मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भिंड के पत्रकार संदीप शर्मा की ट्रक से कुचलकर मारे जाने की घटना की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की है. संदीप शर्मा, रेत माफिया से लगातार मिल रहीं धमकियों के बाद से ही सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे थे. उन्हें अपनी हत्या की आशंका भी थी. इसकी लिखित शिकायत उन्होंने प्रधानमंत्री से लेकर भिंड जिले के पुलिस अधीक्षक को भी की थी. किसी ने भी उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया था.
शिकायत एक पुलिस अफसर के खिलाफ होने के कारण प्रशासन के किसी भी अधिकारी की दिलचस्पी संदीप शर्मा की सुरक्षा में दिखाई नहीं दी. सोमवार को भिंड में सरेराह संदीप शर्मा को ट्रक से कुचल दिया गया. संदीप शर्मा को जिस ट्रक से कुचला गया,वह रेत परिवहन के काम में उपयोग किया जाता था.
संदीप शर्मा ने भिंड में पुलिस अधिकारियों की मदद से चल रहे रेत के अवैध कारोबार को स्टिंग कर उजागर किया था. पुलिस और रेत माफिया का गठजोड़ सामने आने के बाद सरकार ने आरोपी एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदौरिया का तबादला कर दिया था. उसके बाद से रेत माफिया लगातार संदीप शर्मा को जान से मारने की धमकी दे रहा था.
रेत माफिया द्वारा संदीप की हत्या किए जाने के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की घोषणा कर दी है. सीबीआई मामले को जांच के लिए तैयार होगी, इस पर संदेह प्रकट किया जा रहा है. सीबीआई ने हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जांच के लिए भेजे गए कुछ मामलों को अस्वीकार भी कर चुका है. इनमें एक मामला अशोक नगर जिले के उप निरीक्षक है. उप निरीक्षक ने आला अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. सीबीआई ने इसे जांच के लिए वापस स्थानीय पुलिस को भेज दिया है.
मध्य प्रदेश में बे-खौफ काम करता है रेत माफिया
मध्यप्रदेश में बहने वालीं तमाम नदियों से बे-खौफ अवैध रूप से रेत निकाले जाने का काम चल रहा है. राज्य में रेत माफिया को मिल रहे राजनीतिक संरक्षण के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की खनिज नीति में कई बड़े बदलाव किए. रेत निकालने के अधिकार पंचायतों को दिए जाने की घोषणा भी की गई. इसके बाद भी राज्य में अवैध से रूप से रेत निकाले जाने का काम हर नदी में देखा जा सकता है. मध्यप्रदेश के भिंड और मुरैना इलाके में रेत का अवैध कारोबार संगठित रूप से चल रहा है. रेत माफिया को राजनीतिक संरक्षण के साथ-साथ अधिकारियों का संरक्षण भी मिल रहा है.
वर्ष 2012 में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या मुरैना में हुई थी. नरेंद्र कुमार ने अवैध रूप से रेत भर कर ले जा रही ट्राली को रोकने की कोशिश की थी. ट्राली ड्राइवर ने नरेंद्र कुमार को कुचल दिया. इस मामले की जांच भी सीबीआई ने की थी. सीबीआई की जांच घटना की परिस्थितियों पर केंद्रित थी. सीबीआई ने जांच में यह पता लगाने की कोशिश नहीं की कि चंबल नदी से अवैध रूप से रेत निकालने वाले लोग कौन हैं और उन्हें किसका संरक्षण हैं.
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नरेंद्र कुमार की हत्या के मामले में सिर्फ ट्राली चालक पर ही मुकदमा इंदौर की अदालत में चला था. सीबीआई में इसी तरह से यदि संदीप शर्मा के मामले की जांच होगी तो रेत माफिया की भूमिका सामने आना संभव दिखाई नहीं देता है. संदीप शर्मा की मौत जिस ट्रक की टक्कर से हुई है,उसके ड्राइवर रणवीर यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. रणवीर यादव की उम्र 19 वर्ष है. उसके पास पास हैवी व्हीकल चलाने का लाइसेंस भी नहीं है. रणवीर यादव ने दुर्घटना की जो परिस्थितियां बताईं हैं, वह सीसीटीवी में दर्ज हुई घटना से मेल नहीं खाती है.
