शिवकुमार स्वामी कर्नाटक में सबसे असरदार लिंगायत समुदाय सिद्धगंगा मठ के प्रमुख मठाधीश थे. कर्नाटक में अगड़ी जातियो में गिने जाने वाले लिंगायत राज्य की आबादी के करीब 18 फीसद हैं. पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी इस समुदाय के लोगों की अच्छी खासी आबादी है. करीब 300 साल पुराना यह मठ राजधानी बेंगलुरू से करीब 80 किलोमीटर दूर तुमकुर में हैं.
राज्यभर में सिद्धगंगा मठ के करीब 400 मठ हैं. इस मठ के मठाधीश शिवकुमार स्वामी को इस समुदाय के लोग भगवान मानते हैं. शिवकुमार स्वामी के भक्त सिर्फ कर्नाटक में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में हैं. यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी तक शिवकुमार स्वामी के मठ में माथा टेक चुके हैं.
भारत रत्न दिए जाने की उठने लगी है मांग
शिवकुमार स्वामी को भगवान मानने के पीछे एक और वजह है, दरअसल सिद्धगंगा मठ कई शिक्षण संस्थान और अस्पतालों का संचालन करता है. साथ ही राज्य में ज्यादा आबादी होने के चलते राजनीति में भी इस समुदाय का दबदबा है. यह समुदाय राज्य के राजनीतिक समीकरणों को बनाने और बिगाड़ने का माद्दा रखता है.
सोमवार को सिद्धगंगा मठ के महंत शिवकुमार स्वामी का 111 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनका निधन लंबी बीमारी के बाद हुआ है. उनकी मौत की खबर आने के बाद से ही राज्यभर से उन्हें भारत रत्न दिए जाने की मांग उठने लगी है. गौरतलब है कि शिवकुमार स्वामी को साल 2015 में भारत सरकार न पद्म भूषण से सम्मानित किया था. जबकि कर्नाटक सरकार साल 2007 में ही स्वामी को कर्नाटक रत्न से सम्मानित कर चुकी है.
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