आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में 10 प्रतिशत आरक्षण बिल लोकसभा में पास होने के बाद आज यानी बुधवार को राज्यसभा में पेश हो सकता है. नरेंद्र मोदी सरकार के लाए गए इस विधेयक के समय (टाइमिंग) पर राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां सवाल उठा सकती हैं. साथ ही वो इस विधेयक पर भी कड़ा रुख अपना सकती हैं.
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टियों ने अपने-अपने सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है. उन्होंने यह भी बताया कि विपक्षी पार्टियों के नेता राज्यसभा की कार्यवाही 1 दिन के लिए बढ़ाने के सरकार के ‘एकतरफा’ कदम का भी विरोध कर रहे हैं और वो सदन में इसका विरोध-प्रदर्शन करेंगे.
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस विधेयक का उच्च सदन में समर्थन कर सकती है, जबकि विपक्षी पार्टियां इसे पारित करने में रूकावट पैदा कर सकती हैं.
राज्यसभा के गणित पर गौर करें तो यहां सरकार के पास बहुमत नहीं है. बीजेपी के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सांसद हैं. राज्यसभा में वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 244 है.
लोकसभा में 3 के मुकाबले 323 से पास हुआ था आर्थिक आरक्षण विधेयक
इससे पहले, मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय सामाजित न्याय और आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि पूरे विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया गया है. हम देर से लाए, लेकिन अच्छी नीयत से लाए. इसलिए आशंका करने की जरूरत नहीं है.
आरक्षण विधेयक पर घंटों तक चली बहस के बाद लगभग सभी पार्टियों ने इसका समर्थन किया. इस बिल के पक्ष में 323 वोट पड़े थे जबकि विपक्ष में महज 3 सदस्यों ने वोट डाला था.
Lok Sabha passes the Constitution (124th Amendment) Bill; 10% quota to economically backward unreserved sections cleared by #LokSabha pic.twitter.com/uJ83oIqk2O
— Doordarshan News (@DDNewsLive) January 8, 2019
बहस के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे. साथ ही सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे.
(भाषा से इनपुट)
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Jan 9, 2019
गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला बिल राज्य सभा में दो तिहाई वोट के साथ पास हुआ. सदन में कुल 172 सदस्य मौजूद थे. इसके पक्ष में 165 और विपक्ष में सात वोट पड़े. संसद के दोनों सदनों से बिल पास हो चुका है.
राज्य सभा में भी आर्थिक तौर पर पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण बिल पास हुआ. इसके पक्ष में 149 वोट पड़े. जबकि विपक्ष में 7 वोट पड़े.
अठावले ने कहा, चुनाव जीतने के लिए तुम्हें जो करना है करो. हमें जो करना है हम करेंगे. पीएम मोदी और अमित शाह होशियार हैं और मैं भी होशियार हूं. 15 साल की सत्ता के बाद बदलाव आता है. लेकिन फिर भी हमने कांटे की टक्कर दी.
अठावले ने कहा, चुनाव जीतने के लिए तुम्हें जो करना है करो. हमें जो करना है हम करेंगे. पीएम मोदी और अमित शाह होशियार हैं और मैं भी होशियार हूं. 15 साल की सत्ता के बाद बदलाव आता है. लेकिन फिर भी हमने कांटे की टक्कर दी.
लोकसभा की तरफ राज्यसभा में भी रामदास अठावले ने कविता के साथ चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी से दोस्ती करने की मुझमें है कला, इसलिए कांग्रेस को छोड़कर मैं बीजेपी की तरफ चला.
सवर्णों को आरक्षण देकर मोदी जी ने मारा है छक्का, इसलिए 2019 में जीत है पक्का
नरेंद्र मोदी और अमित शाह जी दे देंगे मुझे धक्का, ता मैं कांग्रेस को मारूंगा धक्का.
