2002 में हुए गुजरात दंगे एक बार फिर खबरों में हैं. 2012 में कोर्ट से 28 साल की सजा पा चुकी माया कोडनानी से जुड़े नरोदा पाटिया मामले में अमित शाह को कोर्ट में बयान देने लिए बुलाया गया था. सोमवार को अमित शाह अहमदाबाद के एसआईटी कोर्ट में बयान दर्ज करवाने पहुंचे.
अमित शाह ने अहमदाबाद की एसआईटी कोर्ट को दिए अपने बयान में कहा कि दंगे वाले दिन माया कोडनानी उनके साथ थीं. उन्होंने कहा कि जब वो अहमदाबाद के शोला सिविल अस्पताल से निकल रहे थे तो उन्होंने माया कोडनानी को वहां देखा था. इसके अलावा उन्होंने कोडनानी को गुजरात विधानसभा में भी देखा था. हालांकि शाह ने अदालत से ये भी कहा कि विधान सभा से अस्पताल जाने के बीच कोडनानी कहां थीं, उन्हें नहीं पता.
क्या है मामला?
गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पाटिया इलाके में 11 मुस्लिमों की हत्या हुई थी. जिसमें माया कोडनानी पर खुद खडे़ होकर दंगे भड़काने का आरोप है. इस मामले में कोर्ट कोडनानी को पहले ही सजा सुना चुका है. कोडनानी फिलहाल अपनी खराब सेहत के चलते जमानत पर रिहा हैं. कोडनानी ने अपने पक्ष में कहा था कि दंगे के समय वो अमित शाह के सामने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में थीं.
कोडनानी नहीं जानती थीं अमित शाह का पता
कोडनानी भाजपा से विधायक रह चुकी हैं. मंत्री बनी हैं मगर इससे पहले वो अपने पक्ष में अमित शाह को बतौर गवाह पेश नहीं कर पाई थीं. कोडनानी ने अदालत को बताया था कि उन्हें बीजेपी अध्यक्ष का पता नहीं मालूम था, जिसके चलते वो अदालत का समन अमित शाह तक नहीं पहुंचा पाई थी.
18 सितंबर अमित शाह को बतौर गवाह बुलाने का आखिरी मौका था. जिससे पहले पूर्व बीजेपी मंत्री को बीजेपी अध्यक्ष का पता मिल गया. अदालत में अमित शाह की गवाही से माया कोडनानी को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
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