अररिया लोक सभा उप चुनाव नतीजा बिहार की राजनीति की दशा-दिशा लगभग तय कर देगा. वहां 11 मार्च को उपचुनाव होगा. आरजेडी के मोहम्मद तसलीमुद्दीन के निधन के कारण यह सीट खाली हुई है. साथ उसी दिन दक्षिण बिहार के दो विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में भी उपचुनाव होने हैं. ये क्षेत्र हैं जहानाबाद और भभुआ. ये सीटें भी जिला मुख्यालय की हैं. ये उपचुनाव बिहार में राजनीतिक समीकरण बदलने के बाद हो रहे हैं. पिछले साल जेडीयू ने लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले आरजेडी का साथ छोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया था. इस बीच लालू प्रसाद दूसरी बार चारा घोटाले में सजा पाकर जेल चले गए हैं. यानी, लालू प्रसाद चुनाव प्रचार के लिए उपलब्ध नहीं हैं. उनकी जगह उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने कमान संभाल ली है. वे बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता भी हैं. आरजेडी ने इस बार भी यह दावा किया है कि लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद आम जनता में आरजेडी के प्रति समर्थन बढ़ा है.
2013 में जब लालू प्रसाद को चारा घोटाले के ही एक अन्य केस में सजा हुई थी तो आरजेडी ने तब भी कहा था कि सहानुभूति के कारण बिहार में वह लोक सभा की सभी 40 सीटें जीतेगा. पर उसे 2014 के लोक सभा चुनाव में सिर्फ 4 सीटें मिलीं. देखना है कि इस बार आरजेडी के लिए यह चुनाव कैसा रहता है.
दावों की खुलेगी पोल
दलीय समीकरण में आए बदलाव का सरजमीन पर कैसा असर पड़ा है ? उप चुनाव नतीजे इस सवाल का भी जवब दे देंगे. वैसे आरजेडी ने जब 2010 में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो उसे बिहार विधान सभा की कुल 243 सीटों में से सिर्फ 23 सीटें मिली थीं. एलजेपी को 2 सीटें मिलीं. इन ताजा उपचुनावों में आरजेडी के साथ कांग्रेस है. भभुआ सीट पर कांग्रेस लड़ेगी. भभुआ कांग्रेस के आधार वोट वाली सीट मानी जाती है.
ये भी पढ़ें: पुण्यतिथि विशेष: बिहार के एक CM जो वंशजों के लिए छोड़ गए पुश्तैनी झोपड़ी!
2014 के लोक सभा के चुनाव में अररिया में राजद के मोहम्मद तसलीमुद्दीन को कड़े मुकाबले में करीब 4 लाख 7 हजार मत मिले थे. बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को करीब 2 लाख 61 हजार और जेडीयू के विजय कुमार मंडल को करीब 2 लाख 21 हजार वोट मिले थे.
इस बार अररिया में आरजेडी और बीजेपी में सीधा मुकाबला होगा. जेडीयू बीजेपी का समर्थन कर रहा है. पिछले लोक सभा चुनाव में अररिया में प्रमुख उम्मीदवारों को मिले मतों को ध्यान में रखें तो आरजेडी के लिए यह सीट जीतना इस बार कठिन होगा. पर इसके साथ कुछ अन्य तत्व भी चुनाव में काम कर सकते हैं.
लालू प्रसाद के परिवार की कानूनी परेशानियों से मतदाता कितने द्रवित होते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा.या फिर उसका कोई असर नहीं पड़ता है! यदि असर नहीं पड़ेगा तो आरजेडी का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित हो सकता है. साथ ही केंद्र सरकार की उपलब्धियां भी कसौटी पर होंगी.
ताजा बैंक घोटाले को मतदाताओं ने किस रूप में लिया है? इस सवाल का भी जवाब इस उपचुनाव में मिल सकता है. तसलीमुद्दीन के पुत्र सरफराज आलम हाल तक जेडीयू के विधायक थे. उन्होंने अररिया लोकसभा उप चुनाव लड़ने के लिए विधान सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अब वे आरजेडी में हैं. आलम अररिया जिले के ही जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र से विधायक थे. वे अररिया में आरजेडी उम्मीदवार हैं. पिता के निधन के बाद पुत्र के पक्ष में सहानुभूति मत कितना मिलता है, यह देखना भी दिलचस्प होगा.
तसलीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम हाल तक जेडीयू के विधायक थे. उन्होंने अररिया लोकसभा उपचुनाव लड़ने के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अब वो आरजेडी में हैं. आलम अररिया जिले के ही जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र से विधायक थे.
ये भी पढ़ें : जब चेन स्मोकर लोहिया ने कार्यकर्ताओं के लिए छोड़ दी थी सिगरेट
तसलीमुद्दीन दबंग नेता थे. प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा के कार्यकाल में तसलीमुद्दीन गृह राज्य मंत्री बनाये गए थे. पर विवादास्पद परिस्थितियों में उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. तसलीमुद्दीन आठ बार विधायक और 5 बार सांसद थे. दक्षिण बिहार के जहानाबाद से आरजेडी विधायक मुंद्रिका सिंह यादव के निधन के कारण वह विधानसभा सीट खाली हुई.
वहां आरजेडी और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. बीजेपी ने कहा कि इस सीट पर जेडीयू लड़े. मुंद्रिका यादव के पुत्र वहां आरजेडी उम्मीदवार हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रवीण कुमार को करीब 30 हजार मतों से हराया था. तब आरजेडी और जदयू मिल कर चुनाव लड़ रहे थे.
आरएलएसपी, एनडीए का घटक दल है. अगले उपचुनाव का नतीजा वहां आरजेडी की ताकत का हाल बता देगा. भभुआ में पिछले चुनाव में बीजेपी के आनंद भूषण पांडेय ने जेडीयू के प्रमोद सिंह को हराया था. देखना है कि इस बार बदले समीकरण में कैसा नतीजा आता है. इन चुनाव क्षेत्रों के सारे उम्मीदवार तय हो जाने के बाद स्थिति अधिक स्पष्ट होगी.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.