सदन में राकेश सिन्हा ने चर्चा में बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा, 1976 में संविधान के मूल चरित्र में परिवर्तन करने के लिए कितने मिनट लगे थे. तब पूरा देश जेल में बंद था और यहां संविधान में संशोधन हो रहा था. जिस पार्टी से संजय सिंह है, मैं चाहता हूं कि उनकी पार्टी किसी दलित को सीएम बनाए.
शैलजा ने कहा कि ये रिजर्वेशन नहीं है बल्कि सरकार का सेल्फ रिजर्वेशन है.
शैलजा ने कहा कि ये रिजर्वेशन नहीं है बल्कि सरकार का सेल्फ रिजर्वेशन है.
शैलजा ने कहा कि ये आरएसएस का एजेंडा है कि वो आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं.
शैलजा ने कहा कि महिला आरक्षण के मामले पर सरकार क्या कर रही है
शैलजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि प्रमोशन के लिए कॉन्फीडेंशल डाटा पेश करे.
पासवान से शैलजा ने पूछा कि आप प्रमोशन में रिजर्वेशन को कैसे लागू करेंगे.
शैलजा ने कहा कि सरकार की मंशा बिल्कुल ठीक नहीं है.
शैलजा ने कहा कि सरकार ने स्कॉलरशिप कम कर दी और अब लोगों को जवाब नहीं दे पा रही.
शैलजा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में आप आरक्षण बिल्कुल खत्म कर रहे थे बाद में जब हल्ला हुआ तो आप रुके
शैलजा ने कहा कि बैकलॉग कब पूरा होगा. केंद्रीय सरकार की लाखों नौकरियों का क्या हो रहा है, उसमें कैसे आरक्षण लेकर लोग आएंगे क्योंकि आप किश्तों में लोगों को खत्म कर रहे हैं.
शैलजा ने कहा कि सरकार ने लोगों को गुमराह किया है.
शैलजा ने कहा, जब आरक्षण की बात आती है तो कोर्ट हमेशा पूछता है कि आप किस आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं.
शैलजा ने कहा कि जब से आपकी सरकार बनी है तब से आपने अपने बजट में सवर्ण जाति के लिए कोई प्रावधान क्यों नहीं किया. अब चुनाव नजदीक आ गया है इसीलिए यह बिल लाया जा रहा है. कांग्रेस ने अपने मैनीफेस्टो में इस बात का जिक्र किया था.
शैलजा ने कहा, जब चुनाव आने वाले हैं तब सरकार आखिरी समय में बिल लेकर आई
अब सदन में हरियाणा से आईएनसी नेता कुमारी शैलजा बोल रही हैं.
पटेल ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन कर रहे हैं लेकिन सरकार इस पर ध्यान दें
उन्होंने कहा कि ये आरक्षण का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है.
पटेल ने कहा कि आजकल अनऐडेड कॉलेज ज्यादा हो गए हैं. प्राइवेट कॉलेजों की फीस गरीब लोग कैसे भरेंगे.
पटेल ने कहा, पीएम कहते हैं कि पकौड़े बेचने वाला भी बेरोजगार नहीं है तो फिर रिजर्वेशन लागू कैसे किया जाएगा.
पटेल ने कहा, आरक्षण के लिए जो दायरा तय किया गया है, उसमें संशय है क्योंकि शहर में 8 लाख सालाना में बहुत पैसे खर्च हो जाते हैं लेकिन गांव में जो 8 लाख सालाना कमाता है, उसके लिए यह बहुत है.
पटेल ने कहा, चुनाव के जब दो महीने बाकी है तब ये आरक्षण देने की बात हुई. ये सोचने की बात है.
पटेल ने कहा, देश के कई आर्थिक रूप से पिछड़े लोग हैं, उन्हें मदद की आवश्यकता है.
पटेल ने कहा, शरद पवार ने कहा था कि भले ही हमारी सत्ता चली जाए लेकिन सामाजिक न्याय बना रहना चाहिए.