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गौरी लंकेश मर्डर: बीजेपी एमएलए ने बयान से संघ को किया कठघरे में खड़ा

क्या बीजेपी के विधायक आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या को मुद्दा बनाकर गौरी लंकेश की हत्या को जायज ठहरा रहे हैं?

Updated On: Sep 08, 2017 07:06 PM IST

Amitesh Amitesh

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गौरी लंकेश मर्डर: बीजेपी एमएलए ने बयान से संघ को किया कठघरे में खड़ा

पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में उनके आवास पर की गई हत्या के बाद अब तक साफ नहीं हो पाया है कि हत्या किन कारणों से की गई और हत्यारे कौन थे. कर्नाटक सरकार ने एसआईटी का गठन कर हत्या की जांच करानी शुरु कर दी है. हालांकि अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

दूसरी तरफ, बिना किसी ठोस नतीजे के पहुंचे ही गौरी लंकेश हत्याकांड दो विचारधाराओं की लड़ाई में तब्दील हो चुका है. वामपंथी विचारधारा के नेताओं से लेकर प्रबुद्ध तबके की तरफ से सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक अभियान चलाया जा रहा है. गौरी लंकेश की व्यवस्था के खिलाफ लेखनी को आधार बनाया जा रहा है.

संघ परिवार और दक्षिणपंथी विचारधारा के खिलाफ उनकी पहचान को आगे कर शक को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस मुद्दे पर बीजेपी और संघ के लोगों की तरफ उठने वाले हर सवाल का जवाब भी बीजेपी की तरफ से दिया जा रहा है.

लेकिन, जब खुद बीजेपी के ही लोग गौरी लंकेश की बीजेपी-आरएसएस के खिलाफ लेखनी को उनकी हत्या का कारण बताने लगें तो फिर उनका भगवान ही मालिक है. बीजेपी अपनी सफाई में दलील देती रहे लेकिन उनके अपने विधायक ने खुद पूरी पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है.

New Delhi: Demonstrators hold placards with the picture of journalist Gauri Lankesh during a 'Not In My Name' protest, at Jantar Mantar in New Delhi on Thursday. PTI Photo(PTI9_7_2017_000163B)

जीवराज का अजीबोगीब बयान

कर्नाटक सरकार में पूर्व मंत्री और श्रृंगेरी से विधायक जीवराज ने एक कार्यक्रम में ऐसा बयान दे दिया जो कि बीजेपी के गले की हड्डी बन गया है. चिकमंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी विधायक जीवराज ने कहा कि गौरी लंकेश अगर आरएसएस के खिलाफ नहीं लिखी होतीं तो आज जिंदा होती. वो जिस तरह से लिखती थीं वो बर्दाश्त के बाहर था.

बीजेपी विधायक की बातों को देखकर तो कोई अनजान आदमी भी यही कहेगा कि संघ के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने का ही नतीजा है कि आज गौरी लंकेश इस दुनिया में नहीं रहीं.

लेकिन, लगता है इस बात की फिक्र शायद बीजेपी विधायक को नहीं थी वरना, इस तरह आग उगलते –उगलते सेल्फ गोल की मुद्रा में नहीं बोल रहे होते. बीजेपी विधायक यहीं नहीं रुके, उन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल में आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या का जिक्र भी कर दिया. जीवराज ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान आरएसएस के कार्यकर्ताओं की भी हत्याएं हुई हैं.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी के माननीय विधायक आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या को मुद्दा बनाकर गौरी लंकेश की हत्या को जायज ठहरा रहे हैं. सवाल बीजेपी से भी पूछा जाएगा जब आपके ही विधायक इस तरह से गौरी लंकेश की लेखनी को ही हत्या का आधार बता रहे हैं तो फिर बीजेपी इस मुद्दे पर दूसरों को कठघरे में कैसे खड़ा करेगी.

हत्या में लेफ्ट-राईट दोनों एंगल

गौरी लंकेश की हत्या पर अलग-अलग लोगों की तरफ से आ रही अलग-अलग चर्चा भी कई कारणों से सुर्खियों में है. नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की उनकी कोशिश भी काफी चर्चा में थी. एक तर्क यह दिया जा रहा है कि शायद नक्सलियों को यह पसंद नहीं था, लिहाजा शक की सुई उनकी तरफ भी जा रही है.

gauri lankesh

फिलहाल कर्नाटक सरकार की तरफ से उनकी हत्या के मामले में सुराग देने वालों पर 10 लाख रुपए का ईनाम भी रख दिया गया है. दोषियों को पकड़ने की कोशिश हो रही है.

लेकिन, तीन दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कुछ हाथ नहीं लगा है. बीजेपी इस वक्त खराब कानून-व्यवस्था का हवाला देकर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. ऐसे में अपने ही विधायक की तरफ से इस कदर का बयान बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है.

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