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गोरखपुर दंगाः योगी की भूमिका की नहीं होगी जांच, कोर्ट ने खारिज की याचिका

याचिकाकर्ता असद हयात, परवेज और अन्य की याचिका पर जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एसी शर्मा की पीठ ने सुनवाई पूरी कर ली थी

Updated On: Feb 22, 2018 03:17 PM IST

FP Staff

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गोरखपुर दंगाः योगी की भूमिका की नहीं होगी जांच, कोर्ट ने खारिज की याचिका

2007 के गोरखपुर दंगे में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट गुरुवार को फैसला सुना दिया. कोर्ट ने योगी पर मुकदमा चलाने की मांग संबंधी याचिका को खारिज कर दिया.

इस याचिका में प्रदेश सरकार के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें प्रदेश सरकार ने मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था.

इससे पहले याचिकाकर्ता असद हयात, परवेज और अन्य की याचिका पर जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एसी शर्मा की पीठ ने सुनवाई पूरी कर ली थी. हालांकि अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और एजीए एके संद ने प्रदेश सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया था. लंबी बहस के बाद कोर्ट ने 18 दिसम्बर 2017 को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था.

क्या है मामला

2008 में मोहम्मद असद हयात और परवेज ने दंगों में एक व्यक्ति की मौत के बाद सीबीआई जांच को लेकर याचिका दाखिल की थी. याचिका में सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण को दंगे की वजह बताया गया था. जिसके बाद तत्कालीन गोरखपुर सांसद को गिरफ्तार कर 11 दिनों की पुलिस कस्टडी में भी रखा गया था.

याचिका में योगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 153A, 395 और 295 के तहत जांच की मांग की गई. जिसके बाद केस की जांच सीबी-सीआईडी ने की और 2013 में भड़काऊ भाषण की रिकॉर्डिंग में योगी की आवाज सही पाई गई. हालांकि सीबी-सीआईडी ने तत्कालीन सांसद के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की क्योंकि अखिलेश सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी.

फरवरी 2017 में सीबी-सीआईडी की ओर से दाखिल आखिरी हलफनामे में कहा कि उसे अभी तक यूपी सरकार की तरफ से कोई लिखित आदेश नहीं मिला है. सीबी-सीआईडी ने हलफनामे में कहा कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अगर धारा 153A और 295 के तहत मुकदमा दर्ज होता है तो उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए सरकार की अनुमति आवश्यक होती है.

जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने आशंका जाहिर की कि सीबी-सीआईडी इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती, लिहाजा मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

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