कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ द्वारा पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रथयात्रा कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने के एक दिन बाद बीजेपी ने घोषणा की कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस फैसेल को चुनौती देंगे. इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि पार्टी रथयात्रा को रोकने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की निंदा करने के लिए धरना प्रदर्शन जारी रखेगी.
हालांकि सत्तारूढ़ टीएमसी ने हाई कोर्ट के आदेश का स्वागत किया था. टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, 'हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम आदेश का स्वागत करते हैं. जो लोग रथयात्रा निकालने के नाम पर राज्य में शांति को बाधित करने का प्रयास कर रहें वह इसमें कभी सफल नहीं होंगे.
7 दिसंबर से बीजेपी शुरू करने वाली थी रथयात्रा
बीजेपी 7 दिसंबर से अपनी रथयात्रा शुरू करने वाली थी. 6 दिसंबर को, कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ ने बीजेपी को इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया था. पार्टी ने तब डिवीजन बेंच से संपर्क किया था. जिसने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और 14 दिसंबर तक निर्णय लेने के लिए कहा था.
15 दिसंबर को, प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद बीजेपी ने सोमवार को फिर से हाई कोर्ट की ओर रुख किया. इसके बाद, एकल-न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को बीजेपी को कुछ शर्तों पर रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दे दी थी. फैसले के मुताबिक यदि प्रशासन 'विवेकपूर्ण और अनुचित तरीके से' अपनी शक्ति का इस्तेमाल करता है तो अदालतें हस्तक्षेप कर सकती हैं.
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