मोदी सरकार के आखिरी बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 12 करोड़ किसान परिवारों को सीधा 6000 रुपए देने का प्रावधान किया गया है. सरकार 2 हेक्टेयर यानी लगभग 5 एकड़ तक की जमीन के मालिकों के खाते में 6 हजार रुपए हर साल ट्रांसफर करेगी. हालांकि इसकी शुरुआत पिछले साल दिसंबर से ही करने का फैसला किया गया है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश करते हुए कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में चार महीने के लिहाज से 2000 रुपए किसानों के खाते में दिए जाएंगे.
जाहिर है 2000 रुपए की यह राशि उस वक्त दी जाएगी, जिस वक्त पूरे देश में चुनाव का माहौल होगा. पहली किस्त चुनाव से ठीक पहले पाकर 12 करोड़ किसान खुश होंगे जिसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा.
बजट पेश करते हुए केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 12 करोड़ छोटे और मंझोले किसानों के खाते में 6 हजार रुपए डालने से उनके जीवन पर सकारात्मक असर पड़ेगा और उनकी जिंदगी बेहतर होगी. इस मद में सालाना 75 हजार करोड़ रुपए सरकार को खर्च करना पड़ेगा.
मोदी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास करती रही है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भी सरकार की इस प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए 22 फसलों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस ( MSP) के डेढ़ गुना बढ़ाए जाने का जिक्र किया.
सरकार का 6 हजार रूपए किसानों के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करने का फैसला एक बड़ा कदम माना जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक 2 हेक्टेयर जमीन 4.8 एकड़ के बराबर होती है और यह 7.2 बीघे के बराबर. जाहिर है 7.2 बीघा तक की जमीन के अंतर्गत गांव और कस्बे के 90 फीसदी लोग आ जाएंगे जिन्हें सरकार के इस स्कीम से सीधा फायदा पहुंचेगा.
यूपीए ने कर्जमाफी कर जीता था साल 2009 का चुनाव
साल 2008 में यूपीए सरकार ने देश के किसानों का 65 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर दिया था. इसके अलावा यूपीए सरकार के कार्यकाल में मनरेगा स्कीम 1 अप्रैल 2008 से पूरे देश में लागू हुई थी, जिसके तहत हर अकुशल मजदूर के सौ दिनों की रोजगार की गांरटी तय की गई थी. ये दोनों स्कीम यूपीए 1 के लिए वरदान साबित हुई थी और साल 2009 में मनमोहन सिंह वापस गद्दी संभालने के लिए चुनकर आए थे.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना साबित हो सकता है गेमचेंजर?
सरकार मानती है कि 12 करोड़ किसान के खाते में सीधा 6 हजार रुपए डालकर उनके अंदर सुरक्षा की भावना पैदा करने से सीधा लाभ सरकार को मिलेगा. इन रुपयों को सीधा खाते में डालकर सुनिश्चित किया जाएगा कि किसान सम्मान निधि से तकरीबन 12 करोड़ किसान यानी 50 करोड़ लोगों को सीधा फायदा पहुंचे.
हालांकि, कई किसान नेता सरकार के इस फैसले से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह कहते हैं ‘सरकार ने किसानों को ठगने का काम किया है. हमने दो हेक्टेयर के लिए 80 हजार रुपए की मांग की थी जो किसानों की लागत के आधार पर तय की गई है. तेलांगना 2 हेक्टेयर की जमीन पर 40 हजार रुपये मुहैया करता है, परंतु केन्द्र सरकार इतना कम रकम देकर किसानों को ठगने का काम किया है.’
फिलहाल, सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि विरोधी सरकार पर हमले बोलने में लगे हैं. इस योजना का जितना भी विरोध हो, लेकिन, सरकार ने चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा पासा फेंका है, जिसके सफल होने पर यह योजना उसके लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है.
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