(नोट: यह लेख पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस से मरते मासूम बच्चों की मौतों पर सीरीज की आखिरी किस्त है. इस सीरीज में इंसेफेलाइटिस के अलावा हमारी बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था की तहकीकात कर रहे हैं अाशुतोष कुमार सिंह)
भारत सरकार ने वेक्टर जनित रोगों पर नियंत्रण रखने के लिए एक निदेशालय बनाया है. जिसका नाम है राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम निदेशालय. इस निदेशालय के जिम्मे ही इंसेफेलाइटिस की रोकथाम एवं नियंत्रण की राष्ट्रीय जिम्मेदारी है.
अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इस निदेशालय ने 2014 में जापानी इंसेफेलाइटिस एवं एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बचाव एवं नियंत्रण हेतु चलाए गए कार्यक्रम की रूपरेखा तय की एवं एक मार्गदर्शिका प्रकाशित की.
इस मार्गदर्शिका में जेइ/जेइएस को रोकने के लिए भारत सरकार के अनुदेश पर कार्ययोजना बनाई गई है. इसमें 6 मंत्रालयों को संयुक्त रूप से काम करने का अनुदेश है.
अ'स्वस्थ तंत्र पार्ट 1 : इंसेफेलाइटिस नहीं, अव्यवस्था से मर रहे हैं नौनिहाल
जेइ/जेइएस की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने 4 नवंबर 2011 को (कैबिनेट सचिवालयी आदेश सं.-241/1/5/2011-सीएबी के आलोक में) मंत्रियों के एक समूह का गठन किया था. जिसमें बहुआयामी योजना के तहत इस बीमारी के बचाव के लिए कार्य करना था.
स्वच्छता, शुद्ध-पेयजल, पोषण की स्थिति में सुधार सहित मेडिकल स्टाफ कैपिसीटी बिल्डिंग पर काम करने पर जोर दिया गया. विकलांग बच्चों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं पुनर्वास की स्थिति पर चर्चा हुई.
मंत्रियों के समूह की संस्तुति पर ही भारत सरकार ने जापानी इंसेफेलिटिस एवं एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बचाव एवं रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाने की मांग को माना.
अ'स्वस्थ तंत्र पार्ट 2 : 65 वर्षीय चुनी हुई सरकार बनाम 65 वर्षीय इंसेफेलाइटिस
इसी आलोक में कार्य-करण हेतु इस मार्गदर्शिका को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग एवं नियंत्रण कार्यक्रम निदेशालय ने तैयार किया ताकि इस बीमारी की रोकथाम की जा सके. इस मार्गदशिका में राज्य एवं जिला स्तर तक के कार्यक्रम प्रबंधकों को इस बीमारी से रोकथाम के उपाय के बारे में समझाया गया है. ताकि एइस एवं जेइ से संबंधित सूचना सही तरीके से मिल सके, जेइ का टीकाकरण ठीक से हो सके, मामले की जानकारी जल्दी मिल सके, अस्पतालों को बेहतर तरीके से सक्षम बनाया जा सके. विकलांग हुए बच्चों का समुचित पुनर्वास हो सके.
जेइ/एइएस बचाव एवं नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम का लक्ष्य
1-जेइ टीकाकरण अभियान को सक्षम तरीके से प्रभावित जिलों में लागू करना.
2- सर्विलांस व्यस्था को मजबूत करना, वेक्टर पर नियंत्रण, केस का प्रबंधन एवं समय से रेफरल केन्द्रों से चिंताजनक स्थिति वाले मरीजों को भेजना.
3-स्वच्छ जल की उपलब्धता एवं साफ-सफाई पर ध्यान देना
4- जेई/एइएस से विकलांग हुए बच्चों की गणना करना ताकि उन्हें फिजिकल, मेडिकल, न्यूरोलॉजिकल एवं सामाजिक पुनर्वास दिया जा सके
5- पोषण की स्थिति को उन बच्चों में बेहतर करना जो जेइ/एइएस से प्रभावित हैं
6- आईसी अथार्त इंफॉरमेशन (सूचना) एजूकेशन (शिक्षा) कम्यूनिकेशन (संचार) एवं बीसीसी अर्थात बिहैबीयर चेंज कम्यूनिकेशन (स्वभाव बदलने वाला संचार) संबंधित कार्यक्रम करना.
