अरे रे रे रे...बाघ-बाघ कहत है संगी, बाघ कहां से आए रे, बाघ ढी लागे जोगी कांग्रेस के, लबरा कहां लुकाए रे, लबरा कहां लुकाए रे....(संगी सब बाघ-बाघ कहते हैं, बाघ कहां से आएगा, तो देखिये अजीत जोगी बाघ बनकर आ गया है, अब देखना होगा कि रमन सिंह कहां-कहां छुपते हैं). कुछ माह पहले छत्तीसगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अजीत जोगी रमन सिंह पर इशारों-इशारों में जुबानी हमला कर रहे थे. पूछने पर कहते हैं लबरा का मतलब होता है झूठ बोलने वाला. वो कहते हैं कि रमन सिंह से बड़ा झूठा पूरे छत्तीसगढ़ में कोई नहीं है. जब उन्होंने देखा कि कांग्रेस तो पहले ही मुकाबले से बाहर हो गई है, उनकी सीधी लड़ाई छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस-जोगी और उनके गठबंधन से है, तो उन्होंने मुझपर बीजेपी की ही बी टीम होने का शिगूफा बाजार में फैला दिया.
जिसका भी हो घाटा, जोगी का कुछ नहीं जाता
छत्तीसगढ़ की जनता विधानसभा चुनाव में पांचवी बार वोट डालने को तैयार हो चुकी है. यहां 12 और 20 नवंबर को दो चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 85 लाख 45 हजार 316 है. बीजेपी वर्सेस कांग्रेस के बीच अजीत जोगी-मायावती-लेफ्ट गठबंधन भी मैदान में उतर चुका है. लोगों का मानना है कि इस गठबंधन को सीटें मिलें या न मिलें, लेकिन 30 से अधिक सीटों पर यह फर्क ला सकती है, जिसका नुकसान दोनों ही प्रमुख पार्टियों को झेलना होगा. जोगी की पार्टी 53, बीएसपी 35 और लेफ्ट 2 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि किसको अधिक नुकसान झेलना होगा.
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता श्रीचांद सुंदरानी का मानना है कि उन्हें इससे कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है. उनका साफ मानना है कि अजीत जोगी की पार्टी और गठबंधन का कोई जनाधार नहीं है. जहां तक बी टीम जैसे शिगूफों की बात है तो यह कांग्रेस की देन है. कर्नाटक में भी जेडी-एस के लिए यही टर्म इस्तेमाल किया गया था, बाद में उसी से मिलकर सरकार बना बैठे. अगर परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा तो इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस फिर अजीत जोगी के साथ गठबंधन को तैयार हो जाएगी.
गेम से बाहर हो चुकी है कांग्रेस, बीजेपी से है मुकाबला
इधर राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी साफ कहते हैं कि कांग्रेस के अंदर जो लड़ाई चल रही है, उससे उनके गठबंधन को कोई मतलब नहीं है. उनके लिए कोई मायने नहीं रखती हैं. पढ़िए वो सवालों के क्या जवाब देते हैं... सवाल- ईमानदारी से बताइए आप कितनी सीटों पर जीत रहे हैं और कितने पर फर्क लाने की स्थिति में हैं?
अजीत जोगी- मुझे साफ दिख रहा है कि हमारे गठबंधन को बहुमत मिलेगा और हम सरकार बनाने जा रहे हैं. अगर आप सीटों की संख्या के बारे में पूछ रहे हैं तो मैं नंबर गेम में यकीन नहीं रखता. इतना तय है कि बीजेपी से ऊब चुकी जनता को कांग्रेस से कोई उम्मीद नहीं है, हमारी सरकार बननी तय है.
सवाल- सी वोटर सहित कुछ सर्वे में कांग्रेस को जीत मिल रही है, इधर आप भी बीजेपी से ज्यादा लगातार कांग्रेस पर हमलावर हैं, क्यों न माना जाए कि बीजेपी की बी टीम की तरह खेल रहे हैं?
अजीत जोगी- देखिये हमने कभी कांग्रेस पर हमला नहीं बोला है. क्योंकि हमारे हिसाब से वह पहले ही अल्पमत में है. उनके पास कोई चेहरा नहीं है. वह आपस में ही सीडी-सीडी खेल रहे हैं, झगड़ रहे हैं. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष को छत्तीसगढ़ से कोई मतलब नहीं है. वह बहुत खराब स्थिति में हैं. मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि बीजेपी की बी टीम होने का आरोप बकवास है. हमारी लड़ाई केवल बीजेपी से है. मैं रमन सिंह के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा हूं. आप देख सकते हैं कि बीजेपी सरकार ने मेरे ऊपर कई गलत केस कर दिए हैं. मर्डर, चोरी, मेरी जाति को लेकर कई केस कर दिए हैं.
सवाल- घर की पार्टी होते हुए भी आपकी बहु बीएसपी से चुनाव लड़ रही हैं, ऐसा लग रहा है मायावती केवल नाम की गठबंधन में हैं, उम्मीदवार से लेकर रणनीति तक तो आप ही तय कर रहे हैं?
अजीत जोगी- यह बहुत मजबूत गठबंधन है. हमने पहले ही 30-35 सीटें बीएसपी को दे दी हैं. किसी भी सीट पर पार्टी की स्थिति और जीत की संभावना को देखते हुए टिकट दिया जा रहा है. चूंकि हम एक साथ लड़ रहे हैं, ऐसे में कौन किस पार्टी से लड़ रहा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
सवाल- पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मायावती सीधे इस चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता के बीच गई हैं, भला छत्तीसगढ़िया उनपर क्यों विश्वास करे?
अजीत जोगी- मायावती राष्ट्रीय नेता हैं. उनका देशभर में प्रभाव है. वह इस चुनाव में कई जगहों पर रैलियों को संबोधित करने जा रही हैं. इसका बहुत फायदा हमारे गठबंधन को मिलने जा रहा है. वह भले ही नहीं आई हैं, लेकिन उनकी पार्टी और कार्यकर्ता तो यहां हैं न? मायावती के आने भर से बीजेपी टेंशन में चली गई है, आप कैसे कह रहे हैं कि उनके आने से फर्क नहीं पड़ेगा.
पांच से 10 सीट लाने पर किंगमेकर हो सकते हैं जोगी
वैसे तो अजीत जोगी इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन उनके बेटे अमित जोगी मनेंद्रगढ़ (सरगुजा) सीट से खुद की पार्टी से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उनकी पत्नी रेणु जोगी कांग्रेस से लड़ने जा रही हैं. हालांकि अभी तक उनकी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं हुई है. वहीं उनकी बहु ऋचा जोगी बीएसपी से चुनाव लड़ने जा रही है.
वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध कहते हैं कि बिलासपुर संभाग में कुल 24 सीटें हैं, यहां जोगी-मायावती का काफी असर है. यदि जोगी अकेले चुनाव लड़ते तो बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अब जब बीएसपी साथ है तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इसका नुकसान होगा. जहां तक सीटों की बात है तो पांच से 10 सीटें आ सकती है, ऐसे में यह किंग मेकर वाले रोल में आ जाएंगे.
बशर्ते कांग्रेस पूरी तरह साफ न हो जाए, जिसकी संभावना काफी कम है. क्योंकि कांग्रेस पहले भी 38-39 सीटों पर आती रही है. रमन सरकार के खिलाफ एंटी इंकंबेंसी फैक्टर फिलहाल काफी दिख रहा है. जोगी के आने से त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती दिख रही है. अगर ऐसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी, क्योंकि वह जोगी और मायावती को साथ लाने में नाकाम रही है.
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