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जो राज ठाकरे उत्तर भारतीयों के विरोध के लिए जाने जाते थे, उनके तेवर बदले-बदले से क्यों हैं

राज ठाकरे ने उत्तर भारतीय महापंचायत को संबोधित करने का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया है

Updated On: Nov 13, 2018 03:51 PM IST

FP Staff

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जो राज ठाकरे उत्तर भारतीयों के विरोध के लिए जाने जाते थे, उनके तेवर बदले-बदले से क्यों हैं

महाराष्ट्र में राज ठाकरे द्वारा उत्तर भारतीयों के प्रति नरम होते रुख से ऐसा लगता है वह शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव के पहले टाई-अप कर सकते हैं. पिछले विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनावों में एमएनएस का वोट प्रतिशत लगातार गिरता जा रहा है. महाराष्ट्र में खुद को मज़बूत करने के लिए उन्होंने उत्तर भारतीयों के प्रति अपने रुख को नरम किया है. इसीलिए राज ठाकरे ने उत्तर भारतीय महापंचायत को संबोधित करने का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया है.

कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि राज ठाकरे को पहले उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए. लेकिन इस बीच ही महापंचायत राज ठाकरे के समर्थन में बीच में कूद पड़ी और उसने कहा कि निरुपम गंदी राजनीति कर रहे हैं जो कि उत्तर भारतीयों के हित में नहीं है.

एमएनएस को जिंदा रखने की कोशिश के चलते बदला मिजाज

इस बीच सूत्रों ने बताया कि राज ठाकरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत कर रहे थे. हालांकि शरद पवार ने राज ठाकरे के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार किया लेकिन एमएनएस के सूत्रों ने बताया कि एनसीपी के साथ गठबंधन होने की काफी संभावनाएं हैं.

अगले महीने होने वाली मीटिंग के ऑर्गेनाइज़र विनय दूबे ने कहा कि किसी ने उत्तर भारतीयों के हितों का ठेका संजय निरुपम को नहीं दिया है. वास्तव में उनका मुख्य एजेंडा उत्तर भारतीयों के मन में राज ठाकरे के प्रति गलतफहमी पैदा करना है. अगर यह मुद्दा हल हो जाएगा तो उनके पास काम खत्म हो जाएगा.

जब उनसे पूछा गया कि इसका उद्देश्य क्या है कि तो उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय चाहते हैं कि वो खुद राज ठाकरे को सुनें. इसीलिए इस मीटिंग का आयोजन किया गया है और राज साहब को इसे संबोधित करने के लिए बुलाया गया है और राज साहब ने निमंत्रण को स्वीकार किया है.

सियासी जानकारों का कहना है कि एमएनएस खुद को जिंदा रखने के लिए बेसब्री में ये कदम उठा रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का खुलकर समर्थन किया था. हालांकि आगे चलकर राज ठाकरे बीजेपी के विरोधी हो गए. हाल के दिनों में वह अपने कार्टूनों में केंद्र की मोदी सरकार के साथ-साथ महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को भी आड़े हाथों लेते दिखे. वहीं एमएनएस के एक नेता कहते हैं, 'हम लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं और राज्य चुनावों के लिए हम एनसीपी के साथ गठबंधन कर सकते हैं.'

कांग्रेस ने गठबंधन से किया इनकार

उधर कांग्रेस ने एमएनएस के साथ किसी तरह के गठबंधन की संभावना को सिरे से नकार दिया है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक चव्हाण ने न्यूज18 से बातचीत में कहा, 'हम यूपी, बिहार को लेकर उनके (राज ठाकरे के) रुख को कैसे उचित ठहरा सकते हैं? उत्तर भारतीय के खिलाफ उनके इसी नफरत के चलते ऐसी कोई संभावना ही नहीं कि हम उनसे कोई गठबंधन करें.'

शायद यही वजह है कि राज ठाकरे अगले आम चुनाव से पहले उत्तर भारतीयों को लेकर पार्टी की छवि बदलने की कोशिश में जुटे हैं और उत्तर भारतीयों के एक कार्यक्रम में शिरकत का न्योता स्वीकार इसी कोशिश की एक कड़ी जान पड़ती है.

(न्यूज18 के लिए विनय देशपांडे की रिपोर्ट)

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