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दुनिया की सबसे बड़ी हीरा कंपनी के बोर्ड में शामिल नहीं होंगे अनिल अग्रवाल

अग्रवाल ने कहा, बोर्ड में शामिल होने के बजाय शेयरधारक के तौर पर काम करना पसंद करूंगा

Updated On: Oct 15, 2017 10:07 PM IST

Bhasha

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दुनिया की सबसे बड़ी हीरा कंपनी के बोर्ड में शामिल नहीं होंगे अनिल अग्रवाल

दिग्गज खनन कारोबारी और वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि वो ब्रिटेन की खनन कंपनी एंग्लो अमेरिकन पीएलसी के बोर्ड में शामिल नहीं होंगे. सबसे बड़े शेयरधारक होने के बावजूद वो बोर्ड में शामिल होने की जगह प्रबंधन में सहयोग करेंगे.

कंपनी में अग्रवाल की हिस्सेदारी 21 फीसदी से ज्यादा है. अग्रवाल भारत में हीरा, तांबा और कोयला ढूंढने के लिए अपनी कंपनियों और एंग्लो के बीच संयुक्त उद्यम या तकनीकी सहयोग पर ज़ोर देंगे.

उन्होंने कहा कि एंग्लो शानदार कंपनी है और उससे बेहतर कोई भी कंपनी नहीं हो सकती है. ये 100 साल पुरानी कंपनी है. हम प्रबंधन का समर्थन करेंगे क्योंकि हम प्रबंधन को पसंद करते हैं.

वेंदाता समूह ने 1.5 अरब पाउंड से कंपनी के करीब 9 फीसदी शेयर खरीदे. इससे पहले मार्च में 2 अरब पाउंड से 12.43 फीसदी की हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था. इस हिस्सेदारी ने उन्हें दुनिया की सबसे बड़े हीरा उत्पादक डी बीयर्स में अप्रत्यक्ष रूप से पैर जमाने का अधिकार दे दिया है.

अग्रवाल ने कहा, 'ये बहुत बड़ी हिस्सेदारी है, लेकिन मैं अभी बोर्ड में कोई स्थान लेने की जगह शेयरधारक के रूप में काम करना चाहता हूं.' उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि मेरी कंपनी वेदांता और एंग्लो के बीच तालमेल ज़रूरी है. वो मिलकर संयुक्त उद्यम बना सकते हैं और एकसाथ काम कर सकते हैं.'

एंग्लो के पास तक़नीक है और भारत हीरा, तांबा, कोयले के खनन के लिए अवसर प्रदान करता है. डी बियर्स, औसतन हर वर्ष 5.2 अरब डॉलर के कच्चे हीरे की बिक्री करता है, जिसमें से आधे की खरीददारी सूरत, मुंबई, हॉन्ग कॉन्ग, दक्षिण अफ्रीका और दुबई के भारतीय हीरा कारोबारियों की ओर से किया जाता है.'

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