बुधवार को संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे तो उनका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत हुआ. वंदे मातरम और भारत माता की जय का उद्घोष कर रहे सांसदों के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आगे बढ़कर मोदी का स्वागत किया. लड्डू खिलाकर शाह ने मोदी को बधाई भी दी.
शायद इस लड्डू की मिठास पहले से ज्यादा रही होगी, क्योंकि इसमें गुजरात में काफी मशक्कत के बाद मिली जीत की मिठास घुली थी. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद शुरू हुआ जीत का सफर उत्तर प्रदेश तक जारी रहा, जहां बीजेपी ने बिना किसी परेशानी के एकतरफा जीत दर्ज की थी.
लेकिन, अपने गृह राज्य में पहली बार मोदी-शाह की इस जिताऊ जोड़ी को परेशानी का सामना करना पड़ा था. लेकिन, आखिर में मिली जीत ने खुशी का एहसास करा दिया जिसकी झलक संसदीय दल की बैठक में भी दिख रही थी.
गुजरात की पिच पर बाजी पलट जाती तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ जाती
गुजरात में मिली जीत के बाद बीजेपी के लिए अब 2019 की तैयारी के लिए बेहतर माहौल मिलेगा. गुजरात की पिच पर बाजी पलट जाती तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ जाती, लेकिन, अब पार्टी 2018 के विधानसभा चुनावों और फिर 2019 के फाइनल को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति को धार देने में अभी से ही जुट गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीजेपी सांसदों को संबोधन में भी इसकी झलक मिल गई.
गुजरात और हिमाचल चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद बुधवार को बीजेपी की संसदीय दल की बैठक के दौरान पार्टी के सभी सांसदों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए. मोदी जीत की खुशी के बाद अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए. जिस गुजरात ने उन्हें प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचा दिया उसी गुजरात में बीच मझधार में नैया डगमगाने के बावजूद उसे किनारे लगाने की खुशी का एहसास उन्हें है. ऐसे में भावुक तो होना ही था.
लेकिन, गुजरात की जीत ने कुछ कड़वे सबक भी दिए हैं. मोदी को उसका एहसास है और इस एहसास से वो अपने सांसदों को अवगत कराना चाहते हैं जो डेढ़ साल बाद फिर से जनता के दरबार में अपने काम का हिसाब देने पहुंचने वाले हैं.
मोदी ने गुजरात और हिमाचल की जीत को सीधे जनता को समर्पित कर दिया. लेकिन, फिर से उन्होंने अपने सांसदों को जनता की सेवा में लगे रहने की नसीहत भी दे डाली. अलग-अलग मंचों से हमेशा मोदी की तरफ से ऐसा कहा जाता रहा है. लेकिन, गुजरात की जीत के बाद उनके बयान का मतलब खास है, क्योंकि गुजरात ने बीजेपी नेताओं को साफ-साफ संदेश दे दिया है कि उन्हें टेकेन फॉर ग्रांटेड न लें. मोदी इसीलिए जनता की सेवा करने की नसीहत देते दिख रहे हैं.
उन्हें एहसास है कि 2019 की लड़ाई में कड़ी टक्कर होने वाली है
2019 के लोकसभा चुनाव की अभी से ही तैयारी करने का संदेश देकर प्रधानमंत्री ने अपने सभी सांसदों के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी बड़ी लड़ाई के लिए अभी से ही तैयारी के संदेश दे दिए हैं. क्योंकि उन्हें इसका एहसास है कि 2019 की लड़ाई में कड़ी टक्कर होने वाली है.
गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी नेता फिसड्डी ही साबित हुए थे. लेकिन, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी जैसे युवाओं ने इन चुनावों में बीजेपी के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर दी. अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी तो अब एमएलए भी बन चुके हैं लेकिन, हार्दिक के अगले कदम को लेकर अभी भी बीजेपी के मन में डर बना हुआ है. उधर, राहुल गांधी के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने के बाद अब कांग्रेस युवा राहुल के सहारे मोदी को घेरने की कोशिश में है.
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सियासत के माहिर खिलाडी मोदी ने कांग्रेस की उस मानसिकता को अभी से ही भांप लिया है. लिहाजा, अभी से ही पार्टी में नई पीढ़ी के लोगों को तरजीह देने की वकालत करनी शुरू कर दी है.
प्रधानमंत्री ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए अभी से ही युवाओं को पार्टी से जोड़ने और देश भर में बूथ स्तर पर पार्टी को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया है. बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन कई सांसदों के लिए भी नसीहत है. पीएम ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में युवाओं पर ज्यादा भरोसा दिखाया जा सकता है.
बीजेपी से लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा हैं, उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना बड़ी चुनौती
नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में अपनी पार्टी के सांसदों को और अधिक मेहनत करने को लेकर नसीहत दी है. मोदी ने कहा है कि बीजेपी से लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा हैं लिहाजा, उन अपेक्षाओं पर खरा उतरना बड़ी चुनौती है. शायद प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव से अब तक अलग-अलग राज्यों में हो रही जीत से अति-उत्साहित बीजेपी कार्यकर्ताओं को आगाह करना चाहते हैं.
उन्हें जीत की मदहोशी से बाहर निकलकर जनता के बीच काम करने की नसीहत दे रहे हैं. क्योंकि गुजरात की जीत ने बीजेपी के लिए जीत के साथ-साथ एक सबक, एक नसीहत और एक चेतावनी भी दी है.
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