केंद्र की सत्ता में काबिज बीजेपी ने एक और सहयोगी पार्टी का साथ गंवा दिया है. सोमवार को असम गण परिषद ने अपने सहयागी दल भारतीय जनता पार्टी से सारे संबंध तोड़ लिए हैं. यह घोषणा पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा ने की. उन्होंने दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद बीजेपी से गठबंधन खत्म करने का ऐलान किया.
AGP ने यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के ठीक एक दिन बाद उठाया है. रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार प्रस्तावित नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को संसद में मंजूरी दिलाने के लिए काम कर रही है.
कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) के नेतृत्व में लगभग 70 संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया में विरोध प्रदर्शन किए. जिसमें एजीपी पर दबाव डाला गया कि वह बीजेपी के साथ संबंध खत्म कर दे. सुत्रों के मुताबिक इसी के बाद पार्टी के अध्यक्ष ने दिल्ली में गठबंधन खत्म करने का ऐलान किया.
बीजेपी के कई साथी छोड़ चुके हैं उसका साथ
इसी ऐलान के साथ अब AGP भी उन महत्वपूर्ण सहयोगियों की सूची में शामिल हो गई है, जिसने बीजेपी की नीति और वैचारिक निर्णयों के चलते गठबंधन से दूरी बनाई हो. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने 2018 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था और उपेंद्र खुशवाहा की आरएलएसपी हाल ही में एनडीए के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए खबरों में थी.
आधिकारिक तौर पर तो नहीं, लेकिन शिवसेना महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी कम और आलोचक की भूमिका में ज्यादा रही है.
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