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CBI पर बैन के बाद अब IT और ED पर रोक लगाने के लिए SC का रुख करेंगे नायडू?

टीडीपी के सूत्रों ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू इस मुद्दे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और अपने कानूनी सलाहकारों से पहले ही चर्चा कर चुके हैं

Updated On: Nov 19, 2018 11:35 AM IST

FP Staff

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CBI पर बैन के बाद अब IT और ED पर रोक लगाने के लिए SC का रुख करेंगे नायडू?

आंध्र प्रदेश में सीबीआई के मामलों की जांच पर रोक लगाने के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू अब अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई का मन बना रहे हैं. नायडू इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख करने पर विचार कर रहे हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग (आईटी डिपार्टमेंट) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों की शक्तियों को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहे हैं. तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के एक सांसद ने अखबार को बताया कि गैर-बीजेपी पार्टियों के साथ दिल्ली में न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर सहमति के लिए खाका तैयार किया जाएगा. सीएमपी बनने के बाद पार्टियां सभी केंद्रीय एजेंसियों के केंद्र सरकार के राजनीतिक एजेंडे का साथ देने से रोकने के लिए आगे आएंगी. यदि इसे लेकर आवश्यकता पड़ी और आपसी सहमति बनती है तो पार्टियां सुप्रीम कोर्ट का रूख करेंगी.

आंध्र के कृषि मंत्री और टीडीपी नेता सोमीरेड्डी चंद्रमोहन रेड्डी ने कहा, 'हमने इसके लिए कई योजनाएं तैयार की है, जिसमें एक कानूनी रास्ता भी है. हम जरूरत पड़ने पर प्लान बी चुन सकते हैं.' हालांकि, टीडीपी नेताओं के खिलाफ आईटी विभाग की हाल में की गई छापेमारी में अब तक कोई पक्के सबूत नहीं मिले हैं. उनमें से कई कहते हैं कि टैक्स अधिकारी अचानक उनके दरवाजे पर पहुंच गए.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कानूनी सलाहकारों से कर चुके हैं चर्चा

टीडीपी के सूत्रों ने कहा कि नायडू इस मुद्दे को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और अपने कानूनी सलाहकारों से पहले ही चर्चा कर चुके हैं.

नायडू के इस कदम में उनके वो आरोप भी शामिल हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि एनडीए सरकार आम चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों के जरिए विपक्षी पार्टियों के नेताओं को डराने के लिए टारगेट कर रही है. टीडीपी अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप कर मांग कर सकते हैं कि वो केंद्रीय एजेंसियां किसी भी चुनाव से 6 महीने पहले विपक्षी नेताओं पर छापेमारी करने पर रोक लगाए.

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