दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपना इलाज कराने बेंगलुरु रवाना हो गए हैं. एलजी हाउस में 9 दिनों तक धरना देने के बाद अरविंद केजरीवाल की तबीयत अचानक खराब हो गई थी. 9 दिनों का धरना करने के बाद केजरीवाल का सुगर लेवल बढ़ गया है. अरविंद केजरीवाल को मधुमेह की बीमारी है. गुरुवार को दिल्ली छोड़ने से पहले सीएम केजरीवाल ने कई बैठकों में भाग लिया.
मंगलवार को धरना समाप्त करने के बाद यह खबर जोर पकड़ने लगी थी कि अरविंद केजरीवाल की तबीयत खराब हो गई है. हालांकि बुधवार को सीएम और आईएएस अधिकारियों की होने वाली मीटिंग की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई थी. इसके बावजूद भी कहा जा रहा था कि क्योंकि एलजी ने सीएम को अधिकारियों के साथ मीटिंग करने को बोला है, इसलिए बुधवार को मीटिंग हो सकती है. लेकिन, बुधवार को अधिकारियों के साथ होनी वाली उनकी मुलाकात खराब सेहत की वजह से रद्द करनी पड़ी.
लेकिन, गुरुवार सुबह से ही अरविंद केजरीवाल की दो-तीन मीटिंग शुरू हुई. सबसे पहले 10 बजे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.
जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने सभी अधिकारियों से दिल्ली में पानी की समस्या को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने का कहा. सीएम ने अधिकारियों को रोजाना पानी की समस्या पर कार्रवाई और हर रोज रिपोर्ट देने को कहा. अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली जल बोर्ड का भी जिम्मा है. जल बोर्ड की बैठक में शामिल होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में भी अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पावर कट की समस्या और उपाय पर अधिकरियों से सुझाव मांगे. केजरीवाल ने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ किरायेदारों पर भी लागू किया जाए.
अरविंद केजरीवाल इसके बाद दिल्ली कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए. सीएम ने कई ऐसे योजनाओं को मंजूरी दी, जो पिछले कई महीनों से फाइलों की धूल फांक रही थी. कैबिनेट मीटिंग में खतरनाक अपशिष्ट आद्योगिक इकाइयों के इलाज और निपटान को लेकर दिल्ली के बवाना में ट्रीटमेंट स्टोरेज और डिस्पोजल सुविधाओं की स्थापना की मंजूरी दी गई.
9 दिनों के धरने और अनशन के बाद केजरीवाल की यह पहली कैबिनेट मीटिंग थी. दिल्ली में पिछले कई महीनों से आप सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ कोई मीटिंग नहीं हुई थी. लेकिन, मंगलवार को धरना समाप्त होने के बाद एक बार फिर से बैठकों का दौर शुरू हो गया है.
धरना समाप्त होने के बाद दिल्ली सरकार के सभी मंत्री एक्शन में आ गए हैं. बुधवार को सरकार ने दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में अकादमिक सत्र से प्रसन्नता पाठ्यक्रम लाने की घोषणा की है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रसन्नता पाठ्यक्रम लाने पूरी तैयारी चल रही है. दो जुलाई को आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के हाथों इसका शुभारंभ किया जा रहा है.
इस योजना के बारे में मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जुलाई से नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक के करीब 8 लाख बच्चों को यह पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. इस पाठ्यक्रम में मेडिटेशन, छात्रों को नैतिक मूल्यों का ज्ञान, मानसिक व्यायाम, उच्च विचार और मनुष्य के निर्माण में विचारों का योगदान को शामिल किया गया है. दिल्ली सरकार की कोशिश है कि बच्चे भविष्य में ऐसे पेशेवर इंसान बनें जो समाज की सेवा करें और खुशियां बांटें. दिल्ली सरकार हैप्पीनेस करिकुलम नाम की योजना दिल्ली की लगभग एक हजार स्कूलों में लागू करने जा रही है. एक तरफ दिल्ली सरकार के मंत्री अपने काम पर जुट गए हैं तो दूसरी तरफ पार्टी स्तर पर भी नेताओं और मंत्रियों का अपने-अपने क्षेत्रों में सघन दौरा शुरू कर दिया है.
दिल्ली सरकार के मंत्री जहां एक तरफ काम पर वापस आने के बाद ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पार्टी आंदोलन को तेज करने की भी बात हो रही है. दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की मांग को लेकर अगामी एक जुलाई को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडिएम में पार्टी का प्रदेश महासम्मेलन बुलाया गया है. ऐसी खबर आ रही है कि इस बैठक के बाद पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारी और अपनी रणनीति पर अमल तेज कर देगी.
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