6 मंत्रालयों की संयुक्त कार्ययोजना
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक सामूहिक प्रयास की जरूरत थी. इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीनस्थ विद्यालय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग) ने एक साथ मिलकर इस बीमारी से लड़ने का संकल्प लिया. पहले चरण में सबसे ज्यादा प्रभावित पांच राज्यों (असम, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल) के 60 जिलों में चलाए जाने का निर्णय लिया गया. इन जिलों की सूची तालिका 1 में देखें. उसके बाद 19 राज्यों के 171 जेइ/एइएस प्रभावित जिलों में इस कार्यक्रम को शुरू किया गया. तालिका-2 में इसे देखा जा सकता है.
अ'स्वस्थ' तंत्र पार्ट 3 : इंसेफेलाइटिस के आंकड़ों पर झूठ तो नहीं बोल रहीं सरकारें?
किसको क्या थी जिम्मेदारी
जेइ/एइएस जैसी गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए यह जरूरी था कि संबंधित सभी विभागों एवं मंत्रालयों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए. यही सोचकर इस मार्गदर्शिका में इन मंत्रालयों को निम्न जिम्मेदारी तय की गई थी. लेकिन किसने क्या किया इसका अंदाजा तो आपलोगों के पिछले 6 आलेखों में लग ही गया होगा.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
मंत्रियों के समूह द्वारा अनुसंशित राष्ट्रीय कार्यक्रम के निरीक्षण की जिम्मेदारी नोडल एंजेसी के रूप में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को दिया गया. इस मंत्रालय के मुख्य कार्य निम्न बताए गए-
जेइ टीकाकरण को मजबूती के साथ फैलाना
शोध मे यह पाया गया कि इंटेरो-वायरल इंफेक्शन का मुख्य कारण अस्वच्छ जल है. एइएस की रोकथाम के लिए शुद्ध पानी साफ सफाई पहली शर्त है. अतः इस मंत्रालय के सबसे ज्यादा प्रभावित 60 जिलों में निम्न कार्य करने का दायित्व दिया गया था -
आंकड़ो की बात की जाए तो प्राथमिक स्तर पर यह गांवों में ज्यादा पैदा होने वाली समस्या है. हालांकि कुछ मामले शहरों में भी देखने को मिले हैं. आंकड़ों के हिसाब से 66 नगर निगम ऐसे हैं जहां पर एइएस का प्रकोप देखने को मिला है.
‘अ’स्वस्थ तंत्र पार्ट 4: शिशुओं की चीख बनाम कागजी तंत्र
(तालिका 3 देखें) आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन पावर्टी एलीविएशन) ने 43 जिलों के 66 नगर निगमों को चिन्हित किया है जहां पर स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करनी है.
सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय
इस मंत्रालय का मुख्य कार्य जेइ/एइएस से विकलांग हुए लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करना. दीनदयाल डिसएबल रिहैबिलिएशन स्कीम (डीडीआरएस) के तहत विकलांगों को मदद करना है. इस स्कीम के तहत सबसे ज्याद प्रभावित 60 जिला मुख्यालयों में एक-एक सेंटर स्थापित करने की बात थी.
