अटल बिहारी वाजपेई सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे के खिलाफ विशेष अदालत ने कोयला घोटाले के एक मामले में आरोप तय किया है. यह मामला झारखंड में 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित गड़बड़ी से जुड़ा है.
बुधवार को विशेष सीबीआई जज भरत पराशर ने रे के अलावा उस समय कोयला मंत्रालय में रहे दो वरिष्ठ अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम, कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजी लिमिटेड, उसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड के खिलाफ भी धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और विश्वास हनन का आरोप तय किया है. अदालत ने कहा कि, आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.
दैनिक आधार पर चलना चाहिए मुकदमा
दिलीप रे पूर्व की एनडीए सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे. बनर्जी कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और सलाहकार (परियोजना) थे. आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए मुकदमा शुरू करने की अपील की जिसके बाद आरोप तय किए गए.
अदालत ने इस मामले में मुकदमा शुरू करने की तारीख 11 जुलाई तय की है. सीबीआई ने कहा है कि रे ओडिशा में विधायक हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार मुकदमा दैनिक आधार पर चलाया जाना चाहिए.
यह मामला 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मादिहा कोयला ब्लॉक का आवंटन सीटीएल को किए जाने से संबंधित है.
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