मुलायम सिंह ने 24 घंटे के भीतर ही अखिलेश य़ादव और राम गोपाल यादव का निष्कासन रद्द कर दिया. समाजवादी पार्टी अखिलेश से सुलह के बाद अब फिर से यूपी में प्रत्याशी की लिस्ट तय करेगी.
बता दें कि शुक्रवार को मुलायम सिंह ने अखिलेश और रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था.
इसके बाद शनिवार को सुबह से ही आजम खान की मध्यस्थता के जरिए सुलह की कोशिशें तेज हो गई थीं. जो कुछ ही घंटों में कामयाब रहीं. हालांकि, सुलह के बावजूद रविवार को तय समय पर ही अखिलेश का बुलाया गया पार्टी अधिवेशन होगा.
शिवपाल यादव ने कहा कि, अखिलेश यादव और रामगोपाल का निष्कासन रद्द हो गया है. हम सब यूपी में सांप्रदायिक ताकतों से मिलकर लड़ेंगे.
अखिलेश और रामगोपाल के निष्कासन वापसी के बाद आज़म खान ने कहा कि अब पार्टी में कोई कड़वाहट नहीं है. साथ ही आज़म ने इस पूरे विवाद के स्क्रिप्टेड होने के आरोपों को भी नकारा.
अखिलेश और मुलायम के बीच बंद कमरे में क्या हुआ
आज़म खान ने अखिलेश और मुलायम के बीच सुलह की कोशिश की और अखिलेश यादव को अपने साथ लेकर मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे.
अखिलेश ने मुलायम के पैर छुए और बंद कमरे में दोनों की मुलाकात शुरू हुई. अखिलेश ने दो सौ से ज्यादा विधायकों की लिस्ट मुलायम को सौंपी.
इस बैठक में मुलायम ने शिवपाल यादव को भी बुलाया. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में अखिलेश ने मुलायम से कहा कि 2017 का चुनाव आपके लिए जीतना चाहता हूं.
इस पर भावुक पिता मुलायम ने सीएम अखिलेश से कहा कि मैं तुम्हारे खिलाफ कभी नहीं था. तुम्हारे खिलाफ होता तो तुम्हे सीएम क्यों बनाता.
अपने विधायक के सामने भावुक हो गए अखिलेश
मुलायम के साथ मुलाकात से पहले सीएम अखिलेश यादव ने पांच कालिदास मार्ग स्थित उनके आवास पर उनके समर्थक विधायकों और मंत्रियों की बैठक की.
सूत्रों के मुताबिक विधायकों को संबोधित करते हुए अखिलेश भावुक हो गए. और उन्होंने कहा कि, मैं अपने पिता से अलग नहीं हूं, नेता जी के लिए उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतूंगा.
सुलह के बाद भी नहीं हो पाया अखिलेश के शर्तों पर फैसला
समाजवादी पार्टी में अखिलेश और राम गोपाल यादव के निष्कासन से सुलह तो हो गई है. लेकिन अभी तक अखिलेश यादव की शर्तों पर फैसला नहीं हो पाया है.
अखिलेश ने मुलायम सिंह के सामने चार शर्तें रखी हैं और मुलायम सिंह का कहना है कि, वो इसका सम्मानजनक हल निकालेंगे. यानि निष्कासन भले ही रद्द हो गया हो लेकिन अभी तक मुद्दा पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है. और शायद यही कारण है कि अभी तक कल पार्टी का अधिवेशन बुलाने पर अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव अड़े हुए हैं.
अखिलेश की शर्तें...
सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने शर्त रखी कि अमर सिंह को पार्टी से निकाला जाए. दूसरी शर्त रखी कि शिवपाल यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए. और रामगोपाल को पार्टी का संरक्षक बनाया जाए.
एसपी नेता अबू आजमी ने भी अमर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि, मुलायम के साथ सभी दलाल जमा हो गए हैं.
आज़म खान ने कहा- शिवपाल जी बाद में पार्टी में शामिल हुए
आजम खान ने सुलह कराने के बाद कहा कि हम समाजवादी पार्टी बनाने वालों में से हैं. कोशिश में तो बहुत पहले से था कि ये दूरियां कम होनी चाहिए. मिट सकें तो मिटनी भी चाहिए. नेता जी ने काफी लंबी लड़ाई लड़ी है. वो अध्यक्ष भी हैं और बाप भी हैं. तमाम कड़वाहटों पर रिश्ते हावी रहे. शुरुआत में तो हम तीन ही थे. शिवपाल जी को तो बाद में बुलाया था.
मेरा खून का रिश्ता तो नहीं, लेकिन परिवार से एक लंबा रिश्ता है- आज़म खानNetaji has built the party; I consider him the 'Baghban' of the party. He is a father as well as the party Chief: Azam Khan, SP on SP feud pic.twitter.com/AcfcAVXdEq
— ANI UP (@ANINewsUP) December 31, 2016
आज़म खान ने कहा कि, एक बाप का एक बेटे से गिला हो सकता है. बाद में शिवपाल जी को भी बुलाया गया क्योंकि उन्हें निष्कासन रद्द करने की घोषणा करनी थी. मेरा खून का रिश्ता तो नहीं है, लेकिन परिवार से एक लंबा रिश्ता है.
