असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अंतिम मसौदा 2.9 करोड़ नामों के साथ सोमवार को जारी कर दिया गया. यह दूसरा मसौदा है. पहले मसौदे में 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे.
एनआरसी जारी होते ही पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. विपक्षी पार्टियों ने केंद्र और असम में सत्तारूढ़ बीजेपी को अपने फायदे के लिए एनआरसी का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को संसद में घेरने की तैयारी की है.
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने एनआरसी को अपनी दिमागी उपज बताई और कहा कि मौजूदा सरकार ने लोगों की रजिस्ट्री करने में काफी गड़बड़ी की है.
गोगोई ने फर्स्टपोस्ट से कहा, मैंने यह स्कीम तब शुरू की, जब किसी ने इस बारे में सोचा भी नहीं था. एएएसयू (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन) ने इसकी मांग नहीं उठाई थी, न ही असम संधि में कहीं इसका जिक्र था.
गोगोई ने आगे कहा, सोमवार को जो एनआरसी जारी किया गया, उसमें कई असली भारतीयों को छोड़ दिया गया है. मुझे लगता है कि पिछले पांच साल की मेहनत और 50 हजार सरकारी अधिकारियों को काम पर लगाने के बाद भी सरकार सही काम नहीं कर पाई. मैं इसमें कई खामियां देखता हूं.
असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने एनआरसी मसौदे पर कहा, 40 लाख लोग रजिस्टर में अयोग्य पाए गए हैं. यह बड़ी संख्या है और चौंकाने वाली भी है. रिपोर्ट में काफी गड़बड़ है. हम इसे मुद्दे को सरकार और संसद के समक्ष उठाएंगे. मसौदे के पीछे बीजेपी का सियासी स्वार्थ छुपा है.
40 lakh names ineligible is a very high figure and very surprising. There are lot of irregularities in the report. We will raise this issue with the Govt and in the Parliament. Political motive of BJP is also behind this: Ripun Bora,Assam Congress Chief on #NRCAssam draft pic.twitter.com/nwFdZ7GqWI
— ANI (@ANI) July 30, 2018
एनआरसी जारी होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. सिंह ने कहा, कुछ लोग बेवजह भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह रिपोर्ट पूरी तरह से निष्पक्ष है. किसी प्रकार की गलत सूचना नहीं फैलाई जानी चाहिए. यह मसौदा है न कि अंतिम सूची.
Some people are unnecessarily trying to create an atmosphere of fear. This is a completely impartial report. No misinformation should be spread.This is a draft and not the final list: Home Minister Rajnath Singh #NRCAssam pic.twitter.com/w1AN6bGfO9
— ANI (@ANI) July 30, 2018
सिंह ने आगे कहा, जिन लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं, वे प्रवासी अधिकरण में संपर्क कर सकते हैं. किसी को परेशान नहीं किया जाएगा, इसलिए किसी को डरने की जरूरत नहीं है.
Central Govt has intentionally eliminated more than 40 lakh religious & linguistic minorities from NRC(National Register of Citizens) which will have serious ramifications on the demography of different states adjoining Assam, PM should come to house & clarify it: SS Roy, TMC pic.twitter.com/Byga4aCQt7
— ANI (@ANI) July 30, 2018
तृणमूल कांग्रेस के नेता एसएस रॉय ने कहा, केंद्र सरकार ने जानबूझ कर 40 लाख मजहबी और भाषाई अल्पसंख्यकों को एनआरसी से बाहर कर दिया है जिसका असम और उससे लगे राज्यों की आबादी पर गंभीर परिणाम होगा. प्रधानमंत्री खुद संसद में आएं और इस मामले को स्पष्ट करें.
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