जरिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में एक धारा जोड़कर शैक्षणिक संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा. अब तक संविधान में एससी-एसटी के अलावा सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन इसमें आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का कोई जिक्र नहीं है.

एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विधेयक पारित हो जाने पर संविधान में संशोधन हो जाएगा और फिर सामान्य वर्गों के गरीबों को शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण मिल सकेगा. उन्होंने कहा, ‘आरक्षण पर अधिकतम 50 फीसदी की सीमा तय करने का कोर्ट का फैसला संविधान में संशोधन का संसद का अधिकार नहीं छीन सकता.’

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi and BJP President Amit Shah wave as they arrive to address BJP party workers after their victory in North-East Assembly election at party headquarters in New Delhi on Saturday. PTI Photo by Kamal Singh (PTI3_3_2018_000145B)

सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी मामले में अपने फैसले में आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा तय कर दी थी. सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित संविधान संशोधन से अतिरिक्त कोटा का रास्ता साफ हो जाएगा.

किसे मिलेगा इसका लाभ

एक सूत्र ने बताया, ‘आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोगों को दिया जाएगा जो अभी आरक्षण का कोई लाभ नहीं ले रहे.’ प्रस्तावित कानून का लाभ ब्राह्मण, राजपूत (ठाकुर), जाट, मराठा, भूमिहार, कई व्यापारिक जातियों, कापू और कम्मा सहित कई अन्य अगड़ी जातियों को मिलेगा. सूत्रों ने बताया कि अन्य धर्मों के गरीबों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा.

इस विधेयक में प्रावधान किया जा सकता है कि जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम और जिनके पास पांच एकड़ से कम कृषि भूमि है, उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सकता है.

सूत्रों ने बताया कि ऐसे लोगों के पास नगर निकाय क्षेत्र में 1000 वर्ग फुट या इससे ज्यादा क्षेत्रफल का फ्लैट नहीं होना चाहिए और गैर-अधिसूचित क्षेत्रों में 200 यार्ड से ज्यादा का फ्लैट नहीं होना चाहिए.

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