प्रधानमंत्री पद को लेकर कांग्रेस ने अपने स्टैंड में बड़ा परिवर्तन किया है. 2019 में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस किसी और के भी नाम पर विचार करने को तैयार है. कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि उसे शीर्ष पद (प्रधानमंत्री) के लिए विपक्ष में से किसी भी ऐसे किसी उम्मीदवार को स्वीकार करने में एतराज नहीं है जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का समर्थन नहीं हो.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार पार्टी के टॉप लेवल सूत्रों ने यह संकेत देते हुए कहा कि बीजेपी को 2019 में सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस राज्यों में विभिन्न दलों का गठबंधन बनाने पर विचार करेगी.
Congress Party President Rahul Gandhi said he would support any candidate who will defeat the Bharatiya Janata Party and Rashtriya Swayamsevak Sangh
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इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संभावित महागठबंधन से किसी महिला उम्मीदवार के लिए प्रधानमंत्री पद की दौड़ से हट जायेंगे, सूत्रों ने कहा कि उन्हें ‘आरएसएस समर्थित किसी को भी छोड़कर प्रधानमंत्री के रुप में देखने में कोई आपत्ति नहीं है.’
I was at the Congress Working Committee meeting on Sunday and I can assure you that the mood around the table was unanimously in favour of alliances and working with other parties: Shashi Tharoor, Congress (24/7/2018) pic.twitter.com/K9LbkqYTDH
— ANI (@ANI) July 25, 2018
सूत्रों ने कहा कि देखते हैं कि आगे स्थितियां कैसी बनती हैं. विपक्षी खेमे में ऐसी अटकलें हैं कि अगले चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी महिला को पेश किया जाए. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की नेता मायावती और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी के नाम की चर्चा चल रही है.
रविवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई पहली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी ने कहा था कि उसकी ओर से राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का चेहरा होंगे. कांग्रेस ने राहुल गांधी को बीजेपी का मुकाबला करने के लिए समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ गठजोड़ करने के लिए नॉमिनेट (अधिकृत) किया है.
बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाना होगा
सूत्रों ने इसे विचारधारा की लड़ाई करार देते हुए कहा कि बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस को सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाना होगा. सूत्रों ने कहा कि पूर्व की तुलना में परिस्थितियां अब बदल चुकी हैं. यह हमारी नियमित राजनीतिक लड़ाई से परे है. ऐसा पहली बार है कि सभी संस्थानों पर हमला किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘आरएसएस जितना ही कांग्रेस पर हमलावर होगा, पार्टी को आगे बढ़ने में उतनी ही मदद मिलेगी.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘दक्षिणपंथ या वामपंथ’ में नहीं बल्कि उदारवाद और व्यावहारिकता में यकीन करती है.
सूत्रों ने कहा कि बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिलेंगी क्योंकि तेलगु देशम पार्टी, शिवसेना जैसे दल उससे खुश नहीं हैं. नरेंद्र मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनने के लिए बीजेपी को 230-240 के दायरे में सीटें हासिल करनी होंगी जो अब होने नहीं जा रहा है.
सूत्रों ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश और बिहार में महागठबंधन अच्छा प्रदर्शन कर जाता है तो मोदी के लिए सत्ता बचाना मुश्किल होगा. उन्होंने दावा किया कि मोदी 2019 चुनाव जीतने के लिए आतुर हैं क्योंकि उन्हें डर है कि यदि वो सत्ता से बाहर आ गए तो आरएसएस और सीबीआई जैसी एजेंसियां उनके पीछे पड़ जाएंगी.
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