भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी शंभाजी भिडे समेत कई बीजेपी और शिवसेना के नेताओं पर महाराष्ट्र की देवेंद्र फणनवीस सरकार मेहरबान नजर आ रही है. इस सरकार ने भिडे समेत कई नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले लिया है. एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने यह खुलासा किया है.
आरटीआई एक्टिविस्ट शकील ए शेख ने बताया, 'मैंने यह जानने के लिए आरटीआई दाखिल की थी कि नेताओं और उनके समर्थकों पर 2008 के बाद कितने केस वापस लिए गए.
इसमें यह पता लगा है कि भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी शंभाजी भिडे पर 3 केस वापस लिए गए और 9 केस बीजेपी और शिवसेना के नेताओं के खिलाफ वापस लिए गए.'
भिडे और उनके साथियों पर कई गंभीर आरोपों को देवेंद्र फणनवीस सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है. अधिकार फाउंडेशन के अध्यक्ष शकील अहमद शेख को यह जानकारी गृह विभाग की सूचना अधिकारी प्रज्ञा घाटे ने दी है.
धारा 321 के मुताबिक राज्य सरकारों के पास यह अधिकार है कि वह छोटे अपराधों में केस वापस ले सकती हैं. 2014 में बीजेपी की सरकार आने के बाद से 41 मामलों के आरोपियों के खिलाफ केस वापस लिए गए हैं. जून 2017 से सितंबर 2018 के बीच यह केस वापस लिए गए.
Filed RTI to seek information on how many cases against political leaders&their supporters were withdrawn since 2008. 3 cases against Bhima Koregaon violence accused Sambhaji Bhide were withdrawn & 9 cases against BJP & Shiv Sena leaders withdrawn: RTI activist Shakeel A Shaikh pic.twitter.com/Fb0zLeYqud
— ANI (@ANI) October 1, 2018
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