#WATCH:Chilling CCTV footage of moment when Journalist Sandeep Sharma was run over by a truck in Bhind. He had been reporting on the sand mafia and had earlier complained to Police about threat to his life. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/LZxNuTLyap
— ANI (@ANI) March 26, 2018
संदीप शर्मा सड़क पर अपनी साइड में चल रहे थे. ट्रक ड्राइवर ने इरादतन ट्रक की दिशा बदली. जबकि पूरी सड़क खाली थी. सीसीटीवी में दर्ज घटनास्थल की रिकार्डिंग से ही संदीप शर्मा की हत्या किए जाने की आशंका बढ़ी है. जबकि पुलिस अफसर जांच के बगैर इस नतीजे पर पहुंच गए कि संदीप शर्मा की मौत सिर्फ सड़क हादसा है. भिंड और मुरैना में रेत माफिया द्वारा हमला करना आम बात है. कई पुलिस वाले भी रेत माफिया के शिकार बन चुके हैं.
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा अवैध उत्खनन
भारत सरकार के खनन मंत्रालय ने हाल ही में अवैध उत्खनन के बारे में एक डिटेल रिपोर्ट जारी की है. खनन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2013-14 के दौरान मध्य प्रदेश में अवैध खनन के 6,725 मामले सामने आए हैं. वहीं 2016-17 के दौरान कुल 13,880 मामले दर्ज किए गए हैं. मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्य प्रदेश के बाद गुजरात और फिर राजस्थान में अवैध उत्खनन में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है.
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मध्य प्रदेश में 106 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जबकि गुजरात में 53 और राजस्थान में 34 प्रतिशत अधिक मामले सामने आए हैं. तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है. रिपोर्ट के अनुसार देश में अवैध खनन के लिए प्रमुख 10 राज्यों की सूची में सबसे ऊपर रहने वाले इन तीनों राज्य में अवैध खनन का यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर 2016-17 तक का है. दूसरे स्थान पर रहने वाले गुजरात में 2013-14 के दौरान 5,447 अवैध खनन के मामले सामने आए. वहीं 2016-17 में यह बढ़कर 8,325 तक पहुंच गया. तीसरे नंबर पर बीजेपी शासित राजस्थान है जहां 2013-14 में 2,953 मामलों से बढ़कर 2016-17 में अवैध खनन के 3,945 मामले हो गए हैं.
खनन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2013-14 के दौरान मध्य प्रदेश में अवैध खनन के 6,725 मामले सामने आए हैं. चंबल नदी का कुछ हिस्सा राजस्थान में है. लेकिन अवैध रूप से रेत निकालने का काम मध्य प्रदेश की सीमा में ही देखा जाता है.
एसआईटी की जांच भी हुई धीमी
पत्रकार संदीप शर्मा की कथित हत्या की जांच के लिए भिंड के पुलिस अधीक्षक द्वारा बनाई गई विशेष जांच दल को पिछले चौबीस घंटे में कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की घोषणा के बाद एसआईटी ने भी जांच में दिलचस्पी लेना बंद कर दिया है.
एसआईटी की अब तक जांच में संदीप शर्मा की मौत को सिर्फ सड़क दुर्घटना ही माना जा रहा है. जबकि ड्राइवर के बयान की पुष्टि भी नहीं हो पा रही है. ड्राइवर ने अपने बचाव में कहा है कि उसने महिला को बचाने के लिए ट्रक विपरीत दिशा में अचानक मोड़ा था. जबकि सीसीटीवी में महिला कहीं नजर नहीं आ रही है.
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)
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