कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर वित्तीय घाटा काबू करने में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कोष को इस्तेमाल करने के प्रयास का आरोप लगाया है. बीते शनिवार को उन्होंने कहा कि मौद्रिक स्थिति स्थिर बनाए रखने की आरबीआई की क्षमता कमजोर करने के लिए कुछ नहीं किया जाना चाहिए. बता दें कि चिदंबरम ने ट्विटर पर आरोप लगाते हुए लिखा- आरबीआई की 19 नवंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने के लिए आरबीआई गवर्नर पर दबाव बना रही है. सरकार आरबीआई के कोष का इस्तेमाल वित्तीय घाटा नियंत्रण में रखने के लिए करना चाहती है.
Government claims that its fiscal math is correct. It boasts that it has given up Rs 70,000 crore of borrowing for 2018-19. If so, why does it need money from the reserves of RBI this year?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 11, 2018
NDA government has competed 4 years and 6 months of its term. It has effectively 4 months left. What is the tearing hurry to “fix” the capital framework of RBI?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 11, 2018
उन्होंने कहा कि आरबीआई का कोष अपने हाथ में लेने का सरकार का तात्कालिक मकसद वित्तीय घाटा लक्ष्य हासिल करना और चुनावी वर्ष में व्यय बढ़ाना है. इसके लिए सरकार को कम से कम एक लाख करोड़ रुपए चाहिए. पी चिदंबरम ने कहा कि आरबीआई की 19 नवंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में कुछ बुरा हो सकता है. उन्होंने कहा, लगता है कि बीजेपी सरकार के गलत इरादे से किए जा रहे कार्यों के कुप्रभावों के बारे में देशवासियों को आगाह करना उनका कर्तव्य है. सरकार पहले ही आरबीआई अधिनियम की धारा 7 का इस्तेमाल करके असाधारण कदम उठा चुकी है.
If the government does not need any more money this financial year, why is it mounting pressure on RBI in the last 4 months of its tenure? Why did it keep silent for 4 years and 6 months?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 11, 2018
वहीं कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को हराने के लिए एक मास्टर प्लान बनाया है. कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मध्य प्रदेश के इंदौर में आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए पार्टी के रणनीति के बारे में बताया. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया उनकी पार्टी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियों से गठबंधन करेगी.
We hope to form state-wise coalitions and if the coalition wins in each state then that is the victory of the 'Mahagathbandhan'. We are confident that we can form coalitions in each state: Congress leader P Chidambaram on 2019 Lok Sabha elections, in Madhya Pradesh's Indore pic.twitter.com/5zlQpky6xW
— ANI (@ANI) November 11, 2018
RSS is a political org. If Congress party in MP in their manifesto has said it will put an end to this practice, I see nothing wrong with that. Governments servants as long as they are working in govt shouldn't openly associate with a political party: Congress's P Chidambaram pic.twitter.com/14RinugpsI
— ANI (@ANI) November 11, 2018
उन्होंने कहा- हमें उम्मीद है कि राज्यवार गठबंधन होगा और अगर गठबंधन की सभी राज्यों में जीत होती है तो यह महागठबंधन की जीत होगी. हमें विश्वास है कि सभी राज्यों में गठबंधन होगा. उन्होंने आगे कहा- आरएसएस एक राजनीतिक संगठन है. यदि उनके घोषणापत्र में कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि यह इस अभ्यास को खत्म कर देगा, तो मुझे इसके साथ कुछ भी गलत नहीं लगता है. जब तक वह सरकार में काम कर रहे हैं तब तक सरकारी कर्मचारी को राजनीतिक दल के साथ खुले तौर पर सहयोग नहीं करना चाहिए.
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