महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया है कि भीमा-कोरेगांव विरोध और हिंसा कोई घटना नहीं थी बल्कि एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- भीमा-कोरेगांव सिर्फ कोई घटना नहीं थी. यह एक बड़े साजिश का हिस्सा थी. इस घटना के बाद हमने कई छापेमारी की और पता लगाया कि वह इस तरह के कई घटनाओं की प्लानिंग कर रहे थे. वह नक्सलियों के साथ मिलकर ये सब करना चाहते थे. कई सूडो लिबरल्स (छद्म उदारवादियों) सुप्रीम कोर्ट गए थे लेकिन फैसला हमारे ही पक्ष में रहा. देवेंद्र फडणवीस ने 16वीं हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में ये बाते कहीं.
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि उन्होंने बाएं-दाएं को नहीं देखा और जिन्होंने भी संविधान के खिलाफ कुछ भी किया उनके खिलाफ एक्शन लिया. आपको बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि देवेंद्र फडणवीस सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी संभाजी भिड़े और उनके साथियों सहित सैकड़ों राजनेताओं पर दर्ज दंगे जैसे कई गंभीर अपराधों को वापस लेने का फैसला किया था. आपको बता दें कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नक्सल कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तारी और फिर नजरबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए ऐक्टिविस्ट् को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया था.
कोर्ट ने साफ कहा था कि ये गिरफ्तारियां राजनीतिक असहमति की वजह से नहीं हुई हैं. कोर्ट ने SIT जांच की मांग खारिज करते हुए ऐक्टिविस्ट्स की हिरासत 4 हफ्ते और बढ़ा दी थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पुणे पुलिस को आगे जांच जारी रखने को भी कहा था. महाराष्ट्र पुलिस ने तेलुगु कवि वरवरा राव को हैदराबाद, कार्यकर्ताओं वरनान गोन्साल्विज और अरुण फरेरा को मुंबई से, श्रमिक संघ कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद से और गौतम नवलखा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
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