कांग्रेस ने अपनी उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का उल्लेख करते हुए विवादित टिप्पणी करने के मामले में शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक विमर्श सभ्य होना चाहिए, लेकिन इसकी मुख्य जिम्मेदारी सत्तारूढ़ पार्टी की है जिसके नेता अक्सर 'अपमानजनक' बयान देते रहते हैं और ऐसे लोगों को राज्यसभा से नवाज दिया जाता है.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि बीजेपी को दूसरी पार्टियों के नेताओं के बयानों पर सवाल करने से पहले इसका आत्मचिंतन करना चाहिए कि उसके लोग किस तरह के बयान देते हैं. उन्होंने कहा, 'हमारा मानना है कि सार्वजनिक विमर्श सभ्य होना चाहिए. सार्वजनिक विमर्श को सभ्य रखने की विपक्ष की भी जिम्मेदारी होती है. लेकिन मुख्य जिम्मेदारी सत्तारूढ़ पार्टी की होती है.
प्रधानमंत्री से लेकर बीजेपी के विभिन्न नेताओं की तरफ से अपमानजनक बातें की जाती हैं. कभी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष तो कभी मौजूदा अध्यक्ष के बारे में ऐसी बातें की जाती हैं जिसे यहां दोहराया नहीं जा सकता है. तिवारी ने कहा, 'ऐसे बयान देने वालों को राज्यसभा से भी नवाज दिया जाता है. इसीलिए अगर आपको दिक्कत है कि दूसरे क्या कह रहे हैं तो पहले खुद आत्मचिंतन करना चाहिए कि आपके नेता और प्रवक्ता क्या बयान दे रहे हैं.'
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज बब्बर ने डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में गिरावट की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वयोवृद्ध माता की उम्र से तुलना कर दी. बीजेपी ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मांग की है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद इसके लिये माफी मांगें.
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