नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार आर्टिकल 35 A और आर्टिकल 370 पर अपना पक्ष साफ नहीं करेगी, तो पंचायत चुनाव क्या हम लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव तक का बहिष्कार करेंगे.
We will not only boycott Panchayat elections but also Lok Sabha & Assembly elections if the Centre doesn't clear its stand on Article 35A and Article 370: Farooq Abdullah speaking at an event in Srinagar pic.twitter.com/PowoLkHuQK
— ANI (@ANI) September 8, 2018
श्रीनगर में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए अब्दुल्ला ने कहा, जिस तरीके से मीडिया ने सिद्धू को जानबूझकर निशाने पर लिया है, यह साफ जाहिर करता है कि ऐसे कई तत्व हैं जो नहीं चाहते कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सुधरे. यह दोनों ही देशों की बात है. भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के अपने-अपने निहित स्वार्थ इससे जुड़े हैं, जो नहीं चाहते कि दोनों देशों के बीच शांती बनी रहे. लेकिन यह कोई समझने को तैयार नहीं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए यह कितना जरूरी है.
Manner in which media targeted Sidhu shows there are elements which don't want India-Pakistan relations to improve. There's vested interest, both in India&Pakistan, which don't want peace in both countries. But for people of J&K, India-Pakistan friendship is essential: F Abdullah pic.twitter.com/sA911BTRjD
— ANI (@ANI) September 8, 2018
आगे बोलते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब वाजपेयी जैसे आरएसएस के नेता बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान जा सकते हैं और उनसे दोस्ती का हाथ बढ़ा सकते हैं तो वर्तमान प्रधानमंत्री इस विषय में क्यों नहीं सोचते. आखिर हम पाकिस्तान को अपना पड़ोसी मुल्क तो मानते ही हैं. ऐसे में जब दो पड़ोसी मुल्क खुशी-खुशी रहेंगे तो दोनों ही विकास के पथ पर अग्रसर होंगे.
When an RSS leader like Vajpayee can go to Pakistan as the PM&say he's the leader of people in India&India accepts Pak as a nation&wants to strike friendship with them...If we're friends with our neighbour,both of us will prosper. I hope PM thinks about it&works for it:F Abdullah pic.twitter.com/DxeinqvRx7
— ANI (@ANI) September 8, 2018
वहीं अब्दुल्ला ने देश में एक खास धर्म के प्रति बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोई मुसलमान किसी हिंदू या ईसाई को यह नहीं कहता कि आप अपने धार्मिक रीति-रिवाजों को न मानें. जबकि हमें एक खास जगह और एक खास तरीके में नमाज करने की सलाह दी जाती है.
No Muslim has ever told a Hindu or Christian to change the way they practice religion,but when they tell us not to offer Namaz in a particular way or stop Azaan,they want to change Gandhi's India. If they want to save the nation,they need respect all religions equally: F Abdullah pic.twitter.com/yK6SiDtmx0
— ANI (@ANI) September 8, 2018
अब्दुल्ला ने कहा 'ये गांधी का भारत नहीं है. ये लोग उनके भारत को बदलना चाहते हैं. लेकिन अगर वो वाकई देश को बचाना चाहते हैं तो किसी भी धर्म से जुड़े लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना बंद करना होगा और सभी धर्मों को समान नजरिए से देखना होगा.'
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