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CJI Impeachment Motion LIVE: महाभियोग प्रस्ताव पर RJD, TMC और DMK के सांसदों के दस्तखत नहीं

कांग्रेस ने कहा है कि सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हमें 7 पार्टियों का समर्थन प्राप्त है, 71 सांसदों ने इस पर हस्ताक्षर भी किए हैं

| April 20, 2018, 04:47 PM IST

FP Staff

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हाइलाइट

Apr 20, 2018

  • 16:53(IST)

    महाभियोग पर जेटली का पलटवार: जजों को धमकाने लिए महाभियोग लाई है कांग्रेस

    जज लोया मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक बयान जारी किया है. इस बयान में उन्होंने डीवाई चंद्रचूड़ के लिखे 114 पेज के फैसले का हवाला दिया है. जेटली ने लिखा है कि कैसे एक राष्ट्रीय पार्टी, कुछ रिटायर्ड जज और कुछ वकीलों ने जज लोया मामले के बारे में भ्रामक जानकारियां दीं. जेटली ने जज लोया मौत मामले को झूठ का पुलिंदा करार दिया है जिसका सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पर्दाफाश हो गया.

    वित्त मंत्री जेटली ने कारवां पत्रिका की एक फर्जी खबर का भी हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला बताता है कि 1 दिसंबर 2014 को जज लोया को नागपुर में सीने में दर्द हुआ. उनके साथ दो और जज थे. बाद में कुछ और जज लोया को एक कार में अस्पताल ले गए जहां उनका ईसीजी हुआ. बाद में उन्हें किसी दूसरे कार्डियोलॉजी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया. जब तब वे दूसरे अस्पताल में पहुंचते, उनका दर्द काफी बढ़ गया और उनका निधन हो गया. इलाज के दौरान उनके साथ गए जजों और परिजनों के बयान के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत को प्राकृतिक मौत बताया है. जबकि कारवां पत्रिका ने इस पूरे मामले पर फर्जी खबर चलाई ताकि लोगों के बीच इस मामले को तूल दिया जा सके.

  • 16:50(IST)

    आइए जानते हैं उन पांच कारणों के बारे में जिन्हें आधार बना कर कांग्रेस ने सीजेआई को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

    1- खराब आचरण

    विपक्ष ने सीजेआई के खिलाफ पहला आरोप खराब आचरण का लगाया है. कांग्रेस का आरोप है कि सीजेआई दीपक मिश्र का व्यवहार उनके पद के मुताबिक नहीं है. कांग्रेस का कहना है कि जब से वो चीफ जस्टिस बने हैं तब से कई मौकों पर उनके काम करने के तरीके पर सवाल उठे हैं. कांग्रेस का आरोप है कि कई मामलों में वो सुप्रीम कोर्ट के बाकी जजों की राय तक नहीं लेते.

    2- प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट से फायदा उठाना

    विपक्ष ने सीजेआई पर दूसरा आरोप प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट से फायदा उठाने का लगाया है. विपक्ष का आरोप है कि सीजेआई दीपक मिश्रा ने इस मामले में दाखिल सभी याचिकाओं को प्रशासनिक और न्यायिक परिपेक्ष्य में प्रभावित किया. क्योंकि, वह प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई करने वाली बेंच की अगुवाई कर रहे थे. ऐसा करके उन्होंने जजों के आचार संहिता (code of conduct) और आदर्शों की अवहेलना की.

    3- रोस्टर में मनमाने तरीके से बदलाव

    विपक्ष ने सीजेआई दीपक मिश्रा पर सुप्रीम कोर्ट के रोस्टर में मनमाने तरीके से बदलाव करने का आरोप लगाया है. विपक्ष का कहना है कि सीजेआई ने कई अहम केसों को दूसरे बेंच से बिना कोई वाजिब कारण बताए दूसरे बेंच में शिफ्ट कर दिया. कई अहम मामले जो दूसरी बेंच में विचाराधीन थे, 'मास्टर ऑफ रोस्टर' के तहत सीजेआई ने उन मामलों को भी अपनी बेंच में ट्रांसफर कर लिया.

    4- अहम केसों के बंटवारे में भेदभाव का आरोप

    विपक्ष ने सीजेआई दीपक मिश्रा पर अहम केसों के बंटवारे में भेदभाव का आरोप भी लगाया है. दरअसल, सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज बीएच लोया का केस सीजेआई ने सीनियर जजों के होते हुए जूनियर जज अरुण मिश्रा की बेंच को दे दिया था. जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों ने जब न्यायिक व्यवस्था को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, तब इस मामले को प्रमुखता से उठाया भी था.

