live
S M L

आखिर इंद्रधनुषी झंडे को समलैंगिकता का प्रतीक क्यों माना जाता है?

शुरुआत में गिल्बर्ट ने आठ रंगों का झंडा बनाया था, लेकिन बाद में इसे छह रंगों की पट्टियों वाला कर दिया गया

Updated On: Sep 06, 2018 05:25 PM IST

FP Staff

0
आखिर इंद्रधनुषी झंडे को समलैंगिकता का प्रतीक क्यों माना जाता है?

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि अब भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है.  इसे लेकर बीते कई सालों से पूरे देश में विरोध चल रहा था. आज के फैसले के बाद LGBT समुदाय के बीच काफी खुशी का माहौल है. समुदाय के लोग खुशी मनाने के लिए सड़कों पर इकट्टठा हो रहे हैं. हर तरफ से उनके जश्न की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं.

इन सभी वीडियो और तस्वीरों में इंद्रधनुषी झंडा कॉमन है. कड़ी धूप में इंद्रधनुषी रंग का हर जगह छा जाना खूबसूरत है, लेकिन क्या आपके जहन में ये सवाल नहीं आया कि समलैंगिक समुदाय के लोगों के हाथ में इंद्रधनुषी झंडा क्यों रहता है? क्यों लोगों की टी-शर्ट, टॉप, चेहरे, हाथ, में इंद्रधनुषी झंडे छपे हुए हैं?

समलैंगिकता और इंद्रधनुषी झंडे का क्या है इतिहास?

यह झंडा समलैंगिकता का प्रतीक है. साल 1978 में अमेरिकी गे अधिकारों के एक्टिविस्ट गिलबर्ट बेकर ने इस झंडे का डिजाइन तैयार किया था. उस वक्त के मशहूर समलैंगिक नेता हार्वे मिल्क ने ही गिल्बर्ट को यह प्रतीक चिन्ह तैयार करने की बात कही थी.

गिलबर्ट ने जब इसके बारे में बार बार सोचा तो उन्हें समलैंगिकों पर होते आ रहे अत्याचारों की सारी घटनाएं याद आने लगीं.

फ्रांस में जब हिटलर का राज था तो वहां की प्रशासन ने समलैंगिकों के कपड़ों पर गुलाबी रंग की पट्टियां टांक दी थीं. बाद में हिटलर की सरकार गिरने के बाद लोगों ने इन पट्टियों को पहले तो हटा कर फेंक दिया, फिर आजादी का ऐलान करते हुए इन्हें वापस अपने कपड़ों में लगा लिया.

लेकिन बात जहां इंद्रधनुषी रंग के झंडे की है तो गिलबर्ट को इसके डिजाइन की प्रेरणा क़ुदरत से मिली. आख़िर प्रकृति ख़ुद ये झंडा आसमान में फहराती है. इंद्रधनुष कई अलग अलग रंगों की पट्टियों को एक साथ जोड़ता है. ऐसे ही यह समलैंगिक लोगों को भी समान सूत्र में पिरोएगा.

शुरुआत में गिल्बर्ट ने आठ रंगों का झंडा बनाया था, लेकिन बाद में इसे छह रंगों की पट्टियों वाला कर दिया गया. छह पट्टियों वाले इन झंडों में गुलाबी, लाल, पीला. हरा, केसरिया और फिरोजी रंग मौजूद हैं.

क्या हैं इन रंगों के मायने?

गुलाबी- समलैंगिकों के सेक्स का प्रतीक लाल- जिंदगी का प्रतीक पीला- सूरज की रौशनी का प्रतीक हरा- कुदरत का प्रतीक केसरिया- जख्मों पर मरहम लगाने का प्रतीक फिरोजी- जादू का प्रतीक

जब इस झंडे को पहली दफे अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को शहर के संयुक्त राष्ट्र प्लाजा में फहराया गया, तो उसके कुछ ही घंटों के बाद हार्वे मिल्क की हत्या कर दी गई. इसके बाद से इंद्रधनुषी रंग के इस झंडे के प्रति समलैंगिक समुदाय के लोगों की भावना जुड़ गई. हार्वे उनके हीरो थे.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi