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1984 Riot: इंसाफ तो मिला लेकिन कीमत बहुत बड़ी चुकानी पड़ी

फ़ोटो | FP Staff | Dec 17, 2018 04:39 PM IST
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1984 के सिख दंगा मामले में पीड़ितों को 34 साल बाद इंसाफ मिला. इसमें मुख्य आरोपी सज्जान कुमार को उम्रकैद की सजा मिली है (फोटो: रॉयटर्स)

1984 के सिख दंगा मामले में पीड़ितों को 34 साल बाद इंसाफ मिला. इसमें मुख्य आरोपी सज्जान कुमार को उम्रकैद की सजा मिली है (फोटो: रॉयटर्स)

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सिख दंगों में सज्जन कुमार को षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया (फोटो: रॉयटर्स)

सिख दंगों में सज्जन कुमार को षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया (फोटो: रॉयटर्स)

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भले ही दंगा पीड़ितों को 34 साल बाद इंसाफ मिल गया हो लेकिन इनमें कई लोग ऐेसे हैं जो उनकी इस बड़ी जीत को देखने के लिए अब जिंदा नहीं है और कुछ लोग अब भी इंसाफ की राह देख रहे हैं (फोटो: रॉयटर्स)

भले ही दंगा पीड़ितों को 34 साल बाद इंसाफ मिल गया हो लेकिन इनमें कई लोग ऐेसे हैं जो उनकी इस बड़ी जीत को देखने के लिए अब जिंदा नहीं है और कुछ लोग अब भी इंसाफ की राह देख रहे हैं (फोटो: रॉयटर्स)

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 मामले की जांच के लिए अब तक गठित 3 आयोग, 7 कमीशन और 2 एसआईटी टीमों से इतना भी नहीं हुआ कि वे किसी दोषी को सलाखों के पीछे कुछ दिन तक रख सकें (फोटो: रॉयटर्स)

मामले की जांच के लिए अब तक गठित 3 आयोग, 7 कमीशन और 2 एसआईटी टीमों से इतना भी नहीं हुआ कि वे किसी दोषी को सलाखों के पीछे कुछ दिन तक रख सकें (फोटो: रॉयटर्स)

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सिख संगठनों के मुताबिक सिख विरोधी दंगों के मामले में 650 मामले दर्ज हुए थे. जांच एजेंसियों ने इनमें से कई मामलों को जांच के योग्य नहीं कहते हुए बंद कर दिया जबकि गृह मंत्रालय का कहना है कि 268 मामलों की फाइल गुम हो गई है (फोटो: रॉयटर्स)

सिख संगठनों के मुताबिक सिख विरोधी दंगों के मामले में 650 मामले दर्ज हुए थे. जांच एजेंसियों ने इनमें से कई मामलों को जांच के योग्य नहीं कहते हुए बंद कर दिया जबकि गृह मंत्रालय का कहना है कि 268 मामलों की फाइल गुम हो गई है (फोटो: रॉयटर्स)

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 दिल्ली के अलावा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, एमपी और यूपी में भी बड़े पैमाने पर सिखों की हत्या और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया था. लखनऊ, कानपुर, रांची और राउरकेला हिंसा में बुरी तरह झुलसने वाले शहरों में शामिल थे (फोटो: रॉयटर्स)

दिल्ली के अलावा हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, एमपी और यूपी में भी बड़े पैमाने पर सिखों की हत्या और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया गया था. लखनऊ, कानपुर, रांची और राउरकेला हिंसा में बुरी तरह झुलसने वाले शहरों में शामिल थे (फोटो: रॉयटर्स)

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