प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरुरत इस बात की है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी ओर आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें.
मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक राजनैतिक व्यवस्था ही नहीं बल्कि समानता, विविधता और सामंजस्य का मूल आधार है.
जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय की मौजूदगी में इस्लामिक हेरिटेज विषय पर एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता. हर पंथ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही है.
His Majesty @KingAbdullahII Ibn Al Hussein, King of the Hashemite Kingdom of Jordan & PM @narendramodi at a special event on ‘Islamic Heritage: Promoting Understanding and Moderation’, PM emphasised on strength of plural heritage & diversity of Indian society against extremism. pic.twitter.com/bkP93QhLdS
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) March 1, 2018
उन्होंने कहा कि इसलिए, आज सबसे ज्यादा जरुरत इस बत की है कि हमारे युवा एक तरफ इस्लाम के मानवीय पक्ष से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें.
हमारी कोशिश है कि सबकी तरक्की के लिए सबको साथ लेकर चलें
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हमारी यह कोशिश है कि सबकी तरक्की के लिए सबको साथ लेकर चलें. क्योंकि सारे मुल्क की तकदीर हर शहरी की तरक्की से जुड़ी है. क्योंकि मुल्क की खुशहाली से हर एक की खुशहाली वाबस्ता है.
उन्होंने कहा कि हमारी विरासत और मूल्य, हमारे मजहबों का पैगाम और उनके उसूल वह ताकत हैं जिनके बल पर हम हिंसा और दहशतगर्दी जैसी चुनौतियों से पार पा सकते हैं.
आतंकवाद के संदर्भ में मोदी ने कहा कि इंसानियात के खिलाफ दरिंदगी का हमला करने वाले शायद यह नहीं समझते कि नुकसान उस मजहब का होता है जिसके लिए खड़े होने का वो दावा करते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय के मन में अपने गौरवशाली अतीत के प्रति आदर है, वर्तमान के प्रति विश्वास है और भविष्य पर भरोसा है.
दुनिया भर के मजहब भारत की मिट्टी में पनपे हैं
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं. यहां की आबोहवा में उन्होंने जिंदगी पाई, सांस ली. चाहे वह 2500 साल पहले भगवान बुद्ध हों या पिछली शताब्दी में महात्मा गांधी. अमन और मोहब्बत के पैगाम की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है.
उन्होंने कहा कि हर भारतीय को अपनी विविधता की विशेषता पर गर्व है. अपनी विरासत की विविधता पर, और विविधता की विरासत पर. चाहे वह कोई जुबान बोलता हो. चाहे वह मंदिर में दिया जलाता हो या मस्जिद में सजदा करता हो, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद गाए.
भारत सारी दुनिया को एक परिवार मानता है
मोदी ने कहा कि यहां से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिलीजुली परंपरा ने मानवमात्र की मूलभूत एकता का पैगाम दिया है. मानवमात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का दर्शन दिया है. भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है.
मोदी ने कहा कि आपका वतन और हमारा दोस्त देश जॉर्डन इतिहास की किताबों और धर्म के ग्रंथों में एक अमिट नाम है. जॉर्डन एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है जहां से खुदा का पैगाम पैगम्बरों और संतों की आवाज बनकर दुनिया भर में गूंजा है.
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