    5- जमीन अधिग्रहण का आरोप

    विपक्ष ने सीजेआई पर पांचवा आरोप जमीन अधिग्रहण का लगाया है. विपक्ष के मुताबिक, जस्टिस दीपक मिश्रा ने 1985 में एडवोकेट रहते हुए फर्जी एफिडेविट दिखाकर जमीन का अधिग्रहण किया था. एडीएम के आवंटन रद्द करने के बावजूद ऐसा किया गया था. हालांकि, साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद उन्होंने जमीन सरेंडर कर दी थी.

  • 15:48(IST)

    जेटली ने कहा कि महाभियोग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा आप किसी को उसके पद से हटाकर उस पद की गरिमा की रक्षा करते हैं. संविधान में महाभियोग की ताकत एक अंतर-संवैधानिक जवाबदेही के तहत है. संसद के दोनों सदनों को ओक राजनीतिक हाउस के तहत महाभियोग लाने की न्यायिक ताकत दी गई है. इस तरह न्यायिक शक्ति का उपयोग राजनीतिक हाउस द्वारा किया जाता है. संसद का हर सदस्य एक जज होता है. इस तरह के फैसले पार्टी लाइन या व्हिप के जरिए नहीं लिए जाने चाहिए. इस शक्ति का इस्तेमाल तभी किया जाना चाहिए जब किसी तरह का 'गलत व्यवहार' सिद्ध हो गया हो. इस तरह के इस शक्ति का इस्तेमाल करना एक खतरनाक घटना है. राज्यसभा के 50 सांसदों या लोकसभा के 100 सदस्यों का किसी भी मुद्दे पर दस्तखत लेना किसी भी बेकार मुद्दे पर आसान बात है.

  • 15:29(IST)

    वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष द्वारा महाभियोग प्रस्ताव लाने की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां महाभियोग जैसे प्रस्ताव का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही हैं. जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के ऊपर महाभियोग तभी लगाया जा सकता है जब उनके ऊपर 'किसी तरह के दुर्व्यवहार' या 'अक्षमता' का आरोप हो.

  • 15:14(IST)

    पूर्व न्यायाधीश जस्टिस फली एस नरीमन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि विपक्ष को चीफ जस्टिस पर महाभियोग प्रस्ताव नहीं लाना चाहिए. भले ही सुप्रीम कोर्ट के चार अन्य जजों ने उनपर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई आरोप लगाए हों और इससे न्यायपालिका में टूट दिखी.
    नरीमन ने कहा कि चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर हैं और उनपर इस संवैधानिक अधिकार का उपयोग करने की वजह से महाभियोग नहीं चलाया जा सकता. नरीमन ने कहा कि विपक्ष को चीफ जस्टिस के रिटायर होने का इंतजार करना चाहिए और इस मामले को यहीं छोड़ देना बेहतर होगा. 

  • 15:03(IST)

    पूर्व एटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि वो इस महाभियोग प्रस्ताव से काफी दुखी हैं. चीफ जस्टिस पर महाभियोग लगाया जा सकता है लेकिन इसके लिए काफी ठोस आधार होने चाहिए.

  • 14:57(IST)

    सलमान खुर्शीद ने कहा कि चाहे जज लोया का मामला हो या कोई अन्य, सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही अंतिम होता है. अगर शीर्ष कोर्ट के फैसले को लेकर किसी को कोई आपत्ति है तो पुनर्विचार याचिका, उपचारात्मक याचिका दाखिल करने की छूट होती है. यह अलग बात है कि इनका दायरा बहुत सीमित होता है.

    पेशे से वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि वकील का काला गाउन और सफेद बैंड पहनने वाले किसी भी आदमी के लिए कोर्ट के फैसले पर सोच समझ कर सवाल उठाने चाहिए. यह संवेदनशील मामला है. उन्होंने कहा कि शीर्ष कोर्ट के फैसले पर राजनीति करने को उचित नहीं कहा जा सकता है.

