हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा है कि देश को स्वस्थ बनाने के लिए हम सभी लोगों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट पेश करने के दौरान आयुष्मान योजना की घोषणा करते वक्त दिए उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर से प्रधानमंत्री के न्यू इंडिया के सपने को साकार करने में मदद की बात कही थी.
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने अपने संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में क्षेत्र के लोगों को बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सांसद मोबाइल हेल्थ सेवा यानी (sms) सेवा की शुरुआत की है. एसएमएस सेवा के तहत मोबाइल हेल्थ यूनिट (mhu) अलग-अलग ग्राम-पंचायतों में जाकर लोगों का प्राथमिक उपचार करती है.
इस तरह काम करती है मोबाइल हेल्थ यूनिट
अनुराग ठाकुर का कहना है कि 1 मई 2018 से शुरू हुई यह हेल्थ सेवा बेहतर कर रही है. इतने कम वक्त में मोबाइल हेल्थ यूनिट से 60 पंचायतों के लगभग 4500 लोगों को फायदा हुआ है. मोबाइल हेल्थ यूनिट अलग-अलग ग्राम पंचायतों में हफ्ते में पांच दिन चलती है. जिस ग्राम-पंचायत में इसे जाना होता है, वहां दस दिन पहले ही इस बारे में सूचित कर दिया जाता है, इससे प्राथमिक सेवा का फायदा लेने वाले लोग अपना उपचार कराने या फिर प्राथमिक जांच कराने के लिए तैयार रहते हैं.
इस मोबाइल हेल्थ यूनिट में एक लैब टेक्निशियन के अलावा, एक नर्स और एक हेल्थ ऑफिसर भी रहते हैं. इस दौरान अलग-अलग 40 मेडिकल टेस्ट कराए जाने की भी व्यवस्था है. अभी इस माध्यम से हर रोज 75 गरीबों का इलाज हो रहा है जिसमें अधिकतर महिलाएं ही हैं.
हमीरपुर में वैसे तो 90 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जिसमें लाखों लोगों का इलाज किया जाता रहा है, लेकिन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पूरे देश की तरह यहां भी एमबीबीएडस डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्निशियन की कमी रही है. लेकिन, अनुराग ठाकुर का मानना है कि करीब 7 लाख आयुष डॉक्टर की मदद से इस कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है.
हालांकि पहाड़ी राज्यों और दूर-दराज के इलाकों में लोगों को लाइफ-स्टाइल के कारण होने वाली बीमारियों से काफी हद तक निजात मिलती रही है. क्योंकि उन्हें हर रोज पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरना होता है. हाइपरटेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियां लोगों के लाइफ-स्टाइल के कारण ही होती हैं, लेकिन, अब ये सभी बीमारियां हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में भी होना चिंता का विषय बन गया है.
पहले से हो जाएगी लोगों को बीमारी की जानकारी
नेशनल सेंटर फॉर बॉयोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन स्टडी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में 60 फीसदी लोगों का ब्लड प्रेशर सामान्य से ऊपर है, जबकि 36 फीसदी लोग हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं. दरअसल, समय पर जानकारी नहीं होने के अभाव में लोगों का जरूरी इलाज नहीं हो पाता, जिससे यह बीमारी आगे चलकर कई दूसरे असाध्य रोगों को जन्म दे देती है. इस तरह की बीमारियों से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ही इस तरह की बीमारी की जानकारी का पता लगाया जा सके तो फिर लोगों को होने वाली बड़ी परेशानी से बचाया जा सकता है. बीजेपी सांसद अपने क्षेत्र के बुजुर्गों की परेशानी का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उन्हें पहले इस तरह की सुविधा नहीं थी जिससे उन्हें एक घंटे की दूरी पर हमीरपुर जाना पड़ता था. या फिर बेहतर और बड़ी बीमारी होने पर इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और दिल्ली के एम्स का चक्कर काटना पड़ता था. लेकिन, अब उनके लिए राहें काफी आसान हो गई हैं.
मोबाइल हेल्थ यूनिट के माध्यम से प्राथमिक जांच में कई बीमारियों का पता पहले ही चल जा रहा है, हर तरह की जांच हो जाने से वक्त पर अब परहेज और इलाज से लोगों की राहें आसान होने लगी हैं.
स्वस्थ भारत को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से इंद्रधनुष वैसिनेसन ड्राइव, प्रधानमंत्री डायलिसिस प्रोग्राम, 2022 तक भारत को टी बी मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर की तरफ से हेल्थ को लेकर चलाया जा रहा यह अभियान स्वस्थ भारत की दिशा में एक बेहतर कदम माना जा रहा है.
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