केंद्र ने कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में कावेरी नदी के जल के सुगम बंटवारे के लिये कावेरी प्रबंधन योजना का मसौदा सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उसके अवलोकन के लिए पेश किया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने योजना का मसौदा रिकार्ड पर लेते हुए कहा कि वह इसका अवलोकन करेगी. केन्द्रीय जल संसाधन सचिव ने यह मसौदा पीठ को सौंपा.
#Cauvery water dispute case: Union of India has placed a draft of the Cauvery scheme before Supreme Court for implementation of SC's February 16 judgment on sharing of the river's water.
— ANI (@ANI) May 14, 2018
पीठ ने कहा, हमें यह अवलोकन करना है कि क्या यह योजना हमारे फैसले के अनुरूप है. पीठ ने कहा कि हम इस पर 16 मई को विचार करके इसे मंजूरी देंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस योजना के सही होने के पहलू पर गौर नहीं करेगा. इसकी बजाय वह देखेगा कि क्या यह 16 फरवरी के उसके निर्णय के अनुरूप है. शीर्ष अदालत ने आठ मई को जल संसाधन सचिव को योजना के साथ व्यक्तिगत रूप से उसके समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया था.
न्यायालय ने कहा था कि 16 फरवरी के फैसले के अनुरूप कावेरी प्रबंधन योजना तैयार नहीं करना सरासर अवमानना है. कोर्ट ने अपने 16 फरवरी के फैसले में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के 2007 के अवार्ड में संशोधन करने के साथ ही स्पष्ट किया था कि इसके लिए अब किसी भी आधार पर समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी.
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