रविवार को, यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर और फेसबुक पर कथित पक्षपाती विचारधारा होने का आरोप लगाते हुए अपना विरोध दर्ज कराया. प्रदर्शनकारियों ने ट्विटर के दफ्तर के बाहर नारेबाजी कर के विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ट्विटर और फेसबुक ने व्यवस्थित रूप से ऐसे व्यक्तियों की 'बोलने की आजादी' पर रोक लगाने की कोशिश की है जो गैर-वामपंथी विचारधारा के होते हैं. उनका कहना है कि ट्विटर और फेसबुक ने ऐसे हैंडल को निलंबित करके, उनको ट्रेंड लिस्ट में पहुंचने से भी रोका है.
I #ProtestAgainstTwitter at @TwitterIndia Office. I am against their selective ban on freedom of speech! pic.twitter.com/gAhbzo7Xfi
— Navneet Sharma (@Inavaneet) February 3, 2019
उनका कहना है कि ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वामपंथी विचारधारा वाले और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अपमानजनक, अभद्र और धमकी भरे ट्वीट की अनदेखी कर रहा है. इसके अलावा, कुछ हैंडलर्स द्वारा प्रोपेगेंडा चलाने और फेक न्यूज फैलाने के बाद भी उन्हें वैरिफाइड कर रहा है. यह इस प्लेटफॉर्म के जरिए फेक न्यूज फैलाने वालों को रोकने में बरती जा रही लापरवाही को दर्शाता है.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चुनावी साल में किसी एक पार्टी के पक्ष में ऐसी पक्षपाती कार्यवाही से चुनाव प्रभावित हो सकते हैं. जो कि भारतीय लोकतंत्र के फ्री एंड फेयर इलेक्शन के विचार के खिलाफ है. साथ ही उनकी मांग है कि नियमों का पालन पक्षपात से नहीं होना चाहिए.
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