  • 14:55(IST)

    वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने पार्टी के महाभियोग प्रस्ताव का खुलकर समर्थन नहीं किया. बातचीत में खुर्शीद ने कहा कि यह संवेदशनशील मसला है और पार्टी को इस पर खुलकर अपना पक्ष रखना होता है. पार्टी अपने रुख पर समय पर अपना आधिकारिक स्पष्टीकरण देगी. उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं मानता हूं कि इस संवेदनशील विषय पर हम बार-बार चर्चा करें.' 

  • 14:35(IST)

    7 पार्टियों के सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर महाभियोग लाने के प्रस्ताव पर दस्तखत किया है. इन्होंने दीपक मिश्रा पर ये पांच आरोप लगाए हैं

  • 14:14(IST)

    सिब्बल ने कहा कि जिस देश की जनता सुप्रीम कोर्ट पर इतना भरोसा करती है. उसके मुख्य न्यायाधीश को भी इसका ओहदे का सम्मान करना चाहिए. लेकिन, अफसोस है कि सीजेआई दीपक मिश्रा के मामले में ऐसा नहीं है. इसलिए हमारे पास महाभियोग लाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था.

  • 14:11(IST)

    उपराष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस की. प्रस कॉन्फ्रेंस में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने कदाचार के पांच आधार पर भारत के चीफ जस्टिस को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि जिन 71 सांसदों ने ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर किया है उनमें से 7 रिटायर हो चुके हैं लेकिन यह जरूरी संख्या से अधिक है.

  • 14:11(IST)

    कांग्रेस ने कहा है कि हम सीजेआई के खिलाफ महाभियोग ला रहे हैं. महाभियोग को सात पार्टियों का समर्थन मिला है. हमारी मांग है कि सीजेआई को हटाया जाए और राज्य सभा सभापति महाभियोग स्वीकार करें. विपक्ष ने उप राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें महाभियोग प्रस्ताव सौंप दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि हमने 71 सांसदों के दस्तखत का प्रस्ताव दिया है. ड्राफ्ट पर दस्तखत करने वाले सांसद कांग्रेस, सीपीआई, एसपी, बीएसपी, एनसीपी और मुस्लिम लीग के हैं.

  • 14:10(IST)

    ये झूठ है कि मनमोहन सिंह ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए है: कपिल सिब्बल

  • 14:06(IST)

    कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने खुद बाहर आकर कहा कि अगर सीजेआई का ऐसा रवैया न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है.

  • 14:05(IST)

    वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उपराष्ट्रपति के सामने हमने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव रखा है. पांच मुद्दों को लेकर यह प्रस्ताव रखा गया.

CJI Impeachment Motion LIVE: महाभियोग प्रस्ताव पर RJD, TMC और DMK के सांसदों के दस्तखत नहीं

चीफ जस्टिस दीपक मिश्र के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ड्राफ्ट को कांग्रेस के नेताओं ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को शुक्रवार को सौंप भी दिया.

कांग्रेस ने कहा है कि हम सीजेआई के खिलाफ महाभियोग ला रहे हैं. महाभियोग को सात पार्टियों का समर्थन मिला है. हमारी मांग है कि सीजेआई को हटाया जाए और राज्य सभा सभापति महाभियोग स्वीकार करें. विपक्ष ने उप राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें महाभियोग प्रस्ताव सौंप दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि हमने 71 सांसदों के दस्तखत का प्रस्ताव दिया है. ड्राफ्ट पर दस्तखत करने वाले सांसद कांग्रेस, सीपीआई, एसपी, बीएसपी, एनसीपी और मुस्लिम लीग के हैं.

उपराष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस की. प्रस कॉन्फ्रेंस में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने कदाचार के पांच आधार पर भारत के चीफ जस्टिस को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि जिन 71 सांसदों ने ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर किया है उनमें से 7 रिटायर हो चुके हैं लेकिन यह जरूरी संख्या से अधिक है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों के प्रेस कॉनफ्रेंस के तीन महीने बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है.

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष जज बीएच लोया मौत जांच की याचिका को खारिज करने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी. विपक्षी पार्टियों की यह बैठक संसद परिसर में हुई जिसमें गुलाम नबी आजाद, केटीएस तुलसी, अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, एनसीपी की वंदना चौहान, सीपीआई के डी राजा शामिल हैं.

आरजेडी और टीएमसी अभी महाभियोग प्रस्ताव की मुहिम से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां प्रस्ताव का समर्थन करेंगी.

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