हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में दादा मुनि के नाम से मश्हूर अशोक कुमार की आज पुण्यतिथि है. इस खास मौके पर पढ़िए उनकी जिंदगी से जड़ी कुछ दिलचस्प बातें
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अशोक कुमार पहले ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने किसी फिल्म में एंटी हीरो की भूमिका निभाई थी. उन्होंने साल 1943 में आई बॉम्बे टॉकिज की फिल्म किस्मत में फ़िल्म इंडस्ट्री के अभिनेता की पांरपरिक छवि से बाहर निकल कर अपनी एक अलग छवि बनाई. इस फिल्म मे उन्होंने पहली बार एंटी हीरो की भूमिका की और अपनी इस भूमिका के जरिए भी वह दर्शकों को काफी पसंद आए
अशोक कुमार यानी कुमुद कुमार गांगुली का जन्म 13 अक्टूबर 1911 को भागलपुर में हुआ था. 1987 को अशोक कुमार की जन्मदिन के दिन ही यानी 13 अक्टूबर को उनके छोटे भाई किशोर कुमार की मृत्यु हो गई थी. इस दिन के बाद से उन्होंने अपना जन्मदिन मनाना छोड़ दिया. वो अक्सर कहते थे कि मैं उस दिन खुश कैसे हो सकता हूं जिस दिन मेरा भाई चला गया
अशोक कुमार एक बेहतरीन हीरो थे और उनका एक अलग ही स्टारडम था. फिल्में उनके नाम से हिट हो जाया करती थीं. शुरुआत में अशोक कुमार की रुचि अभिनय में नहीं थी, वह एक टेक्नीशियन बनना चाहते थे और कई फिल्मों के सेट पर लोगों को असिस्ट भी करते थे. अशोक कुमार को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है
अशोक कुमार अपनी पहली ही फिल्म से सुपरहिट हो गए और उसके बाद उन्होनें पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने किस्मत, शिकारी, महल जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्में दी हैं
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