2जी घोटाला मामले में बरी होने के एक दिन बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने दावा किया कि यह कांग्रेस नीत यूपीए सरकार को गिराने की साजिश थी. उन्होंने दुख जताया कि यहां तक कि तत्कालीन केंद्र सरकार इसे भांप नहीं सकी.
डीएमके अध्यक्ष एम करूणानिधि को लिखे एक पत्र में राजा ने वर्चस्ववादी ताकतों की संभावित भूमिका के बारे में आशंका जताई. ये ताकतें उस वक्त क्षेत्रीय दल को राष्ट्रीय राजनीति के फलक पर बर्दाश्त नहीं कर सकती थीं.
यूपीए 1 सरकार में 2004 से 2009 के दौरान डीएमके मुख्य साझेदार थी. उस वक्त राजा दूरसंचार मंत्री थे. वह यूपीए 2 में साल 2013 तक इस पद पर रहे.
यूपीए सरकार खुद ोक मात देने की साजिश में फंसी
राजा ने साजिश के पीछे मौजूद किसी का नाम लिए बगैर कहा कि यह अफसोसजनक है कि यूपीए सरकार खुद को मात देने की साजिश में फंसी और सरकार (केंद्र की) खुद से स्पेक्ट्रम मुद्दे को उजागर नहीं कर पाई.
स्पेक्ट्रम के बारे में आरोप कुछ लोगों ने लगाए और इसे आगे सीबीआई जैसी संस्थाओं ने बढ़ाया जो कि भारतीय और विश्व इतिहास, दोनों में नया था. राजा ने कहा कि सरकार साजिश को महसूस कर पाने में खुद नाकाम रही थी जबकि खुफिया इकाई इसके तहत आती है.
उन्होंने कहा कि कुछ दूरसंचार कंपनियों का गिरोह उनकी नीति के चलते बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. उनकी नीति के चलते ही लोगों को अब अपने स्मार्टफोन पर वाट्सएप और टि्वटर जैसी कई सुविधाएं मिल रही हैं.
दिल्ली स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने 2जी घोटाला मामले में राजा और करूणानिधि की बेटी कनिमोड़ी सहित सभी अन्य आरोपियों को गुरुवार को बरी कर दिया था.
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