इतिहास अपने आप को दोहराता है. तभी तो ठीक 34 साल बाद बिहार में चर्चित बॉबी सेक्स स्कैंडल का पुनर्जन्म हुआ है. आरोपी किंगपिन भी उसी पॉलीटिकल पार्टी का है, जिसने 6 दशक तक देश पर राज किया. तब सभी गुनहगार 'ऊपर वाले' की कृपा से बच गए थे. इस बार भी बचने का जुगाड़ भिड़ा रहे हैं.
ये सभी लोग ताकतवर भी हैं लेकिन पीड़ित नाबालिग दलित बच्ची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस कथन, ‘हमारी सरकार न किसी को फंसाती है और न ही किसी को बचाती है’ पर पूरा भरोसा है.
कटघरे में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ब्रजेश पाण्डेय हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी चंपारण जिला के गोबिंदगंज सीट से पार्टी के उम्मीदवार भी रह चुके हैं. हाल तक बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के उपाध्यक्ष थे. एक नाबालिग दलित लड़की के साथ यौन उत्पीड़न मामला में प्रमुखता से नाम आने के बाद तीन दिन पहले उनको मजबूरन अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
पीड़ित लड़की एक पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दबंग नेता की बेटी है. राज्य के राजनीतिक वातावरण में खौलते इस रेप कांड में एक रिटायर्ड आईएएस का बेटा, निखिल प्रियदर्शनी असली किरदार है. बीजेपी ने मन बना लिया है कि विधानसभा के वर्तमान बजट सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा. सुशील कुमार मोदी कहते हैं कि, ‘हम हाउस में इस नाजुक और संवेदनशील सवाल पर सरकार को जरूर घेरेंगे’.
शादी का झांसा देकर रेप
22 दिसंबर 2016 को बिहार की राजधानी पटना में दर्ज की गई इस वीभत्स रेप कांड के एफआईआर में दो और लोगों के भी नाम हैं. पुलिस के सामने दिये बयान में पीड़ित ने आरोप लगाया है कि पेय पदार्थ में नशीली दवा मिलाकर अभियुक्तों ने उसके साथ रेप किया. जबकि, निखिल प्रियदर्शी शादी का झांसा देकर कई दिन तक उसके शरीर से खेलता रहा.
इस पर काफी हंगामा मचने के बाद पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. लेकिन ताज्जुब की बात है कि अभी तक एक भी आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है. हालांकि, ब्रजेश पाण्डेय ने फोन पर कुछ पत्रकारों से कहा कि वो बेकसूर है, बीजेपी उसे एक राजनीतिक साजिश के तहत फंसा रही है.
पुलिस और मीडिया के सामने पीड़ित लड़की ने यह भी खुलासा किया कि ब्रजेश पाण्डेय और निखिल प्रियदर्शी दोनों मिलकर बिहार में एक हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट चलाते हैं, जिसमें बॉलीवुड, टॉलीवुड और भोजपुरी फिल्मों में काम करने वाली कई खूबसूरत लड़कियां भी शामिल हैं.
बिहार पुलिस के एडीजी सुनील कुमार ने पत्रकारों को बताया कि ‘पहली नजर में इस कांड में निखिल प्रियदर्शी की संलिप्तता सही प्रतीत होती है. बाकी आरोपियों के विषय में गहन छानबीन जारी है’.
आरोपियों को बचाने का 'ऊपर' से दबाव
इसी बीच पुलिस महकमे में जोरों की चर्चा है कि रेप कांड में आरोपी बनाए गए कांग्रेस नेता ब्रजेश पाण्डेय को बचाने के लिये ‘ऊपर’ से काफी दबाव है.
पीड़ित ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि वो आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है. उसने धमकी दी है कि अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो वो आत्महत्या कर लेगी.
महागठबंधन सरकार में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल-यू रहस्यमय ढंग से इस रेप कांड पर चुप्पी साधे हुए हैं. मजेदार बात यह है कि कोई धुरंधर कांग्रेसी भी खुलकर ब्रजेश पाण्डेय के पक्ष में अपना बयान नहीं दे रहा है.
आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने ऑफ द रिकार्ड बताया कि ‘लड़की का आरोप बिलकुल सही है. जानते हो, बॉबी सेक्स कांड से भी बड़ा ये स्कैंडल है. ठीक से जांच हो तो इसकी आंच दिल्ली तक पहुंच जाएगी’.
बॉबी सेक्स कांड से मिलता-जुलता
इससे ही मिलता-जुलता बॉबी सेक्स कांड 1983 में हुआ था, जिसमें विधानसभा सचिवालय में काम करने वाली एक खूबसूरत महिला का लगभग कांग्रेस के 100 विधायकों ने शारीरिक शोषण किया था. उस समय के पुलिस कप्तान किशोर कुणाल आरोपियों को पकड़ने वाले ही थे कि जगन्नाथ मिश्रा सरकार ने केस की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया.
बहरहाल, आज सुबह एक सीनियर कांग्रेस नेता ने फोन किया. दुखभरी आवाज में बताया ‘ब्रजेश पाण्डेय ने अपने कुकर्मों से पार्टी की छवि को मटियामेट कर दिया. लगता है शीर्ष नेतृत्व ने आंखें मूंदकर उसे बचाने के लिए उसी प्रकार का रूख अपना लिया है, जिस तरह उसने 80 के दशक में घटित बहुचर्चित बॉबी सेक्स स्कैंडल में शामिल तत्कालीन नताओं को बचाने के वास्ते किया था. मगर भगवान का शुक्र है कि ने तो केंद्र में और न ही राज्य में अपनी सरकार है’.
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