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बाबरी मस्जिद के पक्षकार का खुलासा- शिवसेना और वीएचपी के कार्यक्रम से दहशत में हैं मुसलमान

इकबाल अंसारी ने कहा, मेरी सुरक्षा और मेरे परिवार की सुरक्षा कम है. अगर सुरक्षा नहीं बढ़ाई जाती तो 25 नवंबर के पहले अयोध्या छोड़ दूंगा

Updated On: Nov 14, 2018 05:30 PM IST

FP Staff

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बाबरी मस्जिद के पक्षकार का खुलासा- शिवसेना और वीएचपी के कार्यक्रम से दहशत में हैं मुसलमान

राम मंदिर निर्माण को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से 24 और 25 नवंबर को अयोध्या में शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का आशीर्वाद और धर्मसभा का आयोजन होना है. शिवसेना और विहिप के कार्यक्रम को देखते हुए बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा है कि शहर का मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है. अगर सुरक्षा नहीं बढ़ी तो वे 25 नवंबर से पहले अयोध्या छोड़ देंगे.

इकबाल अंसारी ने कहा कि शिवसेना और विहिप के कार्यक्रम से अयोध्या का मुसलमान और वह खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, सरकार को अयोध्या की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए. अयोध्या के मुसलमानों और उनकी सुरक्षा भी बढ़नी चाहिए.

इकबाल अंसारी ने कहा, 'मेरी सुरक्षा और मेरे परिवार की भी सुरक्षा कम है. कोई अनहोनी हो सकती है. अगर सुरक्षा नहीं बढ़ाई जाती तो 25 नवंबर के पहले अयोध्या छोड़ दूंगा.'

इससे पहले अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब और मोहम्मद उमर की श्रीश्री रविशंकर के प्रतिनिधि गौतम विज से राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में सुलह समझौते को लेकर हुई मुलाकात को लेकर मतभेद सामने आ गया है. मामले में बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने साफ कर दिया है कि समझौते का अब कोई मतलब नहीं है.

इकबाल अंसारी ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर और हाजी महबूब से उनका कोई लेना-देना नहीं है और न ही उन्होंने इन लोगों से कोई मुलाकात ही की है. यही नहीं उन्होंने साफ कर दिया कि जिन लोगों ने सुलह-समझौते की बात की है, उनके कुछ करने से कुछ होने वाला है और ना ही इनके द्वारा किए गए किसी भी सुलह समझौते का कोई मतलब है.

इकबाल अंसारी ने कहा कि न तो सुलह समझौते को लेकर हमारे यहां कोई आया है, न ही कोई बात हुई है. सुनने में जरूर आया है कि रविशंकर के दूत आए थे और हाजी महबूब के यहां गए थे. उन्होंने कहा कि इससे हमें कोई लेना देना नहीं है. न तो वो पक्षकार हैं, न ही हमारी कोई उनसे बात हुई है. इकबाल अंसारी ने कहा कि समझौते का अब कोई मतलब ही नहीं है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. हमने महंत धर्मदास को लेकर एक मुहिम भी चलाई है, उसकी एक शुरुआत हुई है. इकबाल अंसारी ने कहा कि रविशंकर का जो ग्रुप है, इससे हमारा कोई नाता नहीं है. इन लोगों के बात करने से न मसला होने वाला है, न होगा.

(न्यूज18 के लिए निमिष गोस्वामी की रिपोर्ट)

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