बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार आज यानी रविवार को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. माना जा रहा है कि वो आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव समेत और भी कई मुद्दों पर जेडीयू का रूख स्पष्ट कर सकते हैं.
Bihar Chief Minister and Janta Dal (United) President Nitish Kumar at party's national executive meet in Delhi. pic.twitter.com/rKa9S5yKoe
— ANI (@ANI) July 8, 2018
बीजेपी के साथ सीट-शेयरिंग को लेकर तनाव की खबरों के बीच नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है. जेडीयू से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने नीतीश कुमार को पार्टी के हित में फैसले लेने और एनडीए गठबंधन में बने रहने पर फैसला लेने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है.
Party to pass a resolution authorising Nitish Kumar to take decision that is in best interest of the Party vis a vis NDA alliance: JDU sources
— ANI (@ANI) July 8, 2018
इस तरह की अटकलें हैं कि जेडीयू लालू यादल की आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन पर दोबारा विचार कर सकती है. जेडीयू नेता हालांकि इसे खारिज कर चुके हैं लेकिन बीजेपी के साथ खटपट जगजाहिर होने के बाद इस तरह की अटकलों को और मजबूती मिलती दिख रही है.
12 जुलाई को पटना में अमित शाह
इंडिया टुडे ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि नीतीश कुमार आजकल बीजेपी के 'बड़े भाई' वाले बर्ताव से खफा हैं और अभी हाल में लालू यादव को फोन कर उनका कुशल-क्षेम पूछना अपने आप में कई इशारे करता है. 12 जुलाई को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पटना दौरे पर जाने वाले हैं. वहां उनका रूख क्या होगा, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन एनडीए में जेडीयू का रोल क्या होगा, नीतीश कुमार रविवार की बैठक में शायद साफ कर दें.
जेडीयू ने अपनी मांग बढ़ाई
फाइनेंसियल एक्सप्रेस में मशहूर स्तंभकार अमूल्य गांगुली ने लिखा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने बीजेपी को सुझाव दिया है कि अगले चुनाव के मद्देनजर उसे अपने सहयोगियों (अभी हाल में अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बंद कमरे में मुलाकात की, जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बाहर बैठे इंतजार करते रहे) पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. ऐसे में जेडीयू और नीतीश कुमार ने मौके को भांपते हुए अपनी मांग और बढ़ा दी है.
पीटीआई-भाषा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जेडीयू के कई नेता ऐसे हैं जिन्होंने एनडीए में अपनी पहले वाली स्थिति बहाल करने की मांग की है जैसा 2013 में गठबंधन से हटने से पहले तक उसका प्रभाव था.
बीजेपी क्यों देगी जेडीयू को भाव
पीटीआई-भाषा के मुताबिक, 2014 के लोकसभा चुनावों में बड़ी कामयाबी मिलने के बाद बिहार में बीजेपी का वोट बैंक बढ़ रहा है और वह जेडीयू को बड़ी पार्टी का दर्जा नहीं मिलने देना चाहेगी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुमार 2019 में 15 लोकसभा सीटें हासिल करने की कोशिश में हैं.
2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने राज्य में 40 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत हासिल की थी और उसके सहयोगी एलजेपी और आरएलएसपी ने 6 और 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जेडीयू तब केवल 2 सीटें जीत सकी थी.
(भाषा से इनपुट)
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