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मोदी सरकार में एनपीए 9.17 लाख करोड़ रुपए का हो गया: सुरजेवाला

यूपीए को 2.83 लाख करोड़ रुपए के लिए जिम्मेदार ठहराइए, लेकिन क्या आप पीएम मोदी की सरकार को 9.17 लाख करोड़ रुपए के लिए ज़िम्मेदार मानेंगे?

Updated On: Sep 11, 2018 07:56 PM IST

FP Staff

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मोदी सरकार में एनपीए 9.17 लाख करोड़ रुपए का हो गया: सुरजेवाला

मंगलवार को कांग्रेस ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर पर पलटवार किया. रघुराम राजन ने कहा था कि बैड लोन की शुरुआत यूपीए सरकार के समय 2006 और 2008 के बीच सबसे ज्यादा हुई थी. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को भी एनपीए गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 2014 में जब यूपीए सत्ता से बाहर हुई तब कुल एनपीए 2.83 लाख करोड़ रुपए था और एनडीए के शासनकाल में यह 12 लाख करोड़ रुपए हो गया है.

सुरजेवाला ने कहा- 'इस सरकार ने संसद में बताया कि मार्च 2018 तक एनपीए 10.3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है और अब यह 12 लाख करोड़ रुपए है. इसलिए, सिंपल मैथ से भी यह पता चलता है कि मोदी सरकार के 56 महीने में 9.17 लाख करोड़ रुपए एनपीए थे. अगर 2006 में उत्पन्न हुए बैड लोन के बारे में राजन की बात को सही मानते हैं तो भी यूपीए के सत्ता से बाहर निकलने तक भी 2.83 लाख करोड़ था और इतनी राशि को मैनेज किया जा सकता था.'

इसके साथ ही सुरजेवाला ने पूछा- 'यूपीए को 2.83 लाख करोड़ रुपए के लिए जिम्मेदार ठहराइए, लेकिन क्या आप पीएम मोदी की सरकार को 9.17 लाख करोड़ रुपए के लिए ज़िम्मेदार मानेंगे?'

पॉलिसी पैरालिसिस के दौर में हुई थी गलतियां:

कांग्रेस का ये विरोध संसदीय पैनल द्वारा रघुराम राजन को लिखे गए एक नोट के बाद आया. नोट में राजन ने लिखा था कि एनपीए में गड़बड़ी के पीछे बहुत अधिक आशावादी बैंकर और सरकारी निर्णय लेने की धीमी गति, जिसे 2014 के चुनाव से पहले 'पॉलिसी पैरालिसिस' के तौर पर जाना जाता था. राजन ने आगे अपने नोट में लिखा था कि 'विभिन्न प्रकार की प्रशासनिक समस्याओं जैसे कि कोयला खानों के संदिग्ध आवंटन और जांच का डर दोनों ने मिलकर दिल्ली में बैठी सरकार के निर्णय लेने की क्षमता को कम कर दिया. इससे यूपीए और बाद में आई एनडीए सरकारों में निर्णय लेने में कमी आई.' रुकी हुई परियोजनाओं की लागत बढ़ी और इसके बाद वे ऋण वापस आने में असमर्थ हो गए.

राजन के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा, 'यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐसी सरकार का नेतृत्व किया जिसने भारतीय बैंकिंग प्रणाली के अस्तित्व पर ही हमला किया.'

Nirav Modi

बीजेपी और कांग्रेस के बीच बैड लोन वाक् युद्ध का एक प्रमुख मुद्दा है. साथ ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार इसे यूपीए की विरासत बताया है. हालांकि इस साल जनवरी में पीएनबी घोटाला सामने के आने के बाद धक्का जरुर लगा है. वहीं सुरजेवाला ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएनबी धोखाधड़ी के आरोपी मेहुल चोकसी को पकड़ने में नाकाम रहने के लिए केंद्र पर हमला किया. मेहुल चोकसी ने मंगलवार को एक वीडियो जारी किया जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ सभी आरोप बेबुनियाद हैं. साथ ही यह भी कहा कि वो आत्मसमर्पण नहीं कर सकते क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट सस्पेंड कर दिया है.

यह वीडियो कैरीबियाई द्वीप एंटीगुआ से जारी किया गया है मेहुल चोकसी ने जहां की नागरिकता पिछले साल ली थी. अप्रैल से ही भारत उसे प्रत्यर्पित करने की कोशिश में लगा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि चोकसी भारत से भागा नहीं था, बल्कि उसे मोदी सरकार द्वारा भागने की इजाजत दी गई थी. उन्होंने कहा, 'अन्य घोटाले के आरोपी चोकसी और नीरव मोदी के बारे में सारी जानकारी होने के बावजूद पीएमओ ने कुछ नहीं किया.'

 

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