अखिलेश और मुलायम की मुलाकात पर आज़म ने कहा कि, बहुत अच्छे माहौल में बात हुई. रविवार के अधिवेशन के बारे में बहुत तफसील में मुझे मालूम नहीं है. लेकिन, मैं कहूंगा कि जिन हालातों में वो होने जा रही थी वो माहौल अब नहीं है. अगर वो होती भी है तो उसका वो माहौल नहीं रहेगा. समाजवादी पार्टी एक है.
एसपी बंटती है तो उसका फायदा बीजेपी को होगा
आजम खान ने कहा कि, जो दो लिस्ट हैं उस पर अभी बात होगी. इस वक्त तो पार्टी में सब सही है. ऊपरवाले से दुआ करता हूं कि सही रहना चाहिए. इस वक्त इन हालातों में सबसे ज्यादा फिक्रमंद मुसलमान हैं क्योंकि समाजवादी पार्टी बंटती है तो उसका फायदा बीजेपी को होगा.
आज़म ने कहा कि, अगर उनका वोट बंटता है तो बीजेपी को फायदा होगा. क्योंकि उन्होंने वोट तो सेक्यूलर पार्टी को दिया था. अगर ये स्क्रिप्टेड था तो अच्छा है, हम कामयाब रहे. एक उनका स्क्रिप्टेड है जहां लोग लाइन में लगे हुए हैं.
कल तक जो तंज कस रहे थे उन्हें करारा जवाब मिला - गौरव भाटिया
एसपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सुलह पर खुशी जताई और कहा कि, अच्छा हुआ अखिलेश ने पिता मुलायम की बात मान ली. उन्होंने कहा कि आज बेहद खुशी का दिन है. सभी पार्टी नेताओं के लिए और कार्यकर्ताओं के लिए मैं धन्यवाद देता हूं की इस निर्णय को वापस लिया.
गौरव भाटिया ने कहा कि, अच्छी बात यह है की 2017 में पूरी ताकत लगाकर अखिलेश जी के नेतृत्व में और मुलायम के मार्गदर्शन में चुनाव में उतरेंगे. खुशी की बात है की जो विरोधी दल कल तक तंज कस रहे थे उन्हें भी जवाब मिला है. हर एसपी वर्कर इससे एकजुट हुआ है. उसने जाना है की एसपी तभी सांप्रदायिक ताकतों से लड़ सकती है जब अखिलेश और मुलायम साथ हों. आगे भविष्य उज्वल है. अखिलेश यादव कभी मुलायम की बात नहीं काट सकते और मुलायम का ह्रदय इतना बड़ा है की वह हर कार्यकर्ता के बारे में सोचते हैं. पार्टी हमेशा एक रहेगी.
विरोधी सभी अब कंबल ओढ़कर सो जाएंगे- लालू यादव
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने भी अखिलेश और रामगोपाल की वापसी पर कहा कि इससे सांप्रदायिक ताकतों के साथ लड़ने में ताकत बढ़ेगी.
उन्होंने मुलायम और अखिलेश से बातचीत की और दोनों को साथ रहने की सलाह दी. लालू ने कहा कि आपसी फूट से बीजेपी को फायदा मिलेगा. बहुत खुशी हुई है की मामला सेटल हो गया.
लालू ने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन हो जाए तो और बेहतर होगा. विरोधी सभी अब कंबल ओढ़कर सो जाएंगे. उत्तर प्रदेश पर भारत का भविष्य टिका है, आगे सब मिलजुलकर लड़ेंगे.
सुलह के बाद भी रामगोपाल ने जारी की अधिवेशन की चिट्ठी
एसपी महासचिव रामगोपाल यादव ने अधिवेशन बुलाने की चिट्ठी जारी कर दी है. इस चिट्ठी में अधिवेशन की जगह में बदलाव किया गया है. लोहिया विश्वविद्यालय की जगह अब जनेश्वर पार्क में रविवार सुबह 11 बजे आपातकालीन अधिवेशन होगा.
वहीं, अखिलेश और मुलायम सिंह में सुलह के बाद अमर सिंह के सुर भी कुछ बदले हुए दिखाई दिए. पार्टी में मचे कलह पर समाजवादी पार्टी के महासचिव और सांसद अमर सिंह ने अखिलेश पर जमकर निशाना साधा.
अमर ने कहा कि, पार्टी को मुलायम सिंह ने खड़ा किया है और उनका पूरा सपोर्ट मुलायम के साथ है.
क्या बोले दागी अतीक अहमद
इसी बीच मुलायम की तरफ से उम्मीदवार घोषित किए गए दागी अतीक अहमद पार्टी मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने सुलह के बाद कहा कि उनसे अगर पार्टी में कोई परेशानी होगी तो वो कभी भी हट जाएंगे. जारी कलह को दूर करने कि लिए कहा कि अगर उनकी वजह से ऐसा हो रहा है तो वो पीछे हटने के लिए तैयार हैं.
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