‘अ’स्वस्थ तंत्र पार्ट 5: राजनीतिक मकड़जाल में फंसा पूरबियों का स्वास्थ्य
साथ ही चार राज्यों के 15 जिलों में यह सेंटर खोलने की योजना बनी. जिसमें असम के 6 (धेमाजी, गोलाघाट, सोनीतपुर, तिनसुकिया, उदालगिरी एवं लखिनपुर) बिहार के तीन जिले (गोपालगंज, नालंदा एवं सारण), उत्तर प्रदेश के पांच जिले (बलरामपुर,कुशीनगर, संत कबीर नगर, सितापुर, एवं श्रावस्ती) तथा पश्चिम बंगाल के एक जिला पश्चिमी मिदिनापुर में डीडीआरएस खोलने की बात कही गई.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (विद्यालय एवं शिक्षा विभाग)
इस बीमारी से विकलांग हुए बच्चों के लिए विशेष शिक्षा व्यवस्था करने की जिम्मेदारी इस विभाग के जिम्मे दी गई. मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज एवं सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय संयुक्त रूप से बच्चों के को पढाए जाने वाले कुरीकुलम बनाएं. सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय को सबसे ज्याद प्रभावित 60 जिलों में डीडीआरएस योजना के तहत विशेष विद्यालय एवं प्रशिक्षण संस्थान खोलने की जिम्मेदारी थी.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
जेइ/एइएस के मुख्य कारणों में से एक कुपोषण भी है. ऐसे में प्रभावित क्षेत्र में पोषण की स्थिति को सुधारने की बहुत जरूरत है. इस मंत्रालय के अंतर्गत चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को ठीक से पोषण दिया जाए. साथ ही इसकी मॉनिटरिंग मंत्रालय ठीक से करे. साथ ही मंत्रालय प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त राशन मुहैया कराए ताकि कुपोषित बच्चों को ठीक से पोषण दिया जा सके.
इस योजना को लागू करने के लिए बजटीय प्रावधान
पहले चरण में इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए सरकार ने कुल 4038.10 करोड़ का बजट बनाया जिसमें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय 1131.49 करोड़, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय 2301,57 करोड़ (जिसमें 750.23 करोड़ पेयजल पर, एवं 1551.34 करोड़ स्वच्छता के मद में खर्च करने का प्रावधान किया गया) शहरी विकास एवं गरीबी उपशमन मंत्रालय 418 करोड़ रुपए, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय 9.19 करोड़ तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 177.85 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान बनाया. इस सभी मंत्रालयों को मिलकर इस रोग से निपटने की जिम्मेदारी दी गई.
तालिका-1 जेई/एइएस प्रभावित पांच राज्यों के 60 जिले
संख्या | राज्य | जिला |
1 | असम (10) | बापेटा, लखिनपुर,धेमाजी, सिबसागर, डिबरूगढ़, सोनितपुर,गोलाघाट, तीनसुकिया,जोरहाट, उदालगिरी |
2 | बिहार (15) | औरंगाबाद, नवादा,दरभंगा, पटना, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, गया, सारण, गोपालगंज,सीवान, जहानाबाद, वैशाली, मुजफ्फरपुर, प.चंपारण एवं नालंदा |
3 | तमिलनाडू (5) | मदुरई, थिरुवरुर, करुर,विलुपुरम, थानजावुर |
4 | उत्तरप्रदेश (20) | आजमगढ़, कुशीनगर, बलिया, लखीमपुर खीरी,बलरामपुर, महाराजगंज, बस्ती, मऊ, बहराइच, रायबरेली, देवरिया, संत कबीर नगर, गोंडा, शहारनपुर, गोरखपुर, श्रावस्ती,हरदोई, सिद्धार्थनगर, कानपुर देहात एवं सितापुर |
5 | पश्चिम बंगाल (10) | बांकुरा, हुगली, बीरभूम, हावडा, बरदवान, जलपाईगुड़ी, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, दार्जिलिंग, पश्चिम मिदनापुर |
तालिका-2 जेई/एइएस प्रभावित 19 राज्यों के 171 जिलों की सूची
संख्या | राज्य | जिला |
1 | आंध्रप्रदेश (12) | अदिलाबाद, चित्तूर, करीमनगर, खम्मम, कृष्णा, कुरनूल, मेडक, महबूब नगर, नालगोंडा, नेल्लोर, निजामाबाद, वारंगल |
2 | अरुणाचल प्रदेश (1) | चेनलांग |
3 | असम (16) | बारपेटा, डारंग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, जोरहाट, कमरूप, लखिमपुर, मोरीगांव, नागांव,नालबारी, सिबसागर, सोनितपुर, तिनसुकिया एवं उदालगिरी |
4 | बिहार (24) | औरंगाबाद, गया, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, नवादा, समस्तीपुर, सीवान,पश्चिमी चंपारण, अरवल, अररिया, बांका, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, जमुई, जहानाबाद, लखीसराय, नालंदा,पटना, सारण, शेखपुरा, वैशाली एवं दरभंगा |
5 | दिल्ली (2) | उत्तरी जिला, उत्तरी-पूर्वी जिला |
6 | गोवा (2) | उत्तरी गोवा एवं दक्षिणी गोवा |
7 | हरियाणा (6) | अंबाला, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत एवं यमुनानगर |
8
|
झारखंड (8) | गिरीडीह, पाकुर, पलामू, रांची, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका, जमात्रा एवं साहिबगंज |
9 | कर्नाटक (10) | तुमकुर, बेल्लारी, बीजापुर, धाड़वाह, गदाग, हावेरी, कोलर, कोप्पल,मांड्या एवं रायचुर |
10 | केरल (2) | अलेपी, त्रिवेंद्रम |
11 | मेघालय (4) | पूर्वी खासी हिल्स, पश्चिमी खासी हिल्स, जैनतिया हिल्स, रिभोई |
12 | महाराष्ट्र (9) | गोंदिया, अमारावती, बीड, भानडरा, गढ़चिरौली, लातूर, नागपुर ग्रामिण, वाशिम एवं यवतमल |
13 | मणिपुर (8) | विष्णुपुर, चंदेल, चुराचंदपुर, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, कांगकोकपी, सेनापति, एवं थाउबल |
14 | नगालैंड (7) | दीमापुर, मुकुंगचुंग, वोखा, कोहिमा, तेनसेंग, जुनेहीबोटो एवं लॉगलेंग |
15 | पंजाब (2) | संगुरूर एवं शहीद भगत सिंह नगर |
16 | तमिलनाडू (13) | करुर, कुड्डालोर, मदुरई, पेराम्बलुर, थानजावुर, थिरुवननामलइ, थिरुवरुर, थिरचिरापल्ली, विल्लीपुरम, कालाकुरुची, विरुद्ध नगर, थिरुनेवेली एवं पुड्डूकोट्टइ |
17 | उत्तर प्रदेश | इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बहराइच, देवरिया, फैजाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, जौनपुर, कानपुर नगर, कुशीनगर, लखनऊ, महाराजगंज, प्रतापगढ़, रायबरेली, सहारनपुर, संत कबीर नगर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर एवं उन्नाव |
18 | उत्तारखंड(1) | उधमसिंह नगर |
19 | प.बंगाल(10) | बीरभूम, बर्धमान, हूगली, हावड़ा, पश्चिमी मेदिनापुर, जलपाइगुड़ी, दक्षिण दिनाजपुर, उत्तर दिनाजपुर, मालडा एवं दार्जिलिंग
|
तालिका-3 चार राज्यों के 43 जिलों के 66 नगर निकायों की सूचि जो जेइ/एइएस से प्रभावित हैं
सं. | राज्य | जिला | नगर निकाय |
1 | असम | बारपेटा | बारपेटा नगर निगम, होवली, पाथशाला, सोरभोज |
धेमाजी | धेमाजी टाउन, शीला पत्थर, | ||
डिब्रूगढ़ | डिबरूगढ़ टाउन, मोरन टाउन, | ||
जोरहाट | जोरहाट टाउन, मरियानी टाउन, टिटाबार | ||
लखिमपुर | लखिमपुर टाउन, बिहपुरिया, | ||
सिबसागर | सिबसागर, नजिरा, सोनारी | ||
सोनितपुर | तेजपुर, | ||
तिनसुकिया | तिनसुकिया, डूमडोमा, नहरकटिया, सपखोवा | ||
उदालगिरी | उदालगिरी, तंगला | ||
2 | बिहार | अरवल | अरवल नगर परिषद |
दरभंगा | दरभंगा नगर निगम | ||
पूर्वी चंपारण | मोतिहारी नगर परिषद | ||
गया | गया नगर निगम | ||
गोपालगंज | गोपालगंज नगर परिषद् | ||
जहानाबाद | जहानाबाद नगर परिषद | ||
मुजफ्फरपुर | मुजफ्फरपुर नगर निगम | ||
नालंदा | बिहार शरीफ नगर निगम | ||
नवादा | नवादा नगर परिषद | ||
पटना | पटना नगर निगम | ||
समस्तीपुर | समस्तीपुर नगर परिषद | ||
सारण | छपरा नगर परिषद | ||
सीवान | सीवन नगर परिषद | ||
वैशाली | हाजीपुर नगर परिषद | ||
पं. चंपारण | बेतिया नगर परिषद | ||
3 | तमिलनाडु | ||
मदुरई | मदुरई | ||
थानजावुर | थानजावुर | ||
4 | उत्तर प्रदेश |
|
|
आजमगढ़ | मुबारकपुर | ||
बहाराइच | बहराइच, नानपारा, रिसिया, | ||
बलरामपुर | तुलसीपुर, पचपेरवा | ||
बस्ती | बस्ती | ||
देवरिया | देवरिया | ||
गोरखपुर | गोरखपुर नगर निगम, शहजनवां | ||
कुशीनगर | पडरौना | ||
महाराजगंज | महाराजगंज, नौतनवा | ||
संतकबीर नगर | नगर पालिका परिषद, खलिलाबाद, नगर पंचायत हरिहरपुर, नगर पंचायत मेहदवाल | ||
सिद्धार्थ नगर | नौगढ़ |
पिछले 6 आलेखों में हमने जापानी इंसेफेलाइटिस एवं एइएस से संबंधित तमाम तथ्यों से अवगत हो चुके हैं. इस आलेख से आप यह समझ गए होंगे कि इस बीमारी की जड़ें कितनी फैल चुकी हैं. रोकथाम एवं बचाव के तमाम दावों के बीच सरकार की यह योजना कारगर कितनी हो पाई है, यह एक गहन शोध का विषय है.
‘अ’स्वस्थ तंत्र' पार्ट 6: इंसेफेलाइटिस के इलाज के लिए चीन के भरोसे है विकसित भारत!
हमलोगों ने जो पाया उससे तो स्पष्ट है सरकार द्वारा खर्च किए गए 4 हजार करोड़ रुपए का कोई खास फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. 2014 तक सरकार जहां 19 राज्यों में इस बीमारी के फैलने की बात कह रही थी वह अब बढ़कर 22 हो चुके हैं. विस्तृत जानकारी आप चित्र-1देख सकते हैं. 31 अगस्त-2017 तक भारत में जापानी इंसेफेलाइटिस या एइएस से कितने लोग मरे और कितने प्रभावित हुए चित्र-1 में दिखाया गया है.
कागजों पर इतनी बेहतरीन व्यवस्था होने के बाद भी देश के 22 राज्यों के नौनिहालों की चीख थम नहीं रही है. ऐसे में अपनी योजनाओं पर सरकार को पुनः विचार करना चाहिए. शायद तब जाकर देश के नौनिहालों के स्वास्थ्य को हम सुरक्षित कर पाएंगे.
चित्र-1 2010 से 31 अगस्त-2017 तक का आंकड़ा.
(लेखक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं. हाल ही में स्वस्थ भारत अभियान के तहत 'स्वस्थ बालिका-स्वस्थ समाज' का संदेश देने के लिए 21000 किमी की भारत यात्रा कर लौटे हैं. )